* बैंक ऑफ इंडिया में 8 करोड की धोखाधडी का मामला
अमरावती/ दि. 30– पुराने खेतान नगर निवासी उल्हास केशव जोशी को बैंक व्दारा कर्जदार बताते हुए उनकी प्रापर्टी निलाम कर धोखाधडी करने का मामला उजागर हुआ है. उन्होंने अदालत में न्याय की गुहार लगाई. मामले की जांच पडताल के बाद अदालत ने बैंक के 12 अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधडी का अपराध दर्ज करने के आदेश दिये है. जिससे बैंकिंग क्षेत्र में खलबली मच गई है.
मिली जानकारी के अनुसार अमरावती के वीएमवी रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया में 8 करोड रुपए तथा तथाकथित तौर पर कर्ज मामला मंजूर करने के लिए अपने नागपुर जोन शाखा के अधिकारियों से मिलीभगत कर उल्हास जोशी की प्रापर्टी हजम करने की प्रोसिस करने की शिकायत बीते 19 सितंबर 2016 को गाडगे नगर पुलिस थाने में दर्ज कराई थी. पुलिस थाने में डीएन पटेल, भूपेंद्र पटेल, के.साहू, पी.जोशी, एम.सुरेशा, आर.आर.मुन, एल.एस.खारोडे, एम.डी.वर्हाडे, आशिष मेश्राम, आर.कैलाशम, बातुल्ला कौशिकराव व दिलीप पाठक के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया, मगर अमरावती पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
आखिर परेशान होकर उल्हास जोशी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. गोमती मिल एण्ड फुड प्रा.लि. उद्योग के नाम पर उनपर कर्ज ठोकने के कारण अधिकारियों ने मिली भगत कर दस्तावेजों में हेराफेरही करते हुए उल्हास जोशी की प्रापर्टी निलाम करने की प्रक्रिया शुरु की थी. मुख्य न्यायदंडाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के बाद सुनवाई ली. जिसमें उल्हास जोशी कर्जदार नहीं पाये गए. इसके तहत अदालत ने बैंक के 12 अधिकारियों के खिलाफ दफा 434, 34 के तहत उल्हास जोशी के साथ धोखाधडी किये जाने के चलते अपराध दर्ज करने के आदेश दिये. साथ ही उन अधिकारियों को अदालत में उपस्थित रहने के आदेश है. उल्हास जोशी की ओर से एड.एम उर्फ उपर्वट ने दलीले पेश की.