अंतिम यात्रा निकली तो भी चलेगा, अब पीछे नहीं हटेंगे
अन्न त्याग आंदोलन की पृष्ठभूमि पर बच्चू कडू का संकल्प

* अमरावती संत गाडगेबाबा मंदिर से निकाली बाईक रैली
* मोझरी में राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज समाधी के पास रविवार से शुरु की भूख हडताल आंदोलन
अमरावती /दि.9– हमारी शवयात्रा आगे बढ़ेगी. लेकिन अब जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा संकल्प पूर्व मंत्री तथा प्रहार संगठन के संस्थापक बचचिू कडू ने किया है. किसानों के विविध प्रश्नों को लेकर आक्रामक हुए बच्चू कडू ने अब राज्य की महायुती सरकार के खिलाफ गुरुकुंज मोझरी के राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज समाधी स्थल के पास भूख हडताल शुरु कर दी. इस अवसर पर हजारों की संख्या में किसान व प्रहार कार्यकर्ता उपस्थित थे.
पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू किसानों की कर्ज माफी, खेतिहर मजदूरो और दिव्यांगो के लिए स्वतंत्र वित्तीय महामंडल समेत विभिन्न मांगो को लेकर बेमियादी अनशन रविवार 8 जून से मोझरी के राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज समाधी के पास शुरु कर दिया है. इसके पूर्व रविवार को दोपहर में अमरावती के गाडगेनगर स्थित संत गाडगे बाबा मंदिर से गुरूकुंज मोझरी राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज समाधी स्थल तक करीबन 20 हजार कार्यकर्ता व किसानों के साथ बच्चू कडू ने बाईक रैली निकाली. रैली शुरू होने से पूर्व बच्चू कडू ने कहा कि अब शवयात्रा निकली तो भी चलेगा, अब किसी भी हाल में मांगे पूर्ण न होने तक पीछे नहीं हटेंगे. दिव्यांगो को दिए जानेवाले मानदेय का भुगतान समय पर न किए जाने के मुद्दे पर बोलते हुए कडू ने कहा कि अधिकारियों और मंत्रियों का वेतन समय पर दिया जा रहा है. लेकिन दिव्यांगो के लिए निधि का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है. सरकार जानूझकर लोगों को मुद्दों की लडाई से दूर रख रही है. इसलिए जब तक हमारी मांगे मंजूर नहीं होती तब तक हम वहां से पीछे नहीं हटेंगे. चाहे मेरी शवयात्रा ही वहां से क्यों न निकल जाए, हम अपने मुद्दो से नहीं हटेंगे, ऐसा बच्चू कडू ने कहा. बच्चू कडू के आंदोलन की शुरूआत गाडगेनगर से बाईक रैली से हुई. वें बैलगाडी पर सवार थे.
बच्चू कडू ने बाईक रैली के दौरान कहा कि, सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए पूरक कर्जमाफी की घोषणा की थी. साथ ही सातबारा भी कारा किया जाना था. लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में आते ही महायुति सरकार इन वादों को पूरा नहीं कर रही है. इसलिए उन्होंने यह आंदोलन शुरु किया है. उन्होंने कहा कि, किसानों की तरह कृषि मजदूरों को भी आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में बीमा कवरेज प्रदान किया जाना चाहिए. साथ ही कृषि मजदूरों के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड स्थापित किया जाना चाहिए. बुआई से कटाई तक सभी कृषि कार्यों को महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में शामिल किया जाना चाहिए. यदि यह संभव नहीं है, तो तेलंगणा की तर्ज पर 10 हजार रुपए प्रति एकड की सहायता प्रदान की जानी चाहिए. रासायनिक खादों की तरफ जैविक एवं भेंड खाद के लिए भी सबसिडी देने का प्रावधान किया जाना चाहिए. दूध में मिलावट रोकने के लिए गाय के दूध का मूल्य 50 रुपए प्रति लीटर और भैस का 60 रुपए प्रति लीटर तय किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि, प्याज की कीमत स्थिर रखने के लिए निर्यात प्रतिबंद तब तक लागू न किया जाये, तब तक इसकी कीमत 40 रुपए तक न पहुंच जाये.
* मोझरी पहुंचते ही किये समाधी स्थल के दर्शन
बच्चू कडू ने अमरावती के संत गाडगे बाबा मंदिर से किसान व प्रहार कार्यकर्ताओं के घर बाईक रैली की शुरुआत की. उन्होंने संत गाडगे महाराज की समाधी के दर्शन कर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर चौक पर पहुंचकर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अभिवादन किया और जिलाधिकारी कार्यालय के सामने से सीधे मोझरी के तरफ रवाना हुए. वहां पहुंचते ही राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के समाधी के दर्शन कर सीधे भूख हडताल पर बैठ गये. इसके पूर्व उन्होंने किसानों को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने अब किसी भी हाल में पीछे न हटने की बात कही.