33 हजार से अधिक लोगों को दिया गया ईवीएम का डेमो
अमरावती सहित वर्धा निर्वाचन क्षेत्र में भी मतदान यंत्र को लेकर की गई जनजागृति
अमरावती/दि.1– आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्थानीय उपजिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा तहसीलस्तर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटींग मशीन यानि ईवीएम के काम करने और ईवीएम के जरिए मतदान करने की पद्धति आम लोगों को समझाने की व्यवस्था की गई है. जिसमें जिले के 35 हजार से अधिक नागरिकों ने सहभाग लिया.
अमरावती जिले में कुल 14 तहसीलें है. जिन्हें मिलाकर 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बनाए गए है. इसमें से 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का अमरावती तथा शेष 2 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का वर्धा संसदीय क्षेत्र में समावेश होता है. ऐसे में अमरावती के उपजिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा ईवीएम को लेकर जनजागृति करने हेतु की गई व्यवस्था अमरावती व वर्धा ऐसे दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के लिए काम में आयी.
उपजिला निर्वाचन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मेलघाट में सर्वाधिक 6 हजार 350 तथा तिवसा निर्वाचन क्षेत्र में 6 हजार 325 मतदाताओं ने ईवीएम के काम करने और इस मशीन के जरिए वोट डालने की पद्धति को ध्यान से समझा. इसके अलावा अचलपुर में 4 हजार 519, दर्यापुर में 3 हजार 803, अमरावती में 3 हजार 524 व बडनेरा मेें महज 1 हजार 382 मतदाताओं ने संबंधित तहसील कार्यालयों में पहुंचकर ईवीएम के बारे में जानकारी हासिल की.
उल्लेखनीय है कि, ईवीएम को हैक किया जा सकता है, ईवीएम के जरिए मतदान को बदला जा सकता है, मतदाता द्वारा किसी एक प्रत्याशी को दिया गया वोट किसी अन्य प्रत्याशी के खाते में चला जाता है, जैसे कई परस्पर विरोधी प्रश्न विगत अनेक दिनों से उपस्थित किये जा रहे थे. ऐसी तमाम भ्रांतियों व शंकाओं को दूर करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा आम नागरिकों के लिए ईवीएम का डेमो रखा गया था. जिसके तहत ईवीएम की जानकारी हासिल करने पहुंचे नागरिकों को निर्वाचन विभाग के कर्मचारियों द्वारा ईवीएम के काम करने की पद्धति समझाने के साथ ही यह भी बताया गया कि, सामान्य मतपत्रिका की तुलना में ईवीएम ज्यादा बेहतर कैसे है.
* वर्धा संसदीय क्षेत्र में भी दिया गया डेमो
बता दें कि, अमरावती जिले के मोर्शी व धामणगांव ऐसे दो विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र लोकसभा चुनाव के समय वर्धा संसदीय क्षेत्र में शामिल होते है. ऐसे में अमरावती जिला प्रशासन ने वर्धा संसदीय क्षेत्र में शामिल रहने वाले इन दोनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में भी ईवीएम मशीन को लेकर जनजागृति की. जिसके तहत मोर्शी-वरुड निर्वाचन क्षेत्र के 4 हजार 279 तथा धामणगांव रेल्वे निर्वाचन क्षेत्र के 3 हजार 950 मतदाताओं ने संबंधित तहसील कार्यालयों में पहुंचकर इस डेमो के तहत ईवीएम मशीनों की जानकारी हासिल की.
* ‘उन’ दो तहसीलदारों को हटाया गया निर्वाचन संबंधित काम से
– फौजदारी दाखिल रहने के चलते फैसला, निर्वाचन आयोग के आदेश पर हुआ अमल
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फौजदारी मामला दर्ज रहने वाले किसी भी अधिकारी को चुनाव संबंधित कामकाज में शामिल नहीं किये जाने संबंधित आदेश के चलते अमरावती जिले के तिवसा व मोर्शी के तहसीलदारों को इस बार लोकसभा चुनाव संबंधित कामकाज से बाहर रखा गया है. साथ ही जिला निर्वाचन विभाग द्वारा इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है.
बता दें कि, जारी मार्च माह के दौरान ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएंगी. इसके मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा तेज रफ्तार के साथ तैयारी की जा रही है. इसी दौरान जिन अधिकारियों पर फौजदारी स्वरुप के अपराध दर्ज है, उन्हें चुनाव से संबंधित कोई भी कामकाज नहीं सौंपने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिया गया है. जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, विभागीय जांच, कार्यालयीन अनियमितता व भ्रष्टाचार संबंधित मामले में फौजदारी अपराध दर्ज रहने वाले अधिकारी को चुनाव से संबंधित कामकाज के लिए जिम्मेदारी न सौंपी जाये. जिसके बाद राज्य के राजस्व एवं वनविभाग के सचिव सुरेश नाईक ने विशेष तौर पर अपर जिलाधीश, उपजिलाधीश व तहसीलदार संवर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति की ओर विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किये. जिसके चलते तिवसा के तहसीलदार सुनील पाटिल व मोर्शी के तहसीलदार राहुल पाटिल को लोकसभा चुनाव से संबंधित कोई कामकाज नहीं सौंपा जाएगा, ऐसी विश्वसनीय जानकारी है.
वहीं इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तिवसा के तहसीलदार सुनील पाटिल ने बताया कि, उनके खिलाफ किसी भी तरह का कोई फौजदारी मामला दर्ज नहीं है और उन्हें लेकर किसी भी तरह की कोई जांच भी नहीं चल रही. इसके अलावा मोर्शी के तहसीलदार राहुल पाटिल ने बताया कि, एक पुराने मामले को लेकर उनकी विभागीय जांच शुरु है और इस संदर्भ में अब भी निर्णय प्रलंबित है.