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उद्धव साहब के कार्यो से प्रभावित होकर लिया शिवसेना में प्रवेश

अब एक ही मकसद संगठन मजबूती का

* पार्टी जो जिम्मेदारी दें उसे निष्ठा पूरा करूंगा
* धीरज श्रीवास ने साक्षात्कार में कहा
अमरावती/ दि.21 -पिछले 28 वर्षो से मैंने अमरावती की राजनीति को करीब से और भलीभांती जानता हूं. इस कार्यकाल में पिछले कुछ साल में राज्य और जिले में चली राजनीतिक गतिविधियों के बाद उद्धवजी ठाकरे की शिवसेना के कार्यो से प्रभावित होकर मैंने सहसंपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी और जिला प्रमुख सुनील खराटे के नेतृत्व में शिवसेना में प्रवेश लिया है. अब पार्टी जो जिम्मेदारी देंगी उसे निष्ठा के साथ करते हुए संगठन मजबूती के प्रयास रहेंगे. ऐसा शहर के युवा नेता धीरज श्रीवास ने कहा.
कांग्रेस और राकांपा में रहे धीरज श्रीवास ने कल अपने सैंकडो कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना के सहसंपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी और जिला प्रमुख सुनील खराटे के साथ मुंबई मातोश्री पहुंचकर शिवसेना में प्रवेश किया. इस अवसर पर उद्धव ठाकरे और सांसद अरविंद सावंत के साथ हुई मुलाकात में उन्होंने अमरावती से उनका काफी लगाव रहने और संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए. इसके मुताबिक अब पार्टी जो जिम्मेदारी सौंपेगी, उसके मुताबिक काम करने की मंशा जताते हुए धीरज श्रीवास ने अमरावती मंडल द्वारा लिए गए साक्षात्कार में कहा कि उनका राजनीतिक सफ़र पूर्व महापैर विलास इंगोले के युवाशक्ति संगठन से शुरू हुआ. तब वें महाविद्यालयीन छात्र थे. पश्चात बालासाहब भुयार के गाडगेबाबा क्रीडा मंडल से जुडा. यहां काम करते हुए उनका परिचय डॉ. सुनील देशमुख, बच्चू कडू, भैयासाहब ठाकुर, शेखावत परिवार से होता गया और वह डॉ. सुनील देशमुख के कट्टर समर्थक और निष्ठावान कार्यकर्ता के रुप में उनकी आगे राजनीतिक पहचान होने लगी. वर्ष 2007 में युवक कांग्रेस के वह अध्यक्ष बने. चार साल यह जिम्मेदारी संभालने के बाद जब अमरावती की राजनीतिक परिस्थिति बदलने लगी और डॉ. सुनील देशमुख ने कांग्रेस छोडकर वर्ष 2014 में जनविकास पार्टी की स्थापना की तब उनके साथ चले गए. फ़िर डॉ. देशमुख ने भाजपा का हाथ थाम लिया, लेकिन धीरज जनविकास पार्टी के साथ जुडे रहे और राजनीति से दूरी बनाई रखी. इस दौरान डॉ. सुनील देशमुख जिन्हें वह अपना नेता मानते थे और जिनके कट्टर समर्थक और निकटवर्ती रहे उनसे धीरज की दूरियां बढ़ती गई. इस कारण राजनीति से कुछ समय के लिए वह दूर हो गए. लेकिन वर्ष 2019 में राकांपा नेता संजय खोडके ने धीरज श्रीवास को स्नातक चुनाव के समय साथ लिया और राकांपा अमरावती विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी. तबसे वह राजनीति में वापस सक्रिय हुए. लेकिन बाद में राज्य की राजनीति बदलने के बाद उद्धव ठाकरे का नेतृत्व अच्छा लगने और अमरावती में शिवसेना पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के कार्यो से प्रभावित होकर धीरज ने अब शिवसेना में प्रवेश किया है.
धीरज श्रीवास का कहना था कि सहसंपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी, जिला प्रमुख सुनील खराटे के नेतृत्व में उन्होंनेे अपने कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना में प्रवेश किया है. पूर्व विधायक धाने पाटील, बालासाहब भागवत, महानगर प्रमुख पराग गुडधे से उनके करीबी संबंध है. उनके कार्य संगठन के लिए काफी प्रशंसनीय रहे है. अब इद्धवसाहब की शिवसेना में प्रवेश के बाद संगठन मजबूती के लिए पार्टी स्थानीयस्तर पर जो जिम्मेदारी सौंपेगी वह निष्ठा से पूरी करेंगे.धीरज का कहना था कि 28 साल के राजनीतिक सफर में उन्होंने अमरावती जिले को काफी करीब से देखा है और उन्हें अमरावती का पूरा अभ्यास है. इस कारण आनेवाले समय में जिम्मेदारी मिलने के बाद संगठन मजबूती के लिए अनेक योजना है और उसके मुताबिक स्थानीय नेता व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करेंगे.

उद्धव साहब ने बांधा शिवबंधन
धीरज श्रीवास ने बताया कि मातोश्री पर उद्धवजी से मुलाकात के बाद उन्होंने शिवसेना पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी पार्टी में प्रवेश लिया, तब उद्धव साहब ने उनके हाथो में शिवबंधन बांधकर संगठन मजबूती के लिए काम करने के आदेस दिए. उनके साथ उद्धवजी ने शैलेश घोंगडे, आतिश यादव, अशोक वालके, दीपक उर्फ पापा धोटे को भी शिवबंधन बांधा.

 

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