अमरावती

उद्योजक नरेंद्र भारणी शिकागो में आयोजित मैराथन में दौडे

42.2 किमी की स्पर्धा में अमरावती समेत विदर्भ से अकेले स्पर्धक हुए शामिल

* विश्व के 47 हजार स्पर्धकों ने लिया सहभाग
अमरावती/दि.11– अमरावती के विख्यात युवा उद्योजक नरेंद्र भारणी ने जर्मनी के बर्लिन के बाद शिकागो में गत 8 अक्तूबर को आयोजित मैराथन स्पर्धा में सहभाग लिया. 42.2 किमी की इस मैराथन को सफलतापूर्वक पूर्ण कर नरेंद्र भाराणी ने विदर्भ समेत अंबानगरी का नाम रोशन किया. उद्योजक व डेवलपर नरेंद्र भाराणी ने अपना अनुभव ताजा करते हुए बताया कि, शिकागो की मैराथन विश्व की सबसे अच्छी दौड है. संपूर्ण विश्व के मैराथन के दिवाने इसमें शामिल होते हैं. भारत से करीबन 250 स्पर्धक शिकागो मैराथन में शामिल हुए थे. जिसमें उनके साथ बैंगलुरु के मित्र आलोक कोठारी भी 42.2 किमी दौडे. नरेंद्र भाराणी ने बताया कि इस मैराथन में एक साथ 47 हजार स्पर्धक अनुशासनबद्ध तरीके से दौड रहे थे. इस नजारे को देखने के लिए विश्व के मैराथन के दिवाने उमड पडे थे. शिकागो का मौसम भी काफी पोशक रहा. लगातार 42.2 किमी दौडकर नरेंद्र भाराणी ने यह मैराथन सफलतापूर्वक पूर्ण की.

नरेंद्र भाराणी के मुताबिक अपनी जीवनशैली में अनुशासन, डेडीकेशन और संवेदनशीलता लने के लिए मैराथन एक तरह से तपस्या है. युवाओं को अपनी जीवनशैली का इसे हिस्सा बनाना चाहिए. क्योंकि फिटनेस के साथ ही मैराथन लाइफस्टाइल में जबरदस्त बदलाव लाती है. यदि खुद को बदलना है तो इससे अच्छा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. मैराथन की ट्रेनिंग के दौरान जबरदस्त पीडाएं सहन करनी पडती है. अनुशासित होने के लिए संघर्ष करना पडता है. खान-पान पर विशेष ध्यान देना पडता है. समय पर सोना और समय पर जागना अनिवार्य है. इन सभी बातों पर अमल करने वाले ही फुल मैराथन में शामिल हो सकते है. उन्होंने युवाओं को संदेश दिया है कि प्रत्येक युवा को सुबह नियमित रुप से 5-10 किमी दौडना चाहिए. यह जीवन के लिए लाभदायी साबित होगा. वर्ष 2019 से मैराथन के प्रति आकर्षित हुए उद्योज नरेंद्र भाराणी ने आयकर ेसे सेवानिवृत्त हुए दिलीप पाटिल का इसके लिए आभार माना. उन्होंने बताया कि अमरावती में दिलीप पाटिल ने मैराथन का कल्चर डेवलप किया. अब नरेंद्र भाराणी का वर्ष 2024 के अप्रैल माह में लंडन में आयोजित मैराथन में सहभागी होने का लक्ष्य है.

* 112 दिन किया अभ्यास
उद्योजक नरेंद्र भाराणी ने शिकागो मैराथन में शामिल होने के लिए 112 दिन यानी 16 सप्ताह तक अभ्यास किया. वह हर सप्ताह चार दिन दौड लगाते थे. सुबह 5 बजे वह अपना अभ्यास शुरु करते थे. रविवार को वह लगातार 35 किमी दौडते थे. अथक परिश्रम कर उन्होेंने 6 माह में 10 से 12 किमी वजन भी कम किया. शिकागो मैराथन की बुकिंग 8 माह पूर्व शुरु हुई थी. इस बुकिंग के बाद से ही उन्होंने कडा अभ्यास कर दिया था. शिकागो मैराथन का उनका अनुभव काफी शानदार रहा.

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