अमरावतीमहाराष्ट्र

नशा मुक्ती के लिए समाज का हर तबका ले शपथ

मुफ्ती फैज( द.अफ्रिका) ने नशा मुक्त अभियान में कहा

असोसिएशन स्कूल ग्राऊंड में मदरसा रजा-ए-अशहर का आयोजन

अमरावती/दि.20– एक सच्चे मुसलमान को हमेशा होश में रहना जरुरी है. जिससे इंसान का होश खो जाता है, उसे नशा कहते है और नशे के लिए इस्लाम में कोई जगह नहीं है. हम कहते है कि की तबके (समाज) में नशे का कारोबार चल रहा है. इसका मतलब हम नशा कर रहे है. तो कारोबार चल रहा है. अगर समाज का हर इंसान शपथ ले कि वह नशा नहीं करेगा तो समाज में नशे के कारोबारियों के लिए कोई जगह ही नहीं बचेगी. इस तरह के वक्तव्य मुफ्ती फैज अहमद अशहरी मिस्बाही (द.अफ्रीका) ने कहे. वे स्थानीय असोसिएशन स्कूल ग्राऊंड में दारूल उलूम रजा-ए-अशहर अहले सुन्नत, नवसारी व्दारा आयोजित नशा मुक्त अभियान कार्यक्रम में बोल रहे थे.
आज शनिवार को आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता उर्दू एज्युकेशन असोसिएशन के अध्यक्ष आसीफ हुसैन ने की. प्रमुख वक्ता के रुप में मुफ्ती फैज अहमद अशहरी मिस्बाही (द.अफ्रीका), मुख्य अतिथी के तौर पर इंटरनेशन मोटीवेशन स्पीकर डॉ. मनोज कुमार, पिडीट्रीशियन डॉ. रशिद, मुफ्ती इस्माईल, मौलाना जुनेद रजा, मौलाना जुबेर रजा, मुख्याध्यापक डॉ. फिरोज खान, हाफिज काशीफ रजा, हाफिज फजल, मौलाना अय्याज रजा, मौलाना अख्तर रजा, डॉ. रियाज, हाफिज शोएब रजा, गर्ल्स हाईस्कूल के मुख्याध्यापक सै. राजीक हुसैन सहित अन्य उलेमा व समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरूआत विद्यार्थी शेख अतलमश ने तिलावते कुरआन पढ कर की.मुफ्ती फैज ने अपने प्रमुख भाषण के दौरान आगे कहा कि इस्लाम में चार बातों को अहमियत दी जाती है, जिसमें पहला अपने दीन की सुरक्षा , दुसरा अपने जान की सुरक्षा, तिसरा अपने माल की सुरक्षा, चौथा इज्जत की सुरक्षा, पांचवा अक्ल की सुरक्षा है.

नशा देने वाली चीजे अक्ल को खराब कर देती है. आदमी नशे के बाद होश में नहीं रहता है, उसे कुछ मालुम नहीं रहता है, मुसलमान को हमेशा होश में रहना जरुरी है. और होश में खोने वाली चिजों को इस्लाम में हराम करार दिया गया है. एक तरह का शैतान समाज की युवा पीढी व समाज को बर्बाद करने के लिए नशा करने पर मजबुर करता है. युवाओं को नशे की ओर ढकेलता है. नशे के बाद इंसान किसी भी स्टेज तक जा पहुंचता है. जिसके कारण वह किसी भी तरह का अपराध करने से नहीं चुकता. वह घर में चोरी, मर्डर, लडाई झगडे करने से भी नहीं बचता. समाज के हर इंसान को शपथ लेना चाहिए की वह नशा नहीं करेगा. तभी समाज सुधर सकता है. जिसके कारण समाज के भीतर छुपे नशे के कारोबारी खुद ही गायब जाएगे. इसी तरह अच्छी शिक्षा हासील करने के लिए आपको किसी ने नहीं रोका, आप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए आगे बढाए, ताकि आपका बच्चा समाज व अपने मां-बाप का नाम रौशन कर सके. कार्यक्रम का संचालन मास्टर सलीम ने किया. प्रास्ताविक भाषण मौलाना जुनेद रजा ने व आभार प्रदर्शन सहआयोजक मुख्याध्यापक डॉ. फिरोज खान ने किया. कार्यक्रम में बडी संख्या में असोसिएशन स्कूल के साथ ही अन्य स्कूलों के विद्यार्थी व शिक्षक सहित डॉक्टर, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, शायर, वरिष्ठ विचारक सहित अन्य नागरिक उपस्थित थे.

नशे के खिलाफ समाज को मिल कर लडना जरुरी
अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान असोसिएशन उर्दू एज्युकेशन संस्था अध्यक्ष आरीफ हुसैन ने कहा कि कई लोग नौकरी न मिलने के नाम पर अपने बच्चों को पढाई से दुर रखते है. सिर्फ नौकरी के लिए अपने बच्चों को न पढाये, बल्कि इस शिक्षा के बाद बच्चा बडे व्यापार व ओहदे पर बैठ सकता है. समाज में अच्छा नाम कर सकता है. हम सरकार को कोसते है, जबकि सरकार को न कोसे बल्कि खुद को और अपने आने वाली पीढी को इस तरह बनाए की अच्छी शिक्षा के बाद वह समाज का नाम रौशन कर सके. अच्छी शिक्षा के बाद सरकार को कोसने की बजाए आप खुद उस व्यवस्था को सुधारने में सक्षम हो जाएगे. आरीफ हुसैन ने आगे कहा कि जब तक नशे के खिलाफ हम सब मिल कर खडे नहीं रहेगे. तब तक हम अपनी आने वाली पीढी को बचा नहीं पाएगे. आज खेल के मैदानोंं में खिलाडी कम और नशा करने और बेचने वाले ज्यादा दिखाई दे रहे है.जब तक नशे के खिलाफ समाज जागरुक नहीं होगा, तब तक नशे का कारोबार बंद नहीं होगा.

अपने भाषण के दौरान पिडीट्रीशियन डॉ. रशिद ने कहा कि आपकी शारिरिक क्षमता को खराब करने वाली चीज का नाम नशा है. इसका असर हम पर और बाद में परिवार पर फिर समाज पर होता है. नशे से कई तरह की बिमारीयां होती है. एम डी से आपका दिमाग कमजोर होता है. वह कुछ सोचने समझने की क्षमता आप पर नहीं छोडता. इसी लिए कई लोग एमडी इस्तेमाल करने के बाद अपराध करने लिप्त हो जाते है. शराब से लीवर खराब होता है. सिगरेट- बिडी, तंबाकू से मुंह का कैंसर और भी बहुत सारी बिमारियां होती है. नशे का सेवन करने वालों से समाज बाईकट कर देता है. इसी लिए माता-पिता की जिम्मेदारी है कि अपने बच्चों का ख्याल रखे. पुलिस व्दारा भी नशा मुक्ती अभियान चला कर समाज में जागरुकता लाने की जरुरत डॉ. रशिद ने अपने भाषण के दौरान बताई.

यह हकीकती कार्यक्रम
एड. परवेज ने अपने अतिथिय भाषण के दौरान कहा की मुशायरो की दुनिया से निकलकर हकीकी (असली) दुनिया में इस तरह का आयोजन करने के लिए आयोजन समिती का बहुत अभिनंदन करते है, मुशायरा जहां तक जरुरी है ठीक है, मगर इस तरह के कार्यक्रमों से समाज को एक नई दिशा मिलती है. हम रात दिन कोर्ट में रहते है. जिसमें से अधिकतर केस नशे की हालत में अपराध करने वाले युवाओं के होते है. नशे का कोई फायदा नही है. अगर आप नारकोटिक्स एक्ट (नशे के कारोबार में) के तहत फस जाते है तो आपकी जमानत भी नहीं हो सकती. जिस तरह घर के बडों व युवाओं की जिम्मेदारी है कि अपने घर के लोगों को नशे के खिलाफ लडने के लिए खडा करे उसी तरह से महिलाओं व युवतियों की भी जिम्मेदारी है कि वह अपने समाज को नई दिशा दिखाने व नशे से लडने के लिए प्रेरित करें, मार्गदर्शन करें. युवा वर्ग शिक्षा को महत्तव दे. ताकि समाज व अपने परिवार का नाम बडा हो. समाज में इज्जत मिले. इस तरह का आवाहन एड. परवेज ने किया.

इंटरनेशन मोटीवेशन स्पीकर डॉ. मनोज कुमार ने अपने भाषण के दौरान कहा कि देश का युवा देश का कर्णधार होता है. किसी भी सियासतदान के हाथ में देश नहीं होता, बल्कि देश के युवा व नागरिकों के हाथों में देश का भविष्य होता है. आज जिस तरह से नशा समाज को बर्बाद कर रहा है, उसी तरह मोबाईल आने वाली पीढी को बर्बाद कर रहा है. यह भी एक तरह का नशा है जो युवा पीढी को पढाई से दुर करता जा रहा है. छोटे बच्चों के हाथ में मोबाईल देने से उनके ज्वाईंट पेन जैसी बिमारी घेर रही है. हाथो में अकडन होकर बच्चा किसी भी काम का नहीं रहता. इसी तरह समाज के भीतर इन दिनों कोक, पेप्सी का खतरनाक नशा बढ रहा है. इससे सभी को बचना चाहिए. यह हड्डीयों को गला कर कई तरह की बिमारी पैदा कर रहा है. माता-पिता को अपने बच्चों को इससे बचाने की जरुरत है. जो फिल्मी कलाकार पेप्सी कोक का प्रचार करते है वह खुद भी यह सब नहीं पीते. बच्चे घरेलु भोजन खाए, जंक फुड से बचे, आज खेल के मैदान खाली हो चुके है क्योंकि बच्चे खेल से ज्यादा मोबाईल को महत्व दे रहे है. इसी तरह डॉ.मनोज कुमार ने युवाओं से पश्चिमी सभ्यता छोड भारतीय सभ्यता अपनाने का आवाहन किया.

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