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* कुछ बालविवाह के चलते व कुछ यौन शोषण के चलते बनी मां
अमरावती/दि.13 – विगत 1 वर्ष के दौरान अमरावती जिले में 14 नाबालिग लडकियों के गर्भवती होकर मां बनने की जानकारी जिला बालकल्याण समिति द्बारा दर्ज की गई है. यानि विगत वर्ष लगभग हर महीने में कोई एक नाबालिग लडकी गर्भवती होकर कुमारी माता बनी है. खुद के खेलने-कूदने की उम्र में अपना बच्चा पालने की नौबत झेल रही इन कुमारी माताओं के समूपदेशन व उन्हें आर्थिक आधार देने का काम बालकल्याण समिति द्बारा किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में कुमारी माताओं का प्रमाण सबसे अधिक है. मेलघाट में शिक्षा-दीक्षा का अभाव रहने के चलते आज भी बेहद कम उम्र में लडके-लडकियों का विवाह करा दिया जाता है. इसके साथ ही कई गर्भवती लडकियों की प्रसूति भी घर पर ही होती है. जिसके चलते ऐसी अल्पवयीन कुमारी माताओं की जानकारी सामने नहीं आ पाती. इसके अलावा कुछ घटनाओं में लैंगिक अत्याचार की वजह से नाबालिग किशोरियों के गर्भवती होने के मामले भी सामने आते है. ऐसी सभी कुमारी माताओं को खोजकर उनका समूपदेशन करने और उन्हें कानूनी मदद देने का काम बालकल्याण समिति द्बारा किया जाता है.
* बालविवाह में दोनों परिवारों पर दर्ज होता है मामला
बालविवाह के संदर्भ में पुलिस अथवा बालकल्याण समिति को जानकारी मिलने पर दुल्हा व दुल्हन दोनों के परिवारों पर अपराधिक मामला दर्ज किया जाता है.
* एक साल में 14 कुमारी माताएं
विगत 1 वर्ष के दौरान बालकल्याण समिति ने 14 कुमारी माताओं की जानकारी दर्ज की है. जिसमें से अधिकांश नाबालिग लडकियों का बालविवाह हो गया था. वहीं कुछ नाबालिग लडकियां अत्याचार पीडित थी.
* क्या है कारण
कुमारी माता की प्रमुख वजह बालविवाह ही है, क्योंकि कई लडकियों का विवाह खेलने-कूदने वाली उम्र में कर दिया गया था. जिसके चलते वे कम उम्र में ही गर्भवती होकर मां बनी. वहीं कुछ घटनाओं में लैंगिक अत्याचार की वजह से ही कुछ नाबालिग लडकियों के गर्भवती होने की जानकारी सामने आयी है.
* बालकल्याण समिति के पास दर्ज होती है जानकारी
किसी भी नाबालिग गर्भवती लडकी को स्वास्थ्य जांच या प्रसूति हेतु अस्पताल में लाए जाने पर उसकी जानकारी बालकल्याण समिति को दी जाती है. जिसके बाद बालकल्याण समिति द्बारा संबंधित नाबालिग किशोरी का समूपदेशन व पुनर्वसन किया जाता है.
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* डफरीन अस्पताल का जानकारी देने से इंकार
स्थानीय जिला स्त्री अस्पताल ने विगत एक वर्ष के दौरान अल्पवयीन लडकियों की प्रसूति के बारे में जानकारी पूछे जाने पर अस्पताल प्रशासन ने यह कहते हुए जानकारी देने से इंकार कर दिया कि, इस तरह की जानकारी बेहद गोपनीय होती है. जिसे सांझा नहीं किया जा सकता.
बालकल्याण समिति द्बारा कुमारी माताओं के लिए काम किया जाता है. जिसमें पीडिता का समूपदेशन करते हुए आरोपियों को कडी सजा के लिए कानूनी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है. इसके साथ ही बालविवाह रोकने के लिए भी बालकल्याण समिति काम करती है.
-किरण पुनसे,
अध्यक्ष, बालकल्याण समिति
* अल्पवयीन गर्भवती माता की जानकारी गोपनीय रहती है, जो अस्पताल से किसी को भी नहीं दी जाती. हालांकि इससे संबंधित जानकारी समाज कल्याण विभाग को अस्पताल द्बारा उपलब्ध कराई जाती है. जहां से यह जानकारी कोई भी हासिल कर सकता है.
– डॉ. विनोद पवार,
वैद्यकीय अधीक्षक, जिला स्त्री अस्पताल