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अंबा नगरी का रोम-रोम राममय, प्रत्येक पुलकित, हर्षित, उत्साहित

अमरावती मंडल को राम भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भेजी स्वयंस्फूर्त हर्षमयी भावनाएं

अमरावती/दि.19- अवध में भारतवर्ष के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा भव्य-दिव्य उत्सव से अंबानगरी भी हर्षित है, पुलकित है, उत्साहित है. कह सकते हैं कि अंबानगरी की गली-गली अयोध्या में परिवर्तित हो गई है. प्रत्येक व्यक्ति रामभक्ति में सराबोर दिखाई दे रहा है. उत्साह का वातावरण चहुं ओर हैं. ऐसे में अमरावती मंडल को नगर के अनेकानेक और विविध क्षेत्र में कार्यरत रामभक्तों ने स्वयंस्फूर्त हर्षमयी भावनाएं प्रेषित की हैं. प्रस्तुत है कुछ बानगियां-


पायोजी मैंने राम रतन धन पाया
भगवान राम इस शब्द में सारा विश्व समय हुआ है, ऐसा हमें प्रतीत होता है । पायोजी मैंने राम रतन धन पायो. जब राम का नाम लेते हैं तो मन को संतुष्टि मिलती है ,अंतिम सांस में भी अगर राम का नाम मुख से निकल जाए तो हमें लगता है कि इस आत्मा को मुक्ति मिल गई है .इसीलिए आज इस कलयुग में सभी को कहते हैं राम से बड़ा राम का नाम. आप घर बैठकर ही राम का जप तप करें प्रभु राम अपने घर निश्चित आते हैं . उनका आचरण, उनकी मर्यादा ,उनकी सौम्यता उनका स्वरूप अपने आप अपने आंखों में हृदय में बसता चला जाता है. इस अवसर पर हम इतना ही कहना चाहेंगे सभी से की जिस प्रकार भगवान राम ने अपनी मर्यादाओं में रहकर विश्व को बहुत अच्छे संदेश दिए इस प्रकार हम भी उनके जीवन का आचरण करें, ताकि हम रामराज ला सके. भक्तों के प्रति उनका प्रेम उदाहरण है केवट की चरण पकड़ाई, शबरी के मीठे बेर खाकर भक्तों का प्रेम बढ़ाया मान बढ़ाया. भरत सा कोई भाई, लक्ष्मण, शत्रुघ्न से इतना अटूट प्रेम राम ने अपने सभी भाइयों से किया. अपने माता से भी ज्यादा स्नेहा उन्होंने मां कई कैसे किया इन सारी बातें हमें यही सिखाती है कि अपने परिवार से स्नेहा करो परिवार से अटूट नाता बनाए रखो और इस राम नाम में ऐसा है कोई जात-पात नहीं पूछता ,हर एक आदमी राम से न समाना चाहता है .हरि का बजे सो हरि का होय. भगवान ने वीर बजरंगबली को भी सबसे बड़ा भक्त बनाया और आज हनुमान जी की पूजा करते हैं तो लगता है राम हमारे कल्याण करेंगे . भगवान के जीवन में हर पल पहले भगवान ने दूसरे का भला किया सुग्रीव को राजा बनाया विभीषण को राजा बनाया उसके बाद खुद राजा बने . कहने का तात्पर्य भगवान ने त्याग और समर्पण का जीवन है. यही सब चीज हमारे आचरण में आए. आज हम भगवान राम के खुशियों के इस उत्सव में प्रभु चरणों में प्रार्थना करते हैं भगवान राम भव्य मंदिर में विराजमान हो रहे हैं हम एक बार अवध जाएंगे अपने आंखों से भगवान के दर्शन करेंगे. जय श्री राम.
– रश्मि नावंदर,
भाजपा नेत्री, अमरावती


अद्भुत क्षण का साक्षी
संपूर्ण विश्व एवं मानव जाति के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या धाम में बरसों से प्रतिक्षित राम मंदिर का भव्य दिव्य निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हम सब भारतीयों के लिए गौरव का क्षण है. हजारों लाखों भाविक भक्तों, संतों, महात्मा की तपस्या का प्रतिफल है कि आज हमारी पीढ़ी को यह दिव्य,अलौकिक,अद्भुत क्षण का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. आज संपूर्ण विश्व में रामनाम गुंजायमान हो रहा है. नगर-नगर,मंदिर मंदिर, देवालय,आराध्य स्थलों पर उत्सव का माहौल है. रामभक्ति से परिपूर्ण इस अवसर मैं इस अवसर पर सभी भक्तजनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
– मनीष खंडेलवाल
अमरावती

रमने कने-कने ईती राम

भगवान श्री राम का जन्म पृथ्वी पर मर्यादा स्थापना करने हेतु हुआ था. करुणा, दया, क्षमा, सत्य, सदाचार यही श्री राम के गुणो को हमें अपनाना चाहिए. खत्म हुआ इंतजार 550 सालों का, अवध में आए मेरे प्यारे श्री राम है.
रमने कने कने ईती राम .
अर्थात
जो जो कण कण में बसे, वही वही श्री राम है.
॥ जय श्री राम ॥
– एड. गणेश राधेश्याम चांडक

देखो कितनी सुंन्दर छबी

आज अवध में उत्सव भारी
मंदीर की है शोभा न्यारी
आयेगे राम और शंख बजेगे
देश के हर कोने में गुंज सुनेगे
रामलला और सीतामैया
साथ में है लक्ष्मण भैया
देखो कितनी सुंन्दर छबी हैं
मन हर्षे और भाव जागे हैं
संकल्प मोदी जी के मन में जगा
पूजा हुई और प्रसाद बँटा
देखी होगी ना ऐसी रोशनी
रामलला आयेगे हर घर आँगना
उत्सव में हम जाना सकेंगे
घर मदिर को खूब सजायेगे
गूंजेगा आसमान में आज
आतिशबाजी से पहनायेगे ताज
एक अभिलाषा थी जीवन में
रामलला आये अवधपुरी मेंं
मोदी जी ने संभव कर दिखाया
भक्त और भगवान को फिर मिलाया

– सौ. शकुन्तला एस.राठी
9545510800
अमरावती

हर कोई उत्साहित

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की हमारी अनेक पीढियों की साध पूर्ण हो रही है. बडा ही हर्ष का क्षण है. अपितु इसे स्वर्णिम पल भी कह सकते हैं. समस्त भारतवर्ष आज उल्लासमय है, उत्सव में डूबा है. भारत के आराध्य भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा देखा जाए तो जन-जन का उत्सव बन गई है. यही हमारे जीवन की भी सबसे बडी धरोहर बनने का अवसर मैं मानता हूं. सभी रामभक्तों को इस क्षण की, इस बेला की बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं.
– विजय केडिया,
अध्यक्ष अग्रवाल समाज, अमरावती

इससे शुभ कुछ नहीं हो सकता

वर्ष 2024 का प्रारंभ अवध में राम जी की प्राण प्रतिष्ठा से हो रहा है. वर्ष का इससे बेहतर अथवा शुभ प्रारंभ नहीं हो सकता. 2024 हमारे लिए और आनेवाली पीढियों के लिए सदैव स्वर्णिम वर्ष के रुप में अंकित रहेगा. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम समस्त भारतवर्ष के आदर्श हैं. उन्हीं के अनुसरण के कारण भारत दुनिया में आदर्श बना है. ऐसी मर्यादा की सीख वे पग-पग पर देते हैं.
– मोहनलाल अग्रवाल,
कार्यकारिणी सदस्य, अग्रवाल समाज अमरावती

राम राज्य की कल्पना सन्निकट

अवध में रामलला की भव्य-दिव्य प्राण प्रतिष्ठा हमारे जीवन का कदाचित सबसे बडा उत्सव सिद्ध होने जा रहा है. अब तक रामलला टीन के शेड में विराजित थे. आज भव्य मंदिर में उनकी प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. जिससे लगता है कि, राम राज्य सन्निकट है. भारत भूमि वैसे भी संत महात्माओं के तप और पुण्य से लाभान्वित है. अयोध्या में राम मंदिर साकार होने से निश्चित ही विश्वभर में भारत की बढाई होगी.
– अनिल मित्तल,
सहकोषाध्यक्ष, अग्रवाल समाज, अमरावती

मेरा रामजी करेंगे बेडा पार

भगवान राम सदियों से भारतवर्ष के जन-जन को सत्कर्म के लिए प्रेरित करते रहे हैं. मेरा अपना व्यक्तिगत अनुभव है कि हमारे सत्कर्म बडे उपयोगी रहते हैं. राम-राम कहना भी बडा शुभ फलदायी है. इसका भी हमें दैनंदिन जीवन में उपयोग दिखाई देता है. हम तो रोज ही रटते हैं कि मेरा रामजी करेंगे बेडा पार. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की प्रत्येक भारतीय को बधाई.
– जीतेंद्र भसीन,
संचालक व्यंकटेश सॉ मिल

भारत के जनमानस पर अंकित है राम

राम भारत के रोम-रोम में बसे हैं. प्रत्येक में राम विराजित है. भारत के जनमानस पर राम अंकित है. इसके बहुतेरे कारण है. सबसे बडी तथा प्रेरणास्पद बात है कि राम ने जीवन में कभी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया. जिससे वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए. आज भी यह बात सही है. मर्यादा में रहे तो हमारा जीवन भी श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम और सफल हो सकता है.
– प्रवीण अग्रवाल, अमरावती

वर्ष हुआ सफल
वर्ष 2024 के प्रारंभ में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. जिससे वर्ष सफल हो जाने का आज ही बडा आभास सभी को हो रहा है. भारत के प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह कदाचित जीवन का सर्वोत्तम क्षण है. इसके लिए मैं सभी को बधाई देना चाहता हूं. 22 जनवरी को अयोध्या जाना नहीं हुआ तो अपने परिसर को ही अयोध्या मानकर उसे यथाशक्ति सजाकर उत्सव मनाएंगे.
– देवेंद्र जसवंत गोसलिया, बडनेरा


सनातन धर्म में विभिन्न रूपों में पूजे जाते हैं राम

श्रीराम, सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं और उन्हें आदर्श माना जाता है. वे ’रामायण’ में वर्णित हैं, जिसमें उनका जीवन कथा और उनके धार्मिक उपदेश हैं. श्रीराम का जीवन धर्म, नैतिकता, और सच्चे प्रेम की मिसाल के रूप में सार्थक है. उन्हें मानवता के आदर्श रूप में जाना जाता है और उनकी पूजा सनातन धर्म में विभिन्न रूपों में की जाती है. हिन्दू धर्म में, श्रीराम की पूजा का कारण उनके जीवन में धार्मिक और नैतिक मूल्यों की प्रमाणिता है. श्रीराम ने अपने जीवन में धर्म, कर्तव्य, और सत्य के प्रति अपने पूर्ण समर्पण का परिचय किया. उनका आदर्श जीवन, भक्ति, और उदारता की भावना हिन्दू धर्म के अनुयायियों को प्रेरित करता है. इससे हिन्दू समाज में उन्हें आदर्श पुरुष और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है, जिससे उनकी पूजा में भक्ति और आदर्शता का आत्मविश्वास बढ़ता है.
श्रीराम के माता-पिता का नाम कौसल्या और दशरथ था. वे अयोध्या के राजा थे और श्रीराम को उनका एकमात्र पुत्र मानते थे. दशरथ ने एक यज्ञ के माध्यम से भगवान विश्वामित्र के साथ मिलकर श्रीराम को राजकुमार बनाने के लिए शक्ति प्राप्त की थी. श्रीराम का मातृपुत्री रूप में विकीर्ण और उनके माता-पिता के प्रति उनका अद्वितीय प्रेम रामायण में महत्वपूर्ण रूप से वर्णित है.
– जय जोशी,
जस गायक, अमरावती


हम बहुत ही भाग्यशाली
हम सबके आराध्य एवं पूज्य प्रभु राम के भव्य-दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. हम बहुत ही भाग्यशाली है जो इस पर्व के साक्षी बन रहे हैं. जिन कारसेवकों ने राम मंदिर निर्माण के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, आज के दिन उनका श्रद्धापूर्ण स्मरण होना ही चाहिए. मेरे विचार से कम से कम प्रत्येक भारतीय को इस उत्सव में राजनीति न करते हुए मिलकर सहभागी होना चाहिए. समस्त देशवासियों को आज के उत्सव की, महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई.
– मनमोहन जाजू,
जस गायक अमरावती

जितने सरल, उतना कठिन जीवन

राम नाम जितना सरल है, उतना ही कठिन राम ने अपना जीवन व्यतीत किया. मर्यादा पुरुषोत्तम केवल श्री राम को ही क्यों कहा गया है. क्योंकि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मर्यादा में रहकर और दूसरो का भला करके व्यतीत किया. अपने पिता के दिए हुए वचन की मर्यादा रखने के लिए 14 बरस का वनवास भोगा। वे चाहते तो सिंहासन पर विराजमान होकर राज पाठ में अपना जीवन व्यतीत कर सकते थे. ऐसे प्रभु राम को कोटि कोटि वंदन.
– गणेश मंत्री,
समर्पण परिवार, अमरावती


प्रत्येक स्थिति में राम को साक्षी बनाते हैं हम
राम तो जीवन का आधार है. हम प्रत्येक अवस्था में प्रभु श्रीराम को साक्षी बनाते हैं. दुख में, पीडा में, लज्जा में, शुभ में, अशुभ में, अभिवादन में, शपथ में, सुशासन में, पग-पग पर हमारी अभिव्यक्ति राम को साथ खडा करती है. राम भी इतने सरल है कि प्रत्येक स्थान पर खडे हो जाते हैं. जिनका कोई नहीं, उनके लिए राम है. निर्बल के बल राम हैं. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर समस्त देशवासियों को बधाई. राम को समस्त विश्व अपनाता है. जो राम का नहीं, किसी काम का नहीं.
– संकेत मोहता,
सर्पण परिवार, अमरावती


22 को प्रतिष्ठान बंद रख उत्सव मनाएं
22 जनवरी को हिंदुओ की आस्था का केंद्र रहे प्रभु श्री राम की जन्मस्थली आयोध्या मे प्रभु राम की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है इस भव्य आयोजन को लेकर मसानगंज निवासी समाज सेवी धीरज बसेरिया ने कहा की सैकडो वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद भगवान राम पूरे वैभव के साथ अपने मंदिर मे विराजने जा रहें है जो की 22 जनवरी को यह पावन अवसर आया है जिससे हिंदू समाज की भावना जुडी हुई है इस अवसर को मनाने पूरे देश और पूरी दुनिया मे राम भक्त बेहद उत्साहित है इसी के चलते सभी व्यापारी वर्ग व समाज बंधुओ से अपील कर रहें है कि 22 जनवरी के दिन सभी अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रख इस खास दिन को दिवाली कि तरह खुशी और उत्साह से परिवार के साथ परिसर मे भव्य आतिशबाजी कर व क्षेत्र के मंदिरों मे दर्शन कर धूमधाम से मनाए.
– धीरज बसेरिया,
अमरावती

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