अमरावतीमुख्य समाचार

अब भी रापनि कर्मियों की हडताल का गतिरोध है बना हुआ

केवल 296 ने स्वीकारी वेतनवृध्दि, काम पर लौटे

* 2,150 रापनि कर्मी अब भी अडे हुए है हडताल पर

अमरावती/दि.3- राज्य परिवहन निगम को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर समूचे राज्य में एसटी कर्मचारी विगत तीन माह से लगातार हडताल पर है. जिनमें अमरावती जिले के आठों आगारोें के रापनि कर्मचारियों का भी समावेश है. वहीं सरकार ने इस मामले का हल निकालने हेतु तथा हडताल को खत्म करने हेतु रापनि कर्मियों को भारी-भरकम वेतनवृध्दि का पर्याय उपलब्ध कराया. जिसके बाद अमरावती विभाग के 2 हजार 441 रापनि कर्मियों में से केवल 296 कर्मचारियों ने इस वेतनवृध्दि को स्वीकार करते हुए काम पर लौटने की तैयारी दर्शाई. वहीं 2 हजार 150 कर्मचारियों ने वेतनवृध्दि को नकार दिया और वे अब भी रापनि को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर हडताल पर अडे हुए है. जिसके चलते जिले के आठों रापनि आगारों में 367 बसों के पहिये अब भी जगह पर ही रूके हुए है.
विगत तीन सप्ताह से लगातार चल रही हडताल के चलते पूरे जिले में सरकारी बस सेवा ठप्प होने के साथ ही अस्त-व्यस्त भी हो गई है. जिसकी वजह से आम नागरिकों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. साथ ही राज्य परिवहन निगम को भी लगातार बस सेवा बंद रहने के चलते बडे पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड रहा है. इस बात के मद्देनजर राज्य परिवहन निगम व राज्य सरकार द्वारा आपसी विचार-विमर्श के बाद रापनि कर्मियों के वेतन में वृध्दि करने की घोषणा की गई है. जिसे लेकर सरकारी अध्यादेश भी जारी किया गया. किंतु जिले के 2 हजार 441 रापनि कर्मचारियों में से अब तक केवल 296 कर्मचारियों ने ही इस वेतन वृध्दि को स्वीकार किया है और वे काम पर लौटे है. वहीं शेष 2,150 रापनि कर्मी विलीनीकरण की मांग को लेकर अब भी हडताल पर है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, काम पर लौटनेवालों में ज्यादा तर रापनि के प्रशासकीय व यांत्रिकी विभाग के कर्मचारी है और अधिकांश वाहक व चालक वेतनवृध्दि के पर्याय को ठुकराकर हडताल पर है. जिसके चलते जिले के सभी आगारों में अधिकांश बसें जगह पर ही खडी है.
बता दें कि, अमरावती विभाग में कुल 367 बसें है, जिसमें से गत रोज अमरावती आगार से केवल अमरावती-वरूड व वरूड-अमरावती इन दो बसों की फेरियां चलायी गई. वहीं अन्य रूटों पर बस सेवा पूरी तरह से ठप्प रही. जिसके चलते अधिकांश रूटों पर यात्रियों को निजी यात्री वाहनों का सहारा लेना पडा. किंतु निजी यात्री वाहनों द्वारा रापनि कर्मियों की हडताल जारी रहने के चलते अनाप-शनाप यात्रा शुल्क वसूला जा रहा है. जिसकी वजह से लोगों को नाहक ही आर्थिक बोझ सहन करना पड रहा है.

आगारनिहाय आंकडे
आगार
अमरावती
बडनेरा
परतवाडा
वरूड
चांदूर रेल्वे
दर्यापुर
मोर्शी
चांदूर बाजार

-कुल कर्मचारी
252
162
263
195
172
253
180
178

– काम पर लौटे
40 (प्रशासकीय)
17 (प्रशासकीय)
07 (प्रशासकीय)
15 (प्रशासकीय)
05 (प्रशा. व यांत्रिकी)
02 (प्रशा. व यांत्रिकी)
06 (प्रशा. व यांत्रिकी)
02 (प्रशासकीय)

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