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सभी को अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की आझादी

डर-डर के जिओंगे, तो दम घुट जाएंगा

* सीए भवन से सांसद सुप्रीया सुले की हुंकार
* सीए क्षेत्र व व्यवसाय से जुडे सभी विषयों पर चर्चा
अमरावती/दि.14– वर्तमान में देश की राजनीति अलग मोड ले रही है. ऐसे में सभी को अन्याय के खिलाफ समय पर आवाज उठाना जरुरी हो गया है. देश में सभी को अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की आझादी रहनी चाहिए. यदि डर-डर के जिओंगे, तो दम घुट जाएंगा. अभी यह हाल है, तो आगामी 10 वर्ष बाद अन्याय के खिलाफ उठने वाली आवाज सुनने के लिए कोई नहीं रहेगा, ऐसी हुंंकार आज सांसद सुप्रीया सुले ने स्थानीय सीए भवन से भरी. आज सांसद सुप्रीया सुले ने अमरावती सीए ब्रान्च में चार्टड अकाउंटंट के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की. सीए ब्रान्च के अध्यक्ष पवन जाजू ने बताया कि, सीए ब्रान्च द्बारा आगामी 21 जून को वैश्विक योगा दिवस का आयोजन किया गया है. इसी प्रकार एमएसएमई को लेकर भी विशेष कार्यक्रम का आयोजन सीए भवन में प्रस्तावित है. जिस पर सांसद सुप्रीया सुले ने कहा कि, सरकार की अच्छी बातों का समर्थन होना चाहिए, लेकिन सरकार किसी कार्यक्रम की जोर-जबर्दस्ती निजी स्वायत्त संस्थाओं पर नहीं कर सकती. सरकार केवल अनुरोध कर सकती है, लेकिन इन दिनों सरकार द्बारा हर विषय को लेकर जोर-जबर्दस्ती की जा रही है, यह उचित नहीं है.
चार्टट अकाउंटंट का देश के व्यापारी क्षेत्र को बढाने में महत्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यदि सरकार के विरुद्ध कोई प्रतिक्रिया सीए की ओर से दी जाती है, तो उसे अनसुना किया जाता है, यह उचित नहीं है. कार्यक्रम मंच से उन्होंने भोंगा विवाद का उदाहरण देते बताया कि, भोंगा विवाद का सबसे बडा नुकसान शिर्डी, पंढरपुर जैसे कई देवस्थानों को हुआ है. विभिन्न मंदिरों में शाम के हरिपाठ के आयोजन भी नहीं हो पा रहे है. इस विवाद से मैजॉरिटी का सर्वाधिक नुकसान हुआ है. देश में धार्मिक दरार पैदा करने का काम किया जा रहा है. लेकिन हर विषय को धर्म के चष्मे से देखना उचित नहीं है, ऐसा कहते उन्होंने कोरोना काल का उदाहरण देते बताया कि, कोरोना से बचने के लिए मरीज जब यहां-वहां दौड लगा रहा था, तब किसी डॉक्टर की जाति नहीं देखी गई. कोरोना की दवा की रुप में इस्तेमाल हुई रेमडिसिवीर यू-को हमीद की सिपला कंपनी बनाती है. पुनावाला की कोरोना वैक्सिन लगाते समय भी वह दवा किस जाती के व्यक्ति ने बनाई है, यह नहीं देखा गया था. यहीं समानता राज्य में होनी चाहिए. सभी को अपने अधिकार का इस्तेमाल करने की आझादी रहनी चाहिए, ऐसा कहते उन्होंने सीए ब्रान्च में उपस्थित सीए व छात्रों से विभिन्न विषयों पर मुक्त चर्चा की.
सीए भवन में सांसद सुप्रीया सुले का आगमन होते ही सीए ब्रान्च के अध्यक्ष पवन जाजू, उपाध्यक्ष विष्णुकांत सोनी, कोषाध्यक्ष अनुपमा लढ्ढा आदि ने सांसद सुले का स्वागत किया. पश्चात उन्होंने सीए क्षेत्र समेत व्यवसाय से जुडे सभी विषयों पर चर्चा कर सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया. चर्चा में एमएसएमई, जीएसटी, स्टार्टअप, न्यू बील ऑन सी-ऑटोनॉमी पर भी चर्चा हुई. चर्चा में सीए संजय लखोटीया, सीए ब्रिजेश फाफट ने सीए की ओर से कई सुझाव दिये. जिन्हें अमल में लाने का प्रयास करने का आश्वासन सांसद सुले ने दिया. इस अवसर पर राष्ट्रवादी के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, पूर्व जिप अध्यक्ष सुरेखा ठाकरे, राष्ट्रवादी के जिलाध्यक्ष सुनिल वर्‍हाडे, सीए दिपक झंवर, दिप्ति राठी, संदीप सुराना, चंद्रशेखर सारडा, गिरीष चांडक, धिरज सारडा, गोविंद कलंत्री, श्रेणिक बोथरा, आदित्य खंडेलवाल, गौरी ककरानिया तथा सीए छात्र बडी संख्या में उपस्थित थे.

* उद्योग को जरुरी सभी अनुमतियां 6 महिने के भीतर मिले
सीए भवन में आयोजित चर्चासत्र का जवाब देते सांसद सुप्रीया सुले ने नये उद्योग लगाने के लिए लगने वाले समय से बचने के लिए उद्योग के लिए जरुरी सभी अनुमतियां सरकार 6 महिने के भीतर प्रदान करें, यदि तय समयावधि में संबंधित अनुमतियां नहीं मिलती है, तो उद्योजक सभी अनुमतियां प्राप्त हुई समझकर अपना उद्योग शुरु कर दें, ऐसा प्रस्ताव केंद्र सरकार को देने की बात सांसद सुले ने कहीं. एमआईडीसी में उद्योजकों को जगह आवंटीत करने की प्रक्रिया को सुलभ बनाने की जरुरत भी उन्होंने व्यक्त की.

* सीए की आवाज सुने सरकार
आम तौर पर सीए को सरकार के विरुद्ध कोई प्रतिक्रिया देने पर निर्बंध है. लेकिन यदि सीए अगर कुछ बोलना चाहते हैं, तो उनकी बात सरकार को सुननी ही पडेंगी. उन्होंने सीए से भी हर विषय व समस्याओं को लेकर समय पर आवाज उठाने की अपील कर कहा कि, अभी आवाज नहीं उठाएंगे, तो 10 वर्ष के बाद का हाल क्या होगा, यह सोच भी नहीं सकते. पानी सिर के उपर से जाने से पहले ही उसका सटीक प्रबंध करने की जरुरत भी उन्होंने व्यक्त की.

* मेरे घर पर रेड हुई, तो पहुंच जाना!
सरकार के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई होती है. मैं भी सरकार के हुकूमशाही के खिलाफ बोलती हूं, ऐसे में मेरे घर पर भी रेड पड सकती है, ऐसा कहते ही सभागार में उपस्थित सीए ने ऐसा नहीं होगा, यह विश्वास व्यक्त किया, तो यदि मेरे घर पर रेड हुई, तो आप समय पर पहुंच जाना, ऐसा प्रतिपादन किया. जिसके बाद सभागृह में सभी के चेहरों पर मुस्कान बिखैर आई थी. फाईट फॉर द लाईफ का संदेश भी उन्होंने इस अवसर पर दिया.

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