अमरावतीमहाराष्ट्र

मई माह में लें अंतरिक्ष निरीक्षण का आनंद

खगोलीय निरीक्षक प्रभाकर दोड का आह्वान

अमरावती/दि.2– विभिन्न शौक जीवन में आनंद लाने में मदद करते हैं. खगोलशास्त्री प्रभाकर दोड ने आकाश अवलोकन के शौक का आनंद लेने की अपील की है.
इस समय, तापमान हर दिन नौवें उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है. दिन में घर से बाहर निकलना कठिन हो जाता है. शाम के समय, हवा में ठंडक विभिन्न खगोलीय दृश्यों को देखने में मदद करती है. मई के महीने में, तीन ग्रहों की स्पष्ट रात और दो ग्रहों का दिखना, दो ग्रहों का अस्त, उल्का वर्षा और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आदि का दृश्य, महत्वाकांक्षी आकाश प्रेमियों के लिए एक दावत होगी. इस महीने के साथ-साथ, पूरे महाराष्ट्र में भूमध्यरेखीय स्थिति के अनुसार शून्य परछाई दिवस का भी आनंद लिया जा सकता है. मई की शुरुआत में, सौर मंडल का सबसे बडा ग्रह बृहस्पति मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगा. यह ग्रह एक राशि में करीब एक साल तक रहता है. अब तक पूर्व क्षितिज पर तेजस्वी शुक्र, जो हमेशा पूर्वी क्षितिज पर हावी रहा है, 6 मई को पूर्व में अस्त हो जाएगा, जबकि सबसे बडा ग्रह बृहस्पति 7 मई को पश्चिम में अस्त हो जाएगा. ग्रामीण इलाकों में लोग इसे चांदनी डूबी’ ऐसा कहते हैं. पांच ग्रहों को खुली आंखों से आकाश में आसानी से देखा जा सकता है. चंद्रमा से ग्रहों की पहचान आसान हो जाती है. 4 मई को प्रात:वलयांकित शनी ग्रह चंद्र के उपर तथा 5 मई को चंद्रमा के करीब लाल रंग का मंगल देखा जा सकता है और 6 मई को, अर्धचंद्र के नीचे सबसे छोटा बुध देखा जा सकता है.

* कुंश राशि समूह में दिखेंगे उल्का पिंड
5 मई की सुबह दो बजे के बाद कुंभ राशि में पूर्वी क्षितिज पर कुंभ राशि समूह में 60 से अधिक अलग-अलग रंग के उल्का पिंड गिरते हुए दिखाई देंगे. हमारी पृथ्वी का एक चक्कर लगभग डेढ घंटे में पूरा करने वाला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन 9 तारीख को शाम 7.57 से 8.03 बजे तक दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए एक सुंदर घूमते हुए अर्धचंद्र के रूप में दिखाई देगा. 10 मई को शाम 7.08 बजे से शाम 7.13 बजे तक दक्षिण पूर्वी आकाश में और 11 मई को सुबह 4.57 बजे से सुबह 5.03 बजे तक उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्वी आकाश में तथा 13 मई की सुबह 4.54 से 5 बजे उत्तर-पश्चिम से दक्षिण की ओर जाते हुए देखें.

* जिरो शैडो दिवस

मई में सूर्य महाराष्ट्र का भ्रमण करेगा, इसलिए अक्षयवृत्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह दौरा 3 से 31 तक चलेगा. यह दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ना शुरू कर देगा. ठीक दोपहर के समय, चूंकि सूर्य ठीक ऊपर होगा, हमारी परछाई थोडी देर के लिए हमारा साथ छोड देगी. ऐसी घटना मकर से कर्क राशि के क्षेत्र में ही घटित होती है. भारत में यह अनुभूति रांची, भोपाल, झांसी के दक्षिणी भाग में महसूस की जा सकती है.

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