अमरावती

हर महाविद्यालय ने नैक मूल्यांकन करना जरूरी : डॉ.आचार्य

अमरावती / दि.३१ -नई राष्ट्रीय नीति का देश ने स्वीकार किया है. जिस पर सभी महाविद्यालयों को अमल करना होगा. इसकी शुरुआत नैक के मूल्यांकन से करनी है. इस संदर्भ में सरकार की भी कुछ गाईड लाईन्स है. नैक मूल्यांकन करने संबंध में माईंड सेट शिक्षकों को करना है, हर महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन करना जरूरी है, यह बात नागपुर विद्यापीठ आय.क्यु.ए.सी. की संचालक डॉ. स्मिता आचार्य ने कही. संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ द्वारा मूल्यांकन और नैक मान्यता प्रक्रिया व सुधारित फ्रेमवर्क विषय पर प्रादेशिक कार्यशाला का आयोजन डॉ. के. जी देशमुख सभागृह में किया गया था. इस अवसर पर बतौर अध्यक्ष विद्यापीठ के प्रभारी कुलगुरु डॉ. विजयकुमार चौबे, अमरावती विभाग के उच्च शिक्षा सहसंचालक डॉ. केशव तुपे, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख, प्राचार्य डॉ. ए. बी. मराठे, विद्यापीठ आयक्यूएसी संचालक डॉ. संदीप वाघोले,एचआरडीसी की समन्वयक डॉ. वर्षा कुमार आदि मान्यवर मंच पर उपस्थित थे. सहसंचालक डॉ. केशव तुपे ने कहा कि, उच्च शिक्षा में काफी बदलाव हो रहा है, लेकिन इसे समझने में गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. यूजीसी व सरकार की नई नीति, नियमावली और सुधार की जानकारी सभी को होना आवश्यक है. शिक्षकों ने इस संबंध में अपडेट रहने की जरूरत है. नई राष्ट्रीय नीति के बदल का सभी को स्वीकार करना है.१५८ अनुदानित महाविद्यालय है, लेकिन इनमें से अब तक १७ से १८ महाविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन नहीं करने की बात निदर्शन में आई है. सरकार एक्शन मोड पर है. भविष्य में नैक मूल्यांकन न करनेवाले महाविद्यालयों पर अनुदान व छात्रवृत्ति रोकने की नौबत आने की संभावना है.अध्यक्षीय भाषण में प्रभारी कुलगुरु डॉ.विजयकुमार चौबे ने नैक मूल्यांकन करवाने संबंध में मार्गदर्शकों ने बताए मुद्दे महत्वपूर्ण है, ऐसा कहा. कार्यक्रम का संचालन डॉ. वर्षा कुमार तथा आभार प्रदर्शन जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर ने किया.

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