रहाटगांव जुनी बस्ती स्मशान भूमि का नहीं हटा अतिक्रमण
पिछले डेढ वर्षों से संघर्ष जारी

अमरावती/दि.9– रहाटगांव के जुनीबस्ती परिसर में स्थित हिंदू श्मशान भूमि की जगह पर किया गया अतिक्रमण हटाने की मांग के लिए रहाटगांववासी डेढ़ वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. गांववासियों ने जनप्रतिनिधिों के साथ ही तहसीलदार, निगमायुक्त, जिलाधिकारी व संभागीय आयुक्त से शिकायतें की. 26 जनवरी को अनशन भी किया, फिर भी प्रशासन स्तर पर इस मुद्दे का अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया सुभाष भीमराव चौधरी कहा है कि, 1926 से आज तक 9 एफ क्लास. 90 हेक्टेयर आर जगह हिंदुओं की मशान भूमि के लिए आरक्षित है. 926 से अब तक दफन व दहन इसी जगह पर हुआ है, लेकिन इस स्लगह पर हुआ अतिक्रमण हटाने की दशा में प्रशासेर कोई निर्णय नहीं लिया है.
इस जगह पर श्री गोविंद प्रभुसंस्थान रहाटगांव ने अतिक्रमण किया है. यह अतिक्रमण हटाने केलिए गांववासी पिछले डेढ़ वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. 26 जनवरी को रहाटगांव के नागरिकों ने श्मशान ही आमरण अनशन की भूमि में ही शुरूआत की. तब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में राजस्व भवन में हुई बैठक में श्मशान भूमि जगह परअतिक्रमण हुआ है, यह निश्चित हुआ था. बावजूद इसके अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की गई. 29 जनवरी को समीक्षा बैठक हुई. जिलाधिकारी तब की अध्यक्षता में गोविंद प्रभु संस्थान ने यह विवाद समोपचार से मिटाने का सुझाव दिया.
उस समय आमरण अनशन तत्काल रद्द करने की अपील की गई. यह पत्र 30 जनवरी को निवासी जिलाधीश अनिल भटकर, तहसीलदार विजय लोखंडे, नांदगांव पेठ के पीआई अंभोले के समक्ष सौंपा गया. गांववासियों की मांग को कायम रखकर अनशन भी खत्म किया गया. लेकिन अभी तक श्मशान भूमि की जगह पर किया गया अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. गांववासियों का आरोप है कि, राजनीतिक दबाव में जिलाधीश व मनपा आयुक्त इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे.