उपजिला अस्पताल में उपलब्ध रहने के बाद भी नहीं दे रहे है दवा
गरीब आदिवासी मरीजों को मेडिकल स्टोर की थमाई जा रही पर्ची
अधिकारियों के फोन आते ही उपलब्ध हो जाती है दवाईयां
धारणी/ दि. 17- धारणी उपजिला अस्पताल हमेशा ही अपने अजिबो-गरीब कामकाज के लिए सूर्खियों में बना रहता है. आज फिर बडा ही अजिब मामला सामने आया है. उपजिला अस्पताल में दवा उपलब्ध रहने के बाद भी बहाना बनाकर निजी मेडिकल स्टोर से दवा लाने के लिए मरीजों को पर्ची दी जा रही है. जबकि उसी दवा के लिए अगर विभाग के अधिकारी का फोन आता है, तो दवा आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है.
एक व्यक्ति अपनी बच्ची को लेकर इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे. जांच के बाद गरीब बच्ची के पिता को निजी मेडिकल स्टोसर्अ से दवा लाने के लिए पर्ची दी गई.दवा के बारे में अस्पताल में उपस्थित फॉर्मसी से पूछे जाने पर वह टालमटोल करने लगा. तब हमारे तहसील प्रतिनिधि ने इस बारे में अस्पताल के एक अधिकारी से चर्चा की. उस अधिकारी के कहने पर उसी फॉर्मसी में वहीं दवा जो पहे उपलब्ध नहीं थी वह उपलब्ध करायी. इससे यह स्पष्ट होता है कि, धारणी उपजिला अस्पताल में दवा उपलब्ध होने के बाद भी गरीब मरीजों को बाहर निजी मेडिकज स्टोर से दवा खरीदी करने के लिए विवश किया जा रहा है. यह उदाहरण के तौर पर एक मरीज की हकीकत की गई. परंतु यहां सभी मरीजों के साथ यही अजिबो-गरीब आलम शुरु है. वैसे ही धारणी, मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण जैसी कालिख पुती हुई है. कुपोषण हटाने के लिए बडे-बडे दावे किये जा रहे है. सरकार व्दारा करोडों रुपयों की निधि उपलब्ध कराई जाती है. दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन की ओर से ही मरीजों का शोषण किया जा रहा है. इस ओर वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि गंभीरता से ध्यान दे, मरीजों का शोषण करने वाले संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए और आम मरीजों के लिए पर्याप्त दवा उपलब्ध करवाई जाए, ऐसी मांग धारणीवासियों व्दारा की जा रही है.