अमरावती

गांव के विकास के लिए मतभेद दूर कर सभी एकजुट हो

विधायक यशोमति ठाकुर का मोर्शी तहसील के भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रतिपादन

मोर्शी/दि. 27– विकास काम द्रूतगति से पूर्ण होने के लिए सभी को आपसी मतभेत दूर रख एकजुट होकर प्रयास करने होंगे. साथ ही विकास काम मंजूर करना और इसके लिए निधि लाना इतना आसान नहीं रहता. वर्तमान की सरकार में महाविकास आघाडी सरकार के समय मंजूर हुए विकास काम को स्थगनादेश दिया था. इसके न्यायालय में लडना पडा. इस बात पर से वर्तमान की राज्य सरकार विकास काम में कैसे रोडा डालती है और पक्षपात किया जाता है, यह स्पष्ट हुआ है. ऐसी टिप्पणी विधायक एड. यशोमति ठाकुर ने सरकार पर की.
इस अवसर पर मंच पर विधायक बलवंत वानखडे, मोर्शी तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रमेश काले उपस्थित थे. मोर्शी तहसील के धामणगांव-पोरगव्हाण-विष्णोरा मार्ग के पुल के निर्माणकार्य के भूमिपूजन अवसर पर वे बोल रही थी. उन्होंने कहा कि विकास काम करना यह उनका कर्तव्य है. वह किसी पर उपकार नहीं कर रही हैं. लेकिन विकास काम करते समय कितनी परेशानी सहन करनी पडती है यह बात सभी को पता रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास निधि वितरण में भारी मात्रा में पक्षपात कर रही है. निर्वाचन क्षेत्र किसका यह देख निधि का वितरण किया जाता है. वे राजनीति करते हैं लेकिन हम विकास काम कैसे करना इस बाबत प्रयास करते हैं. राज्य में ऐसी परिस्थिति रही तो भी देश में भी इससे अलग चित्र नहीं है. महिला शक्ति का सम्मान करना यह अपनी संस्कृति है, लेकिन मणिपुर जैसा राज्य हिंसाचार से परेशान रहते वहां एक कारगिल सैनिक की पत्नी को निर्वस्त्र कर उसे घूमाया गया. यह संपूर्ण नारीशक्ति की विडबंना है, फीर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस अभागी महिला से मुलाकात तक नहीं करते, यह इंसानीयत है क्या? ऐसा सवाल कर उन्होंने कहा कि पवित्र संविधान यह लोकतंत्र की आत्मा है. लेकिन इसी संविधान की तोडफोड कर लोकतंत्र की आत्मा पर ही घात करने का प्रयास सरकार कर रही है. इस सभी बातों का विचार आम जनता करे, सरकार का विकास यानि केवल आभास रहने की बात भी उन्होंने कही. इस अवसर पर प्रवीण कालमेघ, बालासाहब पुंड, सरपंच अक्षय तायवाडे, गिरीधर कालमेघ, माया बोकणे, इद्रिस पटेल, प्रभाकर कडू, हेमंत सोलव, स्वाति सौदागर, मयूर सोलव, श्रीमती बोडाखे, दिनेश पुंड, कविता पुंड, मनोज तुकाडे, गजानन ढवली, श्रीमती कोकणे आदि मान्यवर उपस्थित थे.

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