अमरावती

इंजीनियरिंग, फार्मसी और कृषि के छात्र संकट में

कई छात्रों की छात्रवृत्ति और टीसी रोकी

* संस्थाचालक की मनमानी
अमरावती/दि.30-केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली सामान्य, ओबीसी, एससी और वीजेएनटी संवर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की गई. जिससे इंजीनियरिंग, फार्मसी और कृषि छात्रों की शिक्षा पूर्ण होने पर भी आगे के प्रवेश के लिए लगनेवाली टीसी महिावद्यालय की ओर से नहीं दी जा रही, वहीं दूसरी ओर छात्रवृत्ति की रकम दो, इसके बाद ही टीसी लो, ऐसी भूमिका शैक्षणिक संस्थाचालकों ने ली है. केंद्र सरकार के 60, तथा राज्य सरकार के 40 प्रतिशत ऐसी छात्रवृत्ति की रकम छात्रों को दी जाती है. लेकिन विगत दो साल से केंद्र सरकार के हिस्से की रकम नहीं मिलने से छात्रों सहित अभिभावक भी त्रस्त हो गए है. इंजीनियरिंग, फार्मसी, मेडिकल, कृषि के छात्रों का यह गंभीर विषय राज्य में निर्माण हो गया है. सैंकडो छात्र छात्रवृत्ति की अनियमितता के कारण त्रस्त हुए है. छात्रवृत्ति की रकम वापस मिलेगी, इसके लिए कई संस्थाचालक छात्रों को प्रवेश देते है. किंतु विगत चार साल से छात्रवृत्ति की धज्जियां उडी है. छात्रवृत्ति के अभाव में कई महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारियों के वेतन भी अटके है.
कम्प्यूटर सायन्स इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी हुई है. केंद्र सरकार की ओर से मिलनेवाली छात्रवृत्ति की रकम नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर प्राप्त नहीं हुई. इस बारे में कई बार महाविद्यालयों को बताया गया, किंतु जब तक छात्रवृत्ति की रकम जमा नहीं होती तब तक टीसी नहीं मिलेंगी, ऐसा महाविद्यालय ने सूचित किया है. अब आगे के शिक्षा की चिंता लगी है, ऐसी प्रतिक्रिया छात्रों द्वारा व्यक्त की जा रही है.

उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार छात्रवृत्ति के नियंत्रण के लिए प्री रेग्युलेटरी समिति गठित है. तथा केंद्र सरकार की ओर से छात्रवृत्ति 60 प्रतिशत हिस्सा सीधे नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर छात्रों के खाते में जमा होता है. राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति की इस बार 508 करोड की निधि वितरित की है. केवल 81 करोड बाकी है. यह निधि भी जल्द ही वितरित होगी.
-सुमंत भांगे, सचिव
सामाजिक न्याय व विशेष सहाय विभाग

Related Articles

Back to top button