अमरावती

समूचा शहर डेंग्यू की चपेट में, साफ-सफाई का नितांत अभाव

अमरावती/दि.28 – इस समय शहर के लगभग सभी प्रभागों में साफ-सफाई की व्यवस्था का नितांत अभाव है और जगह-जगह पर कचरे व गंदगी के ढेर लगे रहने के साथ-साथ कई स्थानों पर खुले में पानी भी जमा है. जिसकी वजह से संक्रामक बीमारियां फैलानेवाले मच्छरों का बडे पैमाने पर प्रादुर्भाव हो रहा है और विगत कुछ दिनों से डेंग्यू जैसी जानलेवा व संक्रामक बीमारी बडी तेजी से पांव पसार रही है. इस समय अमरावती शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां पर डेंग्यू से संक्रमित मरीज न पाया गया हो.
इन दिनों शहर के जिला सामान्य अस्पताल व पीडीएमसी अस्पताल सहित कई निजी अस्पतालों में डेंग्यू से संक्रमित हर आयुवर्ग के मरीज भरती है और सभी अस्पतालों में लगभग हाउसफुल्ल वाली स्थिति है. विशेष तौर पर छोटे बच्चे बडे पैमाने पर इस बीमारी की चपेट में आ रहे है. किंतु हैरत की बात यह है कि, इतना सबकुछ होने के बावजूद साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर मनपा एवं स्वच्छता विभाग के कामकाज के तरीके में कोई विशेष सुधार नहीं आया है. आज भी शहर के कई प्रभागों में सफाई ठेकेदारों द्वारा ‘दिखावटी’ सफाई कर्मियों की हाजरी दर्ज करायी जाती है. बता दें कि, साफ-सफाई का ठेका रहनेवाले सफाई ठेकेदार के पास पूरे प्रभाग में साफ-सफाई करने हेतु 55 सफाई कर्मचारी होना जरूरी है और इन सफाई कर्मचारियों द्वारा सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक अपने-अपने जिम्मे रहनेवाले रिहायशी इलाकों में साफ-सफाई की जानी चाहिए. किंतु पाया जाता है कि, कई प्रभागों में केवल सुबह के समय सफाई कर्मियों की हाजरी होती है. जिसके बाद कौन किधर चला जाता है, इसका कोई अता-पता नहीं होता. आरोप लगाये जाते है कि, सफाई ठेकेदारों द्वारा 50 रूपये रोज का भुगतान करते हुए कुछ दिखावटी कामगारों की मस्टर पर हाजरी दिखाई जाती है और हकीकत में 55 की बजाय केवल 10-15 ही नियमित सफाई कामगार होते है. इसकी वजह से सभी प्रभागों में साफ-सफाई की अव्यवस्था का आलम है.

आखिर कब नींद खुलेगी और किस बात का इंतजार

बता दें कि, दैनिक अमरावती मंडल द्वारा विगत जुलाई माह के दौरान किसी डेंग्यू व चिकनगुनिया के संभावित खतरे को समझते हुए शहर की साफ-सफाई व्यवस्था से संबंधित जमीन हकीकत से मनपा प्रशासन को अवगत कराया गया था और लगातार 15 दिनों तक खबरें प्रकाशित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों की कचरे व गंदगी से संबंधित समस्या को उजागर करने के साथ-साथ साफ-सफाई एवं कचरा ठेकेदार की लापरवाही व कामचोरी को भी सामने लाया गया था. जिसके बाद मनपा प्रशासन में थोडी-बहुत हलचल दिखाई दी और कई इलाकों में फवारणी व धुवारणी के काम करने भी शुरू किये गये. लेकिन कुछ ही दिनों के भीतर हालात जस के तस हो गये. ऐसे में सवाल पूछा जा सकता है कि, आखिर मनपा प्रशासन कब नींद से जागेगा और नींद से जागने के लिए प्रशासन द्वारा किस तरह की घटना का इंतजार किया जा रहा है.

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