सभी ने कहा विजनरी, अनेक ने बताया मार्गदर्शक, अपूरणीय क्षति
शेखावत के निधन से अमरावती में शोक
अमरावती/ दि. 24- बडे शेखावत नाम से हाल के वर्षो में जाने जाते अमरावती के बेजोड लीडर डॉ. देवीसिंह शेखावत के निधन की खबर ने शुक्रवार सुबह अमरावती को शोकमग्न कर दिया. न केवल कांग्रेस अपितु सभी दलों के नेता और कार्यकर्ताओं ने डॉ. साहब के जाने से अमरावती की अपरिमित हानि होने की बात कही. डॉक्टर साहब को विजनरी, मार्गदर्शक के अलावा अमरावती के चौमुखी विकास का पुरोधा भी बताया. शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्यो को अधिकांश ने आदरपूर्वक स्मरण किया.
फोटो-शरद तसरे
* अमरावती की क्षति
शेखावत साहब के लंबे समय के साथी और कभी कभार राजनीतिक प्रतिस्पर्धी भी रहे प्रा. शरद तसरे ने उनके निधन को अमरावती की क्षति बताया. तसरे ने कहा कि सामाजिक, राजनीतिक शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने शेखावत के साथ कार्य किया. बढिया कार्यकर्ता वे थे. अच्छा काम करनेवालों का बराबर साथ देते थे. उनके निधन से दु:ख हुआ है. हमारी संवेदना शेखावत परिवार के साथ है. उनके साथ बिताये गये पल सचमुच यादगार है.
* विदर्भ मिल सहित अनेक सौगात
अचलपुर के पूर्व नगराध्यक्ष हरिशंकर अग्रवाल ने डॉ. शेखावत को अमरावती का सही अर्थो में पालनहार बताया और कहा कि उनकी बदौलत अमरावती का मॉडल रेलवे स्टेशन बना. तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव से कहकर अनेक ट्रेने यहां से शुरू करवाई. शिक्षा क्षेत्र में भी अमरावती और महाराष्ट्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है. अचलपुर की बंद पडी विदर्भ मिल को शेखावत साहब ने फिनले मिल के नाम से शुरू करवाया. 10 वर्षो तक मिल अच्छी चली. 1 हजार मजदूरों का भरण पोषण का प्रबंध उन्होंने कर दिया था. बडनेरा वैगन दुरूस्ती कारखाना भी शेखावत परिवार की देन है. अग्रवाल ने महान नेता के अवसान पर दु:ख व्यक्त किया.
* अमरावती की बडी हानि
कांग्रेस जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने देवीसिंह शेखावत के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अमरावती और कांग्रेस की राष्ट्रीय स्तर पर हानि होने की संवेदना व्यक्त की. जिले के लिए काफी कुछ करनेवाले डॉ. शेखावत विजनरी थे. राष्ट्रपति के यजमान रहते हुए अमरावती के लिए कई प्रोजेक्ट लाए और साकार किए. महाराष्ट्र कांग्रेस की बडी हानि है जो भरी नहीं जा सकेगी.
* मार्गदर्शक गंवाया
शहर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे वसंतराव साउरकर ने कहा कि डॉ. शेखावत अमरावती के महापौर और विधायक रहे है. शिक्षा, सांस्कृतिक, खेल क्षेत्र में उनका अमरावती के लिए बडा योगदान रहा है. ताई साहब के राष्ट्रपति बनने से अमरावती के हित के अनेक प्रकल्प आपकी बदौलत आए और साकार हुए. साउरकर ने युवावस्था में शेखावत के मार्गदर्शन से ही कांग्रेस में सक्रिय होने और अध्यक्ष पद पर रहते हुए बढिया कार्य करने का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि डॉ.साहब के जाने से एक अच्छा मार्गदर्शक खो गया है. अमरावती की बडी क्षति हुई है.
* सदैव रहा आशीर्वाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकरराव हिंगासपुरे ने शेखावत साहब को अपना मार्गदर्शक बताते हुए कहा कि कार्यकर्ता की पहचान अच्छी थी उन्हीं की बदौलत मैं नगरसेवक बना. शहर कांग्रेस अध्यक्ष बना. हिंगासपुरे के अनुसार मनपा में भी डॉ. साहब का नेतृत्व अच्छा रहा. आज भी वह दौर सभी याद करते है. प्रतिभाताई पाटिल के कहने पर उन्होंनेे डॉ. शेखावत को अमरावती की झोपडपट्टी के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलवाया, पहचान कराई. मनपा के पहले चुनाव में कांग्रेस नगर प्रभाग से डॉ. शेखावत बहुत कम अंतर से जीते थे. उस समय नेहरू मैदान की मनपा शाला में चल रही मतगणना का किस्सा याद करते हुए हिंगासपुरे ने बताया कि गर्म मिजाज के डॉ. शेखावत को उन्होेंने ही शांत किया तथा दोबारा मतगणना करवाई थी. हिंगासपुरे ने कहा कि गर्म स्वभाव के कारण एक बार उनका भी डॉ. शेखावत से झगडा हो गया था. यह गवई साहब के इलेक्शन के समय की बात है. उस समय प्रतिभाताई ने उनसे कहा था कि जो कुछ कहना है वह मुझे बोला करे. उल्लेखनीय है कि हिंगासपुरे 15 वर्षो तक शहर जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रहे. इस दौरान शेखावत का मार्गदर्शन और साथ मिलने की बात उन्होंने कही.
* वरिष्ठ मार्गदर्शक खोया, कांग्रेस का बडा नुकसान
शहर की विधायक और कांग्रेस नेता सुलभाताई संजय खोडके ने डॉ. शेखावत के निधन को अमरावती जिला कांग्रेस का बडा नुकसान बताया और कहा कि वरिष्ठ मार्गदर्शक हमने गंवा दिया है. खोडके ने कहा कि गत 5 दशको में अमरावती के राजकारण में वे सक्रिय रहे . उन्होंने अपनी छाप छोडी. शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक कार्यो से अपनी अलग छवि गढी. सभी राजकीय पक्ष, संगठन, संस्था से उनके मैत्रीपूर्ण संबंध रहने से वे राजनीतिक में अजात शत्रु थे. अमरावती में कांग्रेस पार्टी की जडे मजबूत करने सतत मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. अमरावती के इतिहास में उनके कार्य और योगदान सदैव अविस्मरणीय और प्रेरणादायी रहेंगे.
* श्रध्दा स्थान थे शेखावत
कांग्रेस शहर उपाध्यक्ष संजय वाघ ने डॉ. देवीसिंह शेखावत को श्रध्दास्थान बताया. उन्होंने कहा कि एक बडा सिंह शांत हो गया है. मेरे परिवार पर उन्होंने काफी प्रेम किया. शहर की राजनीति पर अंत तक शेखावत साहब की पकड थी. प्रथम महापौर के रूप में अमरावती मनपा को अनुशासन में आगे बढाया. मनपा की आमदनी बढाने देश में पहली बार निजीकरण का प्रयोग किया. चुंगी कर फेंका निजी ठेकेदार को देकर मनपा को संपन्न किया. अनेक कार्यकर्ता बनाए. शहर के विकास में उनका सिंह समान योगदान रहा. ऐसा बलशाली नेता हमारे बीच से चला गया, यह बडी हानि है.
* नवोदय विद्यालय और विवि की स्थापना
प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि अमरावती विश्व विद्यालय की स्थापना और यहां नवोदय विद्यालय का श्रेय डॉ. शेखावत को जाता है. वे महाराष्ट्र कांग्रेस के बडे नेता थे. उनके निधन से पार्टी का बडा नुकसान हुआ है. वरिष्ठ मार्गदर्शक शेखावत के निधन पर भावपूर्ण श्रध्दांजलि अर्पित करता हूॅ. विद्याभारती शैक्षणिक मंडल के रूप में एक गुणवत्तापूर्ण संस्था की स्थापना उन्होंने की. अतिशय मितभाषी और सहकार्य हेतु सदैव तत्पर व्यक्ति वे थे.
* साथ कार्य करने का सौभाग्य
अमरावती के सर्वाधिक समय तक महापौर रहे विलास इंगोले ने प्रथम महापौर डॉ. देवीसिंह शेखावत के निधन पर शोक व्यक्त किया.इंगोले ने कहा कि 1992 में पहले महापौर रहने के साथ डॉ. शेखावत हम सभी के मार्गदर्शक थे. उनके साथ मनपा में कार्य करने का सुअवसर मिला. शहर कांग्रेस के वे अध्यक्ष भी रहे. राजनीतिक पर अच्छी पकड रखनेवाले डॉक्टर साहब कार्यकर्ता की कद्र करते थे. इंगोले ने मनपा के उस दौर को याद करते हुए कहा कि शेखावत साहब से काफी कुछ सीखने मिला.
* परिवार का आधारस्तंभ चला गया
शहर कांग्रेस अध्यक्ष बबलू शेखावत ने दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि वे पितृतुल्य थे. उनके निधन से शेखावत और विद्याभारती परिवार का आधारस्तंभ चला गया है. छत्रछाया चली गई है. उनके निधन का दु:ख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते. इतना जरूर है कि राजनीति हो या सामाजिक क्षेत्र. डॉ. साहब का अमूल्य मार्गदर्शन मिलता रहा. जिससे वे अपने आपको भाग्यशाली कह सकते है कि ऐसे मार्गदर्शक के नेतृत्व में काम करने की संधी मिली. उनके कार्यो और विजन को आगे बढाना है.
* अध्ययनशील व्यक्तित्व
पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने बहुत दु:खद घटना बताते हुए कहा कि प्रथम महापौर और विधायक रहे डॉ.शेखावत अध्ययनशील व्यक्तित्व के धनी थे. मनपा और सदन को कानून के दायरे में रहकर जनहित में कार्य करना उन्होंने सिखाया. इसके लिए वे सदैव याद किए जायेंगे. चिमोटे ने कहा कि विद्यापीठ सीनेट और कार्यकारी परिषद में भी साथ कार्य किया. शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान आपका रहा है. चिमोटे परिवार उनके निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करता है.
* परिवार के वरिष्ठ सदस्य
कांग्रेस नेता कोमल बोथरा ने डॉ. देवीसिंह शेखावत को बोथरा परिवार का वरिष्ठ पारिवारिक सदस्य एवं मार्गदर्शक निरूपित करते हुए निधन पर बडा शोक व्यक्त किया. उनका कहना रहा कि बोथरा और शेखावत परिवार का निकट संबंध रहा है. घनिष्ठ संबंध के कारण ेवे डॉ. साहब को परिवार के वरिष्ठ मार्गदर्शक के रूप में मानते रहे है. डॉ. साहब ने भी उन्हें और बोथरा परिवार पर सदैव स्नेह रखा. उनका निधन अमरावती के लिए बडी क्षति है.
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* देशमुख ने जताया शोक
शहर के पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने अपने फेसबुक पेज पर एक पंक्ति की शोक संवेदना दर्ज कर डॉ. शेखावत के निधन पर दु:ख व्यक्त किया. डॉ. देशमुख ने लिखा कि शेखावत अमरावती के पहले महापौर रहे. विधायक भी रहे. उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हैं.
जन समस्या पर अडिग भूमिका
अमरावती के भूतपूर्व विधायक प्रा. बीटी देशमुख ने डॉ. शेखावत के निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया. उन्होंने अपने दौर का किस्सा बताया जब जनसमस्या को लेकर डॉ. शेखावत ने सत्तापक्ष के सदस्य रहने के बावजूद जनहित में अडिग भूमिका अपनाई. अमरावती के लोगों के हित में कार्य किया. बीटी ने बताया कि अमरावती शहर की जलापूर्ति योजना हेतु तत्कालीन राज्य सरकार ने 10 प्रतिशत जन चंदे की शर्त का आदेश जारी कर दिया था. जिसका जिला नियोजन समिति की बैठक में प्रा. बीटी देशमुख ने विरोध करते हुए प्रस्ताव रखा तो सत्तापक्ष के सदस्य होने के बावजूद डॉ. शेखावत ने उस प्रस्ताव का अनुमोदन किया. यह अपने आप में बडी बात रही. सत्तारूढ दल का दबाव दरकिनार कर डॉ. शेखावत ने जनहित में निर्णय बदलने के लिए काम किया. बीटी देशमुख ने शेखावत को जनता की समस्या पर कठोर भूमिका अपनानेवाले जनप्रतिनिधि के रूप में याद करने की बात कही. उन्होंने शेखावत के निधन पर प्रत्येक शोकमग्न अमरावतीवासी के साथ वे भी हैं. गहरा दु:ख व्यक्त करते हैं.
उच्च शिक्षित, मजबूत नेतृत्व खोया
राकांपा प्रदेश प्रवक्ता संजय खोडके ने कहा कि देवीसिंह शेखावत ने अमरावती के राजकारण को नया आयाम दिया. खोडके ने कहा कि शेखावत की पहचान उच्च शिक्षित, प्रतिभा संपन्न, अध्ययशील, व्यापक जनसंपर्क के धनी और चतुरस्त्र राजनीतिज्ञ के रूप में थी. अमरावती से राजकारण उन्होंने दिल्ली तक पहुचाया. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभाताई पाटिल के यशस्वी राजकीय करियर मेें डॉ. साहब का मार्गदर्शन और सहभाग था. अमरावती में वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय नेता, पदाधिकारियों को डॉ. शेखावत का अनेक बातों और विषयों में मार्गदर्शन एवं सहकार्य प्राप्त हुआ. अनुशासन प्रिय कुशल संगठक के रूप में उनकी ख्याति थी. विविध आयोजन से उन्होंने अनेक अवसरों पर अपने नेतृत्व एवं नियोजन का परिचय दिया. खोडके ने कहा कि उन्हें भी डॉ. शेखावत का अनेक अवसरों पर साथ मिला. खोडके ने डाँ. शेखावत के निधन को अपनी व्यक्तिगत हानि निरूपित कर कहा कि अमरावती के राजकारण का एक अध्याय संपन्न हो गया.