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सभी लोग है राणा के खिलाफ, भाजपा के साथ हमारी सकारात्मक चर्चा

बावनकुले से मुलाकात के बाद पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल का दावा

अमरावती/दि.22– शिंदे गुट वाली शिवसेना के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने गत रोज मुंबई में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात के बाद दावा किया कि, भले ही राणा दम्पति द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर से टिकट मिलने को लेकर तमाम तरह के दावे किये जा रहे है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि, भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता इस समय राणा दम्पति के खिलाफ है. इस बात से प्रदेश भाजपा के नेता भी अवगत है. यहीं वजह है कि, अमरावती संसदीय सीट को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने हमारे साथ सकारात्मक चर्चा की.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले के साथ हुई मुलाकात और चर्चा के बारे में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने बताया कि, अमरावती संसदीय सीट पर भाजपा सेना युति के तहत हमेशा से ही शिवसेना का प्रत्याशी चुनाव लडता आया है. शिवसेना ने इस सीट पर 7 बार प्रत्याशी खडे किये है और 5 बार जीत हासिल की. ऐसे में इस बार भी भाजपा व शिंदे गुट वाली शिवसेना की महायुति के तहत अमरावती संसदीय सीट को शिवसेना के हिस्से में छोडे जाने को लेकर बावनकुले के साथ सकारात्मक चर्चा हुई. इसके अलावा उनके ध्यान इस ओर भी दिलाया गया कि, सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र को हाईकोर्ट द्वारा इससे पहले ही बोगस करार देते हुए उन्हें संविधान के साथ खिलवाड करने के चलते दंड भी लगाया गया था. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से भी कोई अलग फैसला आने की कोई उम्मीद नहीं है. बल्कि निश्चित रुप से सांसद नवनीत राणा के खिलाफ ही फैसला आएगा. यह लगभग तय है. जिसके चलते नवनीत राणा पर दाव लगाना भाजपा के लिए आत्मघाती कदम साबित हो सकता है और यदि किसी वजह के चलते सांसद राणा के पक्ष में फैसला आ भी जाता है, तो भी उन्हें भाजपा की ओर से प्रत्याशी बनाये जाने का कोई फायदा नहीं होगा. क्योंकि अमरावती संसदीय क्षेत्र में सांसद नवनीत राणा के नाम पर सर्वपक्षिय विरोध है और खुद भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी भी राणा के पक्ष में खडे होने के लिए तैयार नहीं है.

इस बातचीत के दौरान पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने विगत दिनों विधायक रवि राणा द्वारा दिये गये इस बयान को आधार बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि, उस बयान से राणा दम्पति का अभिमान और दंभ दिखाई देता है. साथ ही यह भी पता चलता है कि, राणा दम्पति द्वारा किस तरह से धमकी भरे लहजे में लोगों से बात की जाती है. जिसका सीधा मतलब है कि, क्योंकि राणा दम्पति में सभी को साथ में लेकर चलने की मानसिकता का अभाव है और वे अपने पैसों की मगरुरी व गर्मी में रहते है. इसी के दम पर वे अन्य लोगों के कामों का भी श्रेय लूटने का प्रयास करते है. ऐसे में भाजपा द्वारा निश्चित तौर पर इन सभी बातों पर विचार करते हुए ही अमरावती संसदीय सीट को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा. ऐसी उम्मीद भी पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल द्वारा जताई गई.

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