शिक्षा मंडल पर सात वर्षों से नियुक्ति की परीक्षा
दसवीं-बारहवीं की परीक्षा अशासकीय सदस्यों के बगैर ही
अमरावती/दि.7 – राज्य के विभागीय शिक्षण मंडल पर गत सात वर्षों से अशासकीय सदस्यों की नियुक्तियां ही नहीं हुई. दरमियान एक बार नियुक्तियां की गई, वे भी नियमबाह्य होने से तत्काल रद्द करनी पड़ी. अशासकीय सदस्यों के नियुक्तियां आवश्यकता नहीं होने पर भी गत सात वर्षों से अशासकीय सदस्यों के बिना दसवीं-बारहवीं की परीक्षा होने से शिक्षण क्षेत्र में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है.
राज्य की माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल पर विविध संवर्ग से अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति की जाती है. मुख्याध्यापक, कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक,माध्यमिक शिक्षक,माध्यमिक व्यवस्थापन समिति, कनिष्ठ महाविद्यालयीन व्यवस्थापन समिति ऐसे संवर्ग से प्रत्येक विभागीय शिक्षण मंडल पर 16 अशासकीय सदस्यों की नियुक्तियां की जाती है. सरकार बदलने के बाद हर पांच वर्षों में यह नियुक्तियां होती है. प्रत्येक जिले से प्रस्ताव प्रस्तुत होने के बाद मुख्यमंत्री के अंतिम निर्णय पर वह की जाती है. गत अनेक वर्षों से अशासकीय सदस्यों की नियमित नियुक्तियां होती थी.
गत सात वर्षों से यह नियुक्तियां हुई ही नहीं. राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रहते कोई भी प्रस्ताव न बुलाते अशासकीय सदस्यों की नियुक्तियां की गई थी. लेकिन नियुक्ति होने के बाद यह नियुक्तियां नियमबाह्य होने की बाते होते ही यह नियुक्ति तुरंत रद्द की गई थी. विशेष बात यह है कि इन नियुक्तियों में सेवानिवृत्त हुए शिक्षकों का समावेश था.
दसवीं-बारहवीं की परीक्षा जारी रहते यह नियुक्तियां होना अनिवार्य है. शिक्षा मंडल पर इन सदस्यों का उचित नियंत्रण रहता है. लेकिन सात वर्षों से यह नियुक्तियां क्यों नहीं की गई, ऐसा प्रश्न शिक्षा क्षेत्र में निर्माण हो रहा है.