अमरावती

अंतत: आईआईएमसी का स्थलांतरण टला

संचालक सौमित्र सहित प्रा. सोनुले का हुआ दिल्ली तबादला

  • डॉ. भारती होंगे आईआईएमसी के नये केंद्र संचालक

  • अब अमरावती से नहीं जायेगा जनसंचार संस्थान

अमरावती/दि.25 – विगत कुछ दिनों से भारतीय जनसंचार संस्थान यानी इंडियन इन्स्टिटयूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) का अमरावती स्थित पश्चिम क्षेत्रीय केंद्र यहां के केंद्र संचालक व सहयोगी प्राध्यापकों की आपसी राजनीति व अहंकार की लडाई के चलते विवादों में घिरा हुआ था. साथ ही मामला पुलिस तक भी पहुंच गया था. इन्हीं सब बातों के मद्देनजर आईआईएमसी के स्थानीय केंद्र को यहां से बंद कर नागपुर स्थलांतरित किये जाने के प्रयास चल रहे थे. किंतु अब विवाद की जड रहनेवाले केंद्र संचालक अनिलकुमार सौमित्र व संस्थान के सहायक प्राध्यापक विनय सोनुले का तबादला यहां से दिल्ली कर दिया गया है. साथ ही अनिल सौमित्र द्वारा निलंबित किये गये चार प्राध्यापकों का निलंबन भी रद्द कर दिया गया है और सौमित्र के स्थान पर आईआईएमसी दिल्ली के प्रकाशन विभाग प्रमुख डॉ. वी. के. भारती को इस केेंद्र का नया संचालक नियुक्त किया गया है. जिससे अब पूरे मामले व विवाद का पटापेक्ष हो गया है. साथ ही यह भी तय हो गया है कि, अब आईआईएमसी का अमरावती स्थित केंद्र यहां से कहीं नहीं जानेवाला.
बता दें कि, केंद्र सरकार के सुचना व प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करनेवाले आईआईएमसी के अमरावती स्थित केंद्र के प्रादेशिक संचालक प्रा. अनिलकुमार सौमित्र अपनी नियुक्ती के बाद से ही लगातार विवादों के घरे में फंसे हुए थे और उन्होंने विगत दिनों आईआईएमसी के अमरावती केंद्र में ठेका पध्दति से कार्यरत सहयोगी प्राध्यापक अनिल जाधव, विनय सोनुले, नुरूल जमाल शेख व राजेश ढोलेकर को निलंबित कर दिया था. जिसके खिलाफ आईआईएमसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय से शिकायत भी की गई थी. वहीं दूसरी ओर सहायक प्राध्यापक विनय सोनुले ने प्रा. सौमित्र के खिलाफ मानसिक प्रताडना, जातिवाचक गाली-गलौच व द्वेषभावना के चलते निलंबीत किये जाने को लेकर फ्रेजरपुरा पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. जिसके आधार पर प्रा. सौमित्र के खिलाफ एट्रोसिटी का मामला दर्ज किया गया. यहां से आईआईएमसी अमरावती में विवाद व तनाव की स्थिति बढ गई. साथ ही गत रोज फ्रेजरपुरा पुलिस थाने का दल संगाबा अमरावती विद्यापीठ स्थित आईआईएमसी के केंद्र में पहुंचा. किंतु वहां पर ताला लगा हुआ था. अत: पुलिस किसी का भी बयान दर्ज किये बिना वहां से वापिस लौट गई. साथ ही अब इस मामले की जांच पुलिस उपायुक्त के पास सौंपी गई है.
उधर दूसरी ओर आईआईएमसी द्वारा प्रा. वी. के. भारती को नया केंद्र संचालक नियुक्त करते हुए अमरावती भेजा जा रहा है, जो इस समय आईआईएमसी दिल्ली में प्रकाशन विभाग प्रमुख के तौर पर कार्यरत है और वे जल्द ही अमरावती पहुंचकर अपना कार्यभार संभाल लेंगे. ऐसे में कहा जा सकता है कि, फिलहाल आईआईएमसी के अमरावती से स्थलांतरित होने का खतरा टल गया है. बता दें कि, आईआईएमसी के अमरावती केंद्र में चल रहे विवादों और यहां की समस्याओं को देखते हुए इसे अमरावती से नागपुर स्थलांतरित किये जाने की पहल शुरू हो गई थी. जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को एक पत्र भी लिखा था. यह बात ध्यान में आते ही स्थानीय स्तर पर इस केंद्र को अमरावती में ही रखने को लेकर हलचलें व प्रयास शुरू हो गये और अधिकांश लोगों का कहना रहा कि, वर्ष 2011 से शुरू हुए इस संस्थान में हमेशा ही कामकाज काफी बेहतरीन रहा. किंतु जब से अनिलकुमार सौमित्र यहां पर केंद्र संचालक नियुक्त हुए, तब से यहां विवादास्पद स्थितियां पैदा हुई और संस्थान की प्रतिमा मलिन हुई.

सौमित्र की गिरफ्तारी होना तय

बता दें कि, प्रा. सोनुले द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर फ्रेजरपुरा पुलिस थाने द्वारा प्रा. सौमित्र के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. ऐसे में भले ही उनका अमरावती से दिल्ली तबादला हो गया है, किंतु इससे उनकी गिरफ्तारी का खतरा टला नहीं है, बल्कि दिल्ली जाने के बाद भी उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती रहेगी.

बडनेरा के निकट जमीन है आवंटित, निधी मिलने का इंतजार

जानकारी के मुताबिक फिलहाल संगाबा अमरावती विद्यापीठ परिसर में चल रहे आईआईएमसी के केंद्र हेतु राज्य सरकार द्वारा बडनेरा रेलवे स्टेशन के निकट 16 एकड जमीन मंजुर की गई है. ऐसे में यहां पर आईआईएमसी का केंद्र विकसित करने हेतु केंद्र सरकार से निधी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. यदि सरकार द्वारा यह निधी उपलब्ध करा दी जाती है, तो सालभर के भीतर आईआईएमसी की स्वतंत्र ईमारत व परिसर को विकसित किया जा सकता है, ऐसा आईआईएमसी से जुडे सूत्रों का कहना है.

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