अमरावतीमहाराष्ट्र

पैसे नहीं भी रहे तो वकील, 600 लोगों ने लिया लाभ

नि:शुल्क वकील प्राप्त करें

* जिला विधी सेवा प्राधिकरण की सकारात्मक पहल
अमरावती /दि.28– कोई केस लडना है और पैसे नहीं है, लेकिन न्याय चाहिए, ऐसा लगता हो, तो टेंशन न लें विधी सेवा यह प्रत्येक का अधिकार है. लेकिन केवल वकील नियुक्त करते नहीं आता. इस कारण कानून विषयक दुविधा अथवा समस्या आती हो, तो प्रत्येक सेवा विधी प्राधिकरण की तरफ से सरकारी खर्च से नि:शुल्क वकील दिया जाता है. पिछले एक साल में 600 से अधिक लोगों को नि:शुल्क वकील देकर अमरावती जिला विधी सेवा प्राधिकरण ने राहत दी है.
नि:शुल्क कानूनन सहायता मिलना यह प्रत्येक नागरिक का अधिकार है. संसद ने विधी सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 मंजूर कर गरीबों को न्याय दिलवाने का अधिकार दिया है. संविधान की धारा 14 के मुताबिक सभी को समान न्याय का अवसर दिया गया है. जिस व्यक्ति को नि:शुल्क कानूनी सेवा चाहिए, वे संबंधित प्राधिकरण अथवा समिति के पास लिखित स्वरुप में आवेदन कर सकते है अथवा वे ऑनलाइन भी आवेदन भर सकते है. कैदियों को भी वकील दिये जाते है. इस नि:शुल्क विधी सेवा के लिए उत्पन्न का दाखिला और पहचान पत्र रहना अनिवार्य है. आवेदन की प्राधिकरण की तरफ से जांच करने के बाद संबंधित को नि:शुल्क वकील देने की सुविधा उपलब्ध कर दी जाती है.

* नि:शुल्क वकील किसे मिल सकता है?
महिला व 18 वर्ष से कम आयु के युवक, अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्ति, 3 लाख रुपए के भीतर वार्षिक आय, औद्योगिक कामगार, गरीब व्यक्ति को नि:शुल्क कानूनी सलाह व सहायता की जाती है.

* नि:शुल्क वकील के लिए प्रक्रिया कौनसी?
आप नि:शुल्क कानूनी सहायता के लिए ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. आप अपने निकट के विधी सेवा प्राधिकरण में उपलब्ध आवेदन भर सकते है. वह या तो प्राधिकरण के पास प्रत्यक्ष सबमिट कर सकते है अथवा प्राधिकरण के पास आवेदन पोस्ट कर सकते है.

* कानूनी सहायता नि:शुल्क दी जाती है
जिन्हें वकील रखना महंगा पडता है, उसे सरकार नि:शुल्क कानूनी सहायता देती है. जिला विधी सेवा प्राधिकरण के जरिए नि:शुल्क वकील दिये जाते है. संविधान की धारा 21 में नि:शुल्क कानूनी सहायता मिलना यह नागरिकों का मूलभूत अधिकार है.
– मंगला कांबले,
सचिव, जिला विधी सेवा प्राधिकरण.

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