दीपावली पर भी कागजी खानापूर्ति की तरह रही एफडीए की कार्रवाई
महज तीन स्थानों पर मारे गये छापे, 350 किलो घी व 320 किलो मिठाई जब्त
* अन्य पूरे सालभर शहरवासियो का स्वास्थ्य रामभरोसे, यदाकदा एफडीए की खुलती है नींद
अमरावती/दि.4– शहर के विभिन्न होटलों, उपहारगृहों, दुध डेयरियों व बेकरियों सहित सडकों के किनारे व चौक चौराहों के आसपास लगने वाली अस्थायी दुकानों में विविध खाद्य पदार्थ, व्यंजन व दुग्धजन्य पदार्थ तैयार किये जाते है और उनकी विक्री की जाती है. ऐसे स्थानों पर साफ-सफाई संबंधित जांच अन्य व औषधी प्रशासन यानि एफडीए द्वार नियमित रुप से किया जाना अपेक्षित होता है. परंतु अमूमन एफडीए द्वारा यह काम किया ही नहीं जाता. जिसके चलते शहर सहित जिलावासियों के स्वास्थ्य को रामभरोसे कहा जा सकता है. जिसके लिए हमेशा ही एफडीए द्वारा अपने पास मनुष्यबल की कमी रहने की बात कही जाती है. लेकिन इस चक्कर में मिलावट की खाद्य पदार्थों की वजह से शहरवासियों का स्वास्थ्य खतरे में है. विशेष उल्लेखनीय है कि, दीपावली के समय बडे पैमाने पर विविध व्यंजनों व मिष्ठान्नों की शहर में जमकर विक्री हुई. लेकिन ऐसे समय भी एफडीए द्वारा गिनकर 3 कार्रवाईयां करते हुए एक तरह से कागजी खानापूर्ति कर ली गई है और शहर के अधिकांश खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के यहां जाकर एफडीए के अधिकारियों ने कोई जांच पडताल नहीं की.
सर्वसामान्यों को मिलावटमुक्त पोषक व योग्य खाद्य पदार्थ मिले और उनका स्वास्थ्य बेहतरीन रहे. इस हेतु अन्न व औषध प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी काफी बडी है. लेकिन खुद विभाग के अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी की जाती है. वहीं सालभर के दौरान केवल एक बार दीपावली पर्व के समय इक्का-दुक्का कार्रवाईयां करने का दिखावा किया जाता है. ज्ञात रहे कि, एफडीए के पास पूरे जिले के लिए केवल एक ही अन्न सुरक्षा अधिकारी है. जिसके द्वारा जिलेभर के सभी होटलों, रेस्टारेंट, उपहारगृह, बेकरी व दुध डेयरियों की जांच पडताल करना लगभग असंभव है. ऐसे में खाद्य पदार्थों की निर्मिति व विक्री करने वाले विक्रेताओं को किसी का कोई भय ही नहीं है. जिसके चलते यह सवाल उपस्थित हो रहा है कि, शहर सहित जिलावासियों द्वारा जिन खाद्य पदार्थां का सेवन किया जा रहा है, वे खाद्य पदार्थ वाकई सेवन करने योग्य है भी अथवा नहीं.
सबसे विशेष बात यह है कि, खाद्य पदार्थ विक्रेताओं के यहां साफ-सफाई बराबर है अथवा नहीं. खाद्य पदार्थों को तैयार करते समय गुणवत्ता का ध्यान रखा जाता है अथवा नहीं और खाद्य पदार्थों की निर्मिति व विक्री किस तरह से की जाती है. इन तमाम बातों की ओर ध्यान देने की जिम्मेदारी एफडीए की ओर होती है. परंतु एफडीए द्वारा कही से कोई शिकायत मिले बिना कार्रवाई ही नहीं की जाती, बल्कि दीपावली के समय 2-4 जगहों पर जाकर जांच व कार्रवाई करते हुए एक तरह से कागजी खानापूर्ति कर ली जाती है.
* दीपावली पर आया था कर्नाटक से मिलावटी खोवा
दीपावली पर्व के दौरान एफडीए ने गिनकर तीन कार्रवाईयां की. जिसके तहत चैतन्य कालोनी स्थित रामराव नागपुरे के गोदाम पर छापा मारकर कर्नाटक से लाये गये 3500 किलो मिलावटी खोवे को जब्त किया गया. इसी तरह मुदलीयार नगर स्थित सागर दुध डेयरी पर छापा मारकर 350 किलो मिलावटी घी और इतवारा बाजार स्थित राजू नमकीन पर छापा मारकर कम गुणवत्ता वाली 320 किलो मिठाई को जब्त किया गया.
* स्टॉल, हॉकर्स व हाथगाडियों की अनदेखी
इन दिनों घर से बाहर जाकर अटपटा चटपटा खाने वालों की संख्या अच्छी खासी बढ गई है. जिसके चलते शहर के प्रत्येक चौक-चौराहों व रिहायशी इलाकों में चौपाठियां तैयार हो गई है. जहां लगने वाले स्टॉर्ल्स पर अलग-अलग चायनिस खाद्य पदार्थ, इडली, दोसा, उत्तपा, भेलपूरी, पानीपूरी, दाबेली, बर्गर, पिज्जा, कचोरी, समोसा, वडापाव, दहीवडा, कच्चा चिवडा जैसे विविध खाद्य पदार्थों की विक्री होती है. साथ ही साथ सडक किनारे लगने वाली अस्थायी दुकानों के जरिए प्रतिवर्ष दीपावली पर्व के समय विविध पकवानों व व्यंजनों की भी जमकर विक्री होती है. परंतु ऐसे मामलों की ओर एफडीए द्वारा कभी कोई ध्यान नहीं दिया जाता.
* अन्य त्यौहारों पर निष्क्रिय रहता है एफडीए
एफडीए की अधिकांश कार्रवाईयां दीपावली पर्व के समय ही होती है. वहीं सालभर के दौरान पडने वाले होली, गणेशोत्सव, नवरात्रोत्सव, दशहरा, गुडी पाडवा, ईद व क्रिसमस जैसे बडे त्यौहारों के समय भी मिठाई, दुग्धजन्य उत्पाद, खाद्य पदार्थ, बेकरी उत्पाद व अन्य खाद्य पदार्थों की जमकर विक्री होती है. परंतु ऐसे किसी भी त्यौहार के समय एफडीए द्वारा कभी कोई जांच या कार्रवाई नहीं की जाती. इसके चलते यह सवाल उपस्थित होता है कि, क्या उन सभी त्यौहारों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ पूरी तरह से सेवन हेतु योग्य होते है और या केवल दीपावली पर्व के समय ही मिलावटी खाद्य पदार्थों की विक्री होती है.
* एफडीए द्वारा शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है. दीपावली पर्व के समय खाद्य पदार्थों में मिलावट की संभावना अधिक रहने के चलते हम अपनी ओर से पूरा ध्यान देते है. साथ ही सालभर के दौरान भी हमारी कार्रवाईयां चलती रहती है. परंतु मनुष्यबल का अभाव रहने के चलते हमारी कार्रवाई का दायरा काफी हद तक सीमित है.