रोज काम और रोटी मिलेगी ही इसका भरोसा नहीं!
कामगारों की स्थिति बिकट, कोरोना काल में रोजगार भी छीना
अमरावती/दि.10– काम मिलने की उम्मीद में शहर में सुबह से सैकड़ों लोग गांधी चौक व यशोदानगर चौक में आकर रुकते हैं. यहां आकर रोज काम मिलेगा ही, इसका भरोसा नहीं होता. काम मिलने पर ही घर में रोटी ले जा सकेंगे, ऐसी स्थिति इन मजदूरों की होती है. कोरोना काल में कामगारों की स्थिति काफी खराब थी. लॉकडाऊन के समय सभी बंद रहने से कामगारों को घर में ही रुकना पड़ता था. जिसके चलते उन्हें काम नहीं था. हर रोज काम मिलेगा, तभी रोटी मिलेगी, ऐसी स्थिति हर रोज की ही है.
काम मिलेगा, इस उम्मीद में रोज हजारोें मजदूर जो मिलेगा, उस काम पर जाने के लिए सुबह से गांधी चौक व यशोदानगर चौक में अपना टिफिन लेकर पहुंचते हैं. चौक में आने वाले प्रत्येक को काम मिलेगा, यह उम्मीद रहती है. रोज काम मिलेगा ही, इस बात की गारंटी नहीं होती. सप्ताह में कभी-कभी दो दिन काम ही नहीं मिलता, ऐसी बात मजदूरों ने कही.
* मजदूरों की क्या दिक्कतें हैं?
राज्य सरकार ने ई-श्रम योजना लागू की है. मात्र इस योजना में अनेकों ने अपना पंजीयन नहीं करवाया. अनेकों को इस योजना की जानकारी ही नहीं है. असंगठिक कामगारों का कहना है कि उचित मार्गदर्शन भी कोई नहीं करता.
* काम मिलने पर ही किराना
गांधी चौक व यशोदानगर चौक में रोज हजारों मजदूर काम की तलाश में सुबह खड़े रहते हैं. काम मिलने पर ही घर में किराना ले जा सकेंगे, ऐसी स्थिति इन कामगारों की है.
* सप्ताह में दो ही दिन काम
सप्ताह में दो से तीन दिन काम मिलता है. इस पर मिलने वाली मिलकियत से बच्चों की दवा, घर में लगने वाला किराना, शैक्षणिक खर्च आदि सभी बातें संभालनी परती है. इसमें से दो पैसे शेष नहीं बचते, मात्र संसार कैसा चलाये, यह प्रश्न निर्माण होता है.