छोटे बच्चे भी हो रहे पीठदर्द का शिकार
अमरावती/दि.12- इन दिनों स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी पीठदर्द का कमरदर्द का शिकार हो रहे है. घर में व कक्षा में पढाई-लिखाई हेतु गलत तरीके से बैठने की आदत, स्कूली बस्ते के बोझ तथा मोबाइल, कम्प्यूटर व लैपटॉप के अतिप्रयोग की वजह से छोटे बच्चों को कमरदर्द, गर्दनदर्द व रीढ की हड्डि से संबंधित बीमारी का सामना करना पड रहा है.
* स्कूल बैग का बोझ
– स्कूल अथवा महाविद्यालय में अब पाठ्यपुस्तकों के साथ ही प्रत्येक विषय की दो-दो नोटबुक, स्वाध्याय पुस्तिका, कार्य पुस्तिका लेकर जाना पडता है. जिसके चलते कापी किताब से भरे स्कूल बैग काफी वजनदार हो जाते है.
– इतने भारी भरकम वजन वाले स्कूल बैग को पीठ पर लादकर ढोने की वजह से बच्चों में कमरदर्द व पीठदर्द की समस्या बढने लगी है.
* शाला में गलत ढंग से बैठने की आदत
कई विद्यार्थियों की शाला में बैठने की पद्धत व आदत गलत होती है. जिसके बारे में उनके शिक्षकों द्बारा उन्हें कुछ नहीं बताया जाता. इसके चलते छोटे बच्चों में पीठदर्द व कमरदर्द की शिकायत बढने लगती है.
* लैपटॉप व मोबाइल का सतत प्रयोग
आज के दौर में लगभग सभी विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा व क्लास के नाम पर मोबाइल व लैपटॉप का एक ही जगह पर बैठकर काफी देर तक प्रयोग करते है. इस वजह से भी पीठदर्द, कमरदर्द व गर्दन के दर्द की समस्या बढती है.
* कौन सी सतर्कता जरुरी
– नियमित व्यायाम
अभिभावकों ने अपने बच्चों को नियमित तौर पर व्यायाम करने की आदत लगानी चाहिए. साथ ही रोजाना सुबह बच्चों से व्यायाम करवाना चाहिए.
– बैठने का तरीका
बच्चों ने एक ही जगह पर लगातार बैठना टालना चाहिए. बल्कि कुछ देर तक बैठने के बाद थोडी देर का ब्रेक लेना चाहिए. इसके साथ ही बैठने के तरिके पर भी ध्यान देना जरुरी है.
– कैल्शियमयुक्त पदार्थों का सेवन
बच्चों को कैल्शियम व लौहतत्वयुक्त पदार्थ, फल तथा पौष्टिक आहार देना चाहिए, ताकि उनकी हड्डियां मजबूत हो और आगे चलकर उन्हें कमरदर्द, पीठदर्द व जोडो के दर्द का सामना न करना पडे.
– दोनों कंधों से लटकाए स्कूल बैग
कई बार शालेय छात्र-छात्राएं अपने स्कूल बैग को अपने एक ही कंधे पर लटकाते है. यह गलत तरीका है. इसकी बजाय स्कूल बैग को दोनों कंधों पर लटकाना चाहिए. साथ ही मोटे व नर्म बंधे यानि पट्टे रहने वाले स्कूल बैग खरीदने चाहिए. जिसमें वजनी पुस्तकों को सबसे नीचे और हल्की पुस्तकों को उपर रखना चाहिए.