अमरावतीमहाराष्ट्र

कांग्रेस व भाजपा सहित हर पार्टी ने दिया हमें धोखा

रिपब्लिकन सेना प्रत्याशी आनंदराज आंबेडकर का कथन

* प्रचार सभा में उमडा लाखों का जनसैलाब
अमरावती /दि.20 – कांग्रेस व भाजपा सहित देश की सभी पार्टियों ने आजादी के बाद से लेकर अब तक हमारा केवल वोटों के लिए ही उपयोग किया है और हमें छलपूर्वक अपने अधिकारों व विकास से दूर रखा गया है. ऐसे में अब हमें संगठित रुप से अपनी ताकत दिखानी होगी, ताकि देश में लोकतंत्र व संविधान को बचाये जा सके. अन्यथा कट्टर व धर्मांध ताकते लोकतंत्र को खत्म करने के साथ ही देश के संविधान को बदल देंगी, इस आशय का प्रतिपादन रिपब्लिकन सेना के अधिकृत तथा वंचित बहुजन आघाडी व एमआईएम पार्टी पुरस्कृत प्रत्याशी आनंदराज आंबेडकर ने किया.

गत रोज रिपब्लिकन सेना प्रत्याशी आनंदराज आंबेडकर के प्रचार हेतु स्थानीय सायंस्कोर मैदान पर विशालकाय जनसभा का आयोजन किया गया था. जिसमें लाखों लोगो की भीड ने हिस्सा लिया. इस जनसभा में भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष भीमराव आंबेडकर, वंचित बहुजन आघाडी के सृजात आंबेडकर, मनीष आंबेडकर, काकासाहब खेवतकर, संघराज रुपवते, एमआईएम के जिलाध्यक्ष सलाउद्दीन खान व शहराध्यक्ष जकीर अहमद प्रमुख रुप से मंच पर विराजमान थे और सभी ने अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए कांगे्रस व भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों को जमकर आडे हाथ लिया.

इस समय अपने संबोधन में आनंदराज आंबेडकर ने बताया कि, आजादी के बाद से लेकर अब तक आंबेडकरी समाज में हमेशा ही कांग्रेस को अपना वोट व समर्थन दिया. यहां तक कि, पिछले चुनाव में कांग्रेस व राकांपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत दिलाई. लेकिन इसके बदले में कांग्रेस ने आंबेडकरी समाज को कभी कुछ नहीं दिया. इस समय भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के साथ कांग्रेस पार्टी द्वारा किये गये छलकपट का भी उल्लेख करते हुए बताया गया कि, जहां एक ओर कांगे्रस ने डॉ. आंबेडकर के जीते-जी उनका समय-समय पर अपमान किया. वहीं आज केंद्र की सत्ता में रहने वाली भाजपा द्वारा डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के संविधान को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में आंबेडकरी समाज ने दोनों पार्टियों से दूरी बनाकर रखते हुए अपने अधिकारों की लडाई लडनी चाहिए, ताकि संविधान और लोकतंत्र को बचाए रखे जा सके. जिसके लिए बेहद जरुरी है कि, आंबेडकरी समाज द्वारा इस बार के चुनाव में अपना बहुमूल्य वोट रिपब्लिकन सेना के अधिकृत प्रत्याशी के पक्ष में ही डाला जाये.

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