कोविड को मात देनेवाले भी 14 दिनों बाद लगवा सकते हैं वैक्सीन
डॉक्टरों के सुझाव के अनुरूप होम क्वारंटाइन रहते हुए भी इस घातक बीमारी को दे सकते है मात
परतवाडा/अचलपुर/प्रतिनिधि दि.१० – कोविड की दूसरी लहर ने लोगो मे भय औऱ भ्रम पैदा कर दिया है. दैनिक संक्रमितों के बढते आंकडे जहां डराते है, वही इंटरनेट मीडिया पर इससे बचने के लिए बताये जा रहे तरह-तरह के अपुष्ट उपाय लोगो को भ्रमित करते हैं. कोविड वैक्सीन को लेकर भी कुछ लोगो के मन मे कई तरह की शंकाएं और सवाल है. इनका समाधान किया है परतवाडा कोरोना केअर सेंटर और भामकर क्रिटिकल हॉस्पिटल के डॉ अरविंद भामकर ने.
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कौनसी वैक्सीन उपलब्ध है?
– देश मे फिलहाल कोविशील्ड व कोवैक्सीन उपलब्ध है.
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दोनों खुराक के बीच का सही अंतराल क्या है?
– कोवैक्सीन को चार से छह सप्ताह के बीच लगाने की अनुशंसा है,जबकि कोविशील्ड को चार से आठ सप्ताह के बीच. हालांकि,अध्ययन बताते है कि 12 हफ्ते तक इसका इस्तेमाल सुरक्षित और प्रभावी है. 19 फरवरी को लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया था कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अगर 12 हफ्ते का अंतराल रखा जाता है तो वह 81.3 फीसदी तक असरदार हो जाती है, जबकि छह सप्ताह से कम अंतराल पर 55.1फीसदी ही प्रभावी रहती है.
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क्या दोनों बार अलग-अलग वैक्सीन लगवा सकते हैं?
-बिलकुल नहीं. ये दोनों अलग-अलग प्रकार की वैक्सीन है. एक व्यक्ति को कतई दोनों वैक्सीन नही लगवानी चाहिए. दूसरी खुराक भी उसी वैक्सीन की होनी चाहिए, जिसकी पहलीं खुराक ली गई हो.
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कोरोना से उबरने के बाद वैक्सीन के लिए कितना इंतजार करना चाहिए ?
-स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना संक्रमण से उबरने वाले व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों तक वैक्सीन नही लेनी चाहिए. इसके बाद वैक्सीन ले सकते है. हालांकि, अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 90 दिनो बाद ही वैक्सीन लगाने की सलाह देता है.
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यह कैसे संभव है कि घर मे एक व्यक्ति तो कोरोना संक्रमित है और उसके संपर्क में आने के बावजूद अन्य की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है?
– पहला कारण है कि रिपोर्ट ही गलत हो सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमित एक तिहाई लोगो की रिपोर्ट निगेटिव आई है. अन्य कारणों में वैसे लोग हो सकते हैं, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन नही ली हो और पूर्व में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हो. भले ही उनमें संक्रमण के लक्षण नही दिखाई दिए हो.
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होंम क्वारंटाइन अथवा अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कब पडती है?
– देश मे ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जिनमे कोरोना के लक्षण बहोत ही सामान्य हैं और घर पर क्वारंटाइन के जरिये बीमारी को मात दे सकते हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत ही नही हैं. केवल जिन्हें खतरा ज्यादा है, खासकर सह रुग्णतावालों को हल्के लक्षणों के बाद अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है.
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इंटरनेट मीडिया पर दी जानेवाली सलाह कितनी कारगर है?
– उन पर बिल्कुल ही भरोसा न करे. डॉक्टर के परामर्श से ही दवा ले और अन्य उपायों को अपनाए. बिना जाने इलाज करना बीमारी को बढाना है.
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क्या पालतू पशुओं को भी कोरोना हो सकता है?
– सीडीसी के अनुसार दुनिया मे ऐसे मामले कम ही आये है. पालतू पशुओं में तो कोरोना संक्रमित के करीबी संपर्क से यह बीमारी हो सकती है, लेकिन पशुओं से मनुष्य में इस बीमारी के प्रसार के अभी प्रमाण नहीं मिले है.
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संदिग्ध लक्षण दिखने के बाद कोविड-19 की जांच के लिये कितना इंतजार करना चाहिए?
– बिल्कुल ही इंतजार नहीं करना चाहिए. संदिग्ध लक्षणों के दिखने के बाद तत्काल जांच करवाएं. जब लक्षण दिखे, उसी दिन से खुद को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर ले. पॉजिटिव रिपोर्ट आने के दस दिनों बाद तक अथवा लगातार तीन दिन बुखार न आने तक खुद को क्वारंटाइन करे.
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पूर्व में कोरोना संक्रमित हो चुके लोगो को भी क्या वैक्सीन लेने की जरूरत है?
– बिल्कुल, अगर आप पहले कोरोना संक्रमित हो चुके हो, तब भी वैक्सीन की दोनों खुराक लेने की सलाह दी जाती है. इससे आपके शरीर मे वायरस के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली (एंटीबॉडीज) विकसित होंगी.