प्रत्येक विलंबित प्रमाणपत्र की सघन जांच जरुरी, अब तक एक भी नहीं हुआ रद्द

भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया एक बार फिर पहुंचे अमरावती

* जिलाधीश व ग्रामीण एसपी के साथ बैठक कर चर्चा की
अमरावती /दि.16- अमरावती जिले में तहसील कार्यालयों एवं स्वायत्त निकायों के स्वास्थ विभाग द्वारा लगभग 11 हजार विलंबित जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए. जिनमें बडे पैमाने पर अपारदर्शकता व गडबडियां हुई है. जिसके तहत नायब तहसीलदारों ने अधिकार नहीं रहने के बावजूद भी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर विलंबित प्रमाणपत्र जारी किए गए थे. लेकिन यह बात स्पष्ट हो जाने के बावजूद अब तक एक भी विलंबित जन्म प्रमाणपत्र को खारिज नहीं किया गया है. अत: पूरे मामले की सघन जांच करते हुए नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए प्रत्येक विलंबित जन्म प्रमाणपत्र को खारिज किया जाना चाहिए, इस आशय का प्रतिपादन भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद किरीट सोमैया द्वारा किया गया.
अमरावती शहर सहित जिले एवं राज्य के विभिन्न इलाको में अवैध तरीके से बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं के आकर बस जाने और उनके द्वारा फर्जी तरीके से जन्म प्रमाणपत्र व आधार कार्ड हासिल करते हुए खुद को भारतीय नागरिक दर्शाये जाने का आरोप लगाकर भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीश सोमैया ने विगत दिनों अच्छी-खासी सनसनी मचा दी थी. साथ ही उनकी शिकायत के आधार पर शुरु की गई जांच-पडताल में कई विलंबित जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों के मामले में गडबडी भी पाई गई थी. साथ ही साथ यह बात भी उजागर हुई थी कि, तहसीलदार स्तर के अधिकारियों ने खुद को कोई अधिकार नहीं रहने के बावजूद ऐसे प्रमाणपत्र जारी किए थे. जिसके बाद भाजपा नेता किरीट सोमैया इस मामले को लेकर और भी अधिक मुखर हो गए है और लगातार अमरावती का दौरा कर रहे है. जिसके तहत आज एक बार फिर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने अमरावती के दौरे पर पहुंचकर जिलाधीश आशीष येरेकर व ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद के साथ बैठक एवं चर्चा की. इस बैठक के बाद बाहर निकलकर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि, अगले 15 दिन के भीतर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में बडे पैमाने पर कार्रवाई होगी. जिसके तहत नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए सभी विलंबित प्रमाणपत्र रद्द कर दिए जाएंगे.
* ‘वे’ तीन हजार लोग कहां हैं?
इस समय मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने बताया कि, अमरावती तहसील कार्यालय द्वारा करीब साढे 4 हजार के आसपास आदेश जारी किए गए थे. जिसमें से मनपा के पास केवल 1600 मामले ही आए. वहीं तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में महज 400 से 500 प्रमाणपत्र ही बने. ऐसे में सवाल है कि, बचे हुए लगभग 3 हजार लोग कहां है. साथ ही सोमैया ने यह भी बताया कि, अमरावती तहसील कार्यालय के नायब तहसीलदार द्वारा आदेशित प्रमाणपत्रों में से अब तक 200 प्रमाणपत्र भी रद्द नहीं किए गए है. जिसके चलते कई लोगों ने इन जन्म प्रमाणपत्रों के आधार पर अपने आधार कार्ड व पासपोर्ट जैसे अन्य कई दस्तावेज बनवा लिए है. जबकि नायब तहसीलदार की ओर से जारी प्रमाणपत्रों की कोई वैधता ही नहीं है.
* अमरावती सहित अचलपुर व अंजनगांव में सघन जांच जरुरी
इस समय भाजपा नेता किरीट सोमैया ने यह भी कहा कि, अमरावती शहर सहित जिले के अचलपुर एवं अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्रों में बडे पैमाने पर अवैध रुप से बांग्लादेशी व रोहिंग्या आकर बसे हुए है. जिन्हें खोज निकालने हेतु सघन जांच किए जाने की सख्त जरुरत है. सोमैया के मुताबिक अंजनगांव सुर्जी में तो ऐसे 400 से अधिक लोगों ने फर्जी तरीके से अपने आधार कार्ड तक बनवा लिए है.

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