अमरावती /दि.10– ईद के आगमन के पूर्व ही बच्चे ईद की खुशियां कैसे मनाए व कहां घुमने जाए इस बात की प्लानिंग करते रहते है. ऐसे में शहर के प्रसिध्द मेला संचालक हाजी रहीम खान युसुफ खान व उनके भाईयों व्दारा वलगांव रोड एकेडेमिक स्कूल ग्राऊंड में विगत 10 वर्षो से आनंद मेला सजा कर बच्चों के मनोरंजन का इंतजाम करते है. इस मेले का बच्चों को बेसब्री से इंतजार रहता है.
ईद का अवसर सभी के लिए उत्साह का अवसर होता है. चाहे बच्चे कहे या युवा या घर के बडे सभी को ईद की खुशियां मनाने के लिए बेसब्री रहती है. वही खान बंधुओं व्दारा सजाया जाने वाला आनंद मेला शहर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. विभिन्न तरह के झुले, स्टॉल से पुरा परिसर जगमगा जाता है. सभी आनंद व उत्साह के साथ इस मेले का मजा लेते है.
लगते है विभिन्न तरह के स्टॉल और झुले
मेले के आयोजन के साथ ही बच्चों व युवाओं का ध्यान रखते हुए आयोजकों व्दारा मेला स्थल पर मौत का कुआं, ब्रेक डांस झुला, आकाश झुला, रेंजर झुला, सलबों झुला, रेलगाडी व अन्य मनोरंजक झुले लगाए जाते है. साथ ही ईद की खरीदारी करने हेतु जयपुरी चुडी कंगन, इमीटेशन ज्वेलरी, बच्चों के खिलौने, किड्स वेयर, खाने पीने के लिए बंबई चौपाटी भेल, पापकॉर्न, शुगर कैंडी, पानी पुरी, सेव पुरी सहित कई तरह के अन्य चटपटी व जायकेदार खाद्य वस्तुओं के स्टॉल सजाए जाते है. बता दें कि जिस दिन से एकेडेमिक स्कूल ग्राऊंड में मेला लगाने की तैयारियां शुरू होती है, उसी दिन से परिसर के बच्चे अंकल कब से शुरू होगा मेला, ऐसा पुछते हुए भीड लगाते है.
महिलाओं की सुरक्षा का रखा जाता खास ख्याल
ईद मेले के आयोजक हाजी रहीम खान के अनुसार मेले में आने वाली महिलाओं व बच्चीयों के लिए सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाता है. वही ज्यादा भीड होने पर भीड को नियंत्रण रखने के लिए मेले में मेला कर्मचारियों व्दारा व्यवस्था देखी जाती है.
खान बंधु करते है कडी मेहनत
विगत कई वर्षो से शहर में मेले के आयोजक करने वाले मरहुम हाजी युसुफ के बडे बेटे हाजी रहीम खान व उनके छोटे भाई अजीज खां, हफिज खां, अमीर खां, अहेफाज खां, अहेमद खां आदि मेले को सफल बनाने के लिए काफी प्रयास करते है.
खुशियां बांटना ही मकसद
मेले के आयोजन के साथ ही युवाओं, बुजुर्गो व परिवार के लोगों में ईद की खुशियां को बांटना ही हमारा मुख्य मकसद है. रमजान महिने में पुरे एक महिने तक ईबादत व नमाजों में व्यस्त रहने के कारण कई लोग अपने परिवार को ठीक तरह से वक्त नहीं दे पाते है. ईद के बाद अपने परिवार व बच्चों को कही घुमने व उनका मनोरंजन कराने हेतु ले जाते है. इसी बातों को ध्यान में रख कर मेले का आयोजन किया जाता है. साथ ही इस मेले के माध्यम से कई लोगों को ईद के अवसर पर रोजगार भी मिल जाता है.
हाजी अब्दुल रहीम, मेला संचालक