दर्यापुर/दि.25-तृणधान्य यानी मोटा अनाज पौष्टीक अनाज है. इसलिए इसका समावेश हर व्यक्ति ने अपने आहार में करना चाहिए, यह बात लक्ष्मीनारायण नलकांडे विद्यालय के मुख्याध्यापक परिमल नलकांडे ने कही. इस वर्ष युनोस्को ने अंतराष्ट्रीय पौष्टिक तृणधान्य वर्ष मनाने का सुनिश्चित किया है. तृणधान्य का आहार में समावेश होने पर नागरिकों का स्वास्थ्य सुदृढ रहने मदद होगी. इसलिए देश में पौष्टिक तृणधान्य का प्रचार व प्रसार होने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे है. इसके तहत राज्य सरकार ने पौष्टिक अनाज की जानकारी किसानों को तथा छात्रों को हो इसके लिए जनजागरण करने का निश्चित किया है. इसके अंतर्गत लक्ष्मीनारायण नलकांडे विद्यालय धामोडी में तहसील कृषि विभाग द्वारा छात्रों को तृणधान्य का महत्व और इसका आहार में योगदान संदर्भ में जानकारी दी गई. विद्यालय के मुख्याध्यापक परिमल नलकांडे की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में कृषि विस्तार अधिकारी हुड ने आहार में तृणधान्य का महत्व और कृषि की उपयोगिता पर मार्गदर्शन किया. इसके साथ ही पर्यवेक्षक राणे ने फास्टफूड से ज्यादा तृणधान्य किस प्रकार से पौष्टिक है, इस बारे में बताया. इस अवसर पर कृषि सहायक गायत्री धजेकर ने छात्रों से संवाद किया. कार्यक्रम दौरान तृणधान्य की बुआई भी विद्यालय के खेती परिक्षेत्र में की गई. पौष्टिक तृणधान्य की सूचना पुस्तिका तथा तृणधान्य के बीज छात्रों को भेंट स्वरूप दिए गए. कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन विज्ञान शिक्षक नितिन गावंडे ने किया.