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आउटसोर्सिंग एजन्सी के खिलाफ फिर खडे हुए इंजीनियर

अब आर-पार की लडाई के दिख रहे आसार

अमरावती/दि.22- ठेका लेने से लेकर देयक का भुगतान प्राप्त करने का प्रत्येक कदम पर पैसे अदा करने पडते है. स्थानीय राजनेताओं जन्मदिन मनाने से लेकर गणेशोत्सव के लिए भी आर्थिक सहयोग प्रदान करना पडता है. जीएडी में भी पैसे देने पडते है. यह सारा खर्च हम कहां से पूरा करे. इसी वजह से तुम्हारे वेतन में मजबुरी के चलते कटौती करनी पडती है. ऐसा कहते हुए आउटसोर्सिंग एजेन्सी का ठेका प्राप्त कंपनी द्वारा ठेके पर नियुक्त कर्मचारियों का वेतन काटा जाता है और उन्हें बेहद अत्यल्प वेतन अदा किया जाता है. इस आशय का आरोप मनपा की सेवा में रहनेवाले ठेका नियुक्त इंजीनियरों द्वारा लगाया गया है. साथ ही इन इंजीनियरों द्वारा अब आउटसोर्सिंग एजेन्सी के खिलाफ आर-पार की लडाई का संकेत भी दिया गया है. जिसे लेकर ठेका नियुक्त इंजीनियरों ने मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर से मुलाकात करते हुए उन्हें अपनी समस्याएं भी बताई है और आउटसोर्सिंग एजन्सी के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु कहा गया है. साथ ही अपने मेहनत व अधिकार की रकम प्राप्त करने के लिए जरूरत पडने पर आमरण अनशन करने की तैयारी भी दर्शायी.
मनपा की सेवा में रहनेवाले 42 ठेका नियुक्त इंजीनिअरों ने मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर तथा मनपा उपायुक्त भाग्यश्री बोरेकर से मुलाकात करते हुए बताया कि, आउटसोर्सिंग का ठेका रहनेवाले कंपनी के संचालक ने प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में प्रति माह तीन-तीन हजार रूपये की कटौती की है. यह सीधे-सीधे पहले ही बेहद कम वेतन पर काम करनेवाले इंजीनियरों के साथ आर्थिक शोषण की तरह है. यह जानकारी प्राप्त होते ही आयुक्त आष्टीकर ने उपायुक्त बोरेकर सहित मुख्य लेखा परीक्षक राम चव्हाण को करारनामा, देयक वव ईपीएफ आदि की जांच करने का निर्देश दिया. इस काम में करीब तीन दिनों की अवधि लगेगी, ऐसा भी बताया. यह जानकारी मिलते ही अब संबंधित ठेकेदार द्वारा खुद को कार्रवाई से बचाने हेतु शहर के एक बडे राजनीतिक दल के नेता की शरण ली जा रही है. ऐसी जानकारी देते हुए ठेका नियुक्त कर्मचारियों ने बताया कि, आउटसोर्सिंग एजेन्सी का ठेका रहनेवाले ठेकेदार द्वारा कुछ बडे नेताओं सहित प्रशासन के कुछ बडे अधिकारियों को प्रतिमाह निश्चित रकम का नजराना पेश किया जाता है. जिसके चलते तेरी भी चूप और मेरी भी चूप वाले तत्व पर यह पूरी गडबडी चल रही है.

* आयुक्त ने दिये संपूर्ण जांच के आदेश
इस पूरे मामले से अवगत होने के बाद मनपा आयुक्त के आदेश पर उपायुक्त भाग्यश्री बोरेकर ने संबंधित ठेकेदार से तत्काल खुलासा मांगा है और ठेकेदार ने इसके लिए कुछ समय बढाकर मांगा है. ठेकेदार द्वारा खुलासा दिये जाने के बाद प्रशासन द्वारा कार्रवाई की दिशा तय की जायेगी. साथ ही यह भी देखा जायेगा कि, ठेकेदार द्वारा सभी नीति व नियमों की पूर्तता की जा रही है अथवा नहीं, इससे संबंधित रिपोर्ट मुख्य लेखा परीक्षक से भी मांगी गई है. जिसके चलते अब मनपा की अस्थायी सेवा में रहनेवाले ठेका नियुक्त इंजीनियरों द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि, शायद उन्हें बहुत जल्द उनका अधिकारपूर्ण वेतन मिलेगा.

* एजेन्सी नई, चेहरे वही
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत अनेक वर्षों से आउटसोर्सिंग का ठेका प्राप्त करनेवाली एजेन्सियों के नाम बदलते रहे, लेकिन ठेकेदार के तौर पर वही चेहरे कायम है. जिसका सीधा मतलब है कि, अब आउटसोर्सिंग एजेन्सी के ठेके पर कुछ विशिष्ट लोगों का एकाधिकार हो गया है. जो अब प्रशासन को भी अपने सामने बिल्कुल नहीं गिन रहे. क्योंकि उन्हें प्रशासन में रहनेवाले कुछ अधिकारियों का पूरा साथ भी प्राप्त है. जिन्हें साथ देने की ऐवज में हर माह अच्छा-खासा नजराना मिल जाता है और इसी के दम पर उनकी ठेका नियुक्त कर्मचारियों पर रंगबाजी व दादागिरी चलती है.

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