अमरावती

चारों विद्याशाखाओं की परीक्षाएं आगे टली

‘प्रोग्राम की‘ हुई डुप्लीकेट, मैपिंग में समस्या, रिकॉर्ड हुए गलत, हॉल टिकट में त्रृटियां

अमरावती/दि.१३ – स्थानीय संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की सोमवार १२ अक्तूबर से शुरू होनेवाली अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नागपुर स्थित एक एजेन्सी की गडबडियों के चलते स्थगित कर दी गई. जिसकी वजह से मानव्य विद्या, वाणिज्य विद्या, विज्ञान व अभियांत्रिकी विद्या शाखा तथा आंतरविद्या शाखा जैसे चारों विद्याशाखाओं की परीक्षाओं को कुछ समय के लिए आगे टाल दिया गया है और अब नये सिरे से टाईम टेबल तैयार कर परीक्षा की अगली तारीख घोषित की जायेगी.
बता दें कि, विद्यापीठ द्वारा अपनी ऑनलाईन व ऑफलाईन परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी नागपुर की प्रोमार्क नामक कंपनी पर सौंपी थी. जिसे लेकर कंपनी के साथ करार भी किया गया था. इसी एजेंसी के पास नागपुर विद्यापीठ की परीक्षाओं का भी जिम्मा है. और विगत सप्ताह वहां पर भी परीक्षा से संबंधित कामों में जबर्दस्त गडबडियां रहने की वजह से परीक्षा को स्थगित करना पडा और अब इसी बात की पुनरावृत्ति रविवार को अमरावती विद्यापीठ में भी हुई. जिसके चलते सोमवार से शुरू होनेवाली परीक्षा से महज कुछ घंटे पूर्व रविवार की शाम अमरावती विद्यापीठ को यह परीक्षा स्थगित करनी पडी.

चार विद्याशाखाओं के पाठ्यक्रम

  1. मानव्य विद्याशाखा : बीए, एमए, एलएलबी, एलएलएम.
  2. वाणिज्य विद्याशाखा : बीकॉम, एमकॉम, बीबीए, एमबीए, एमसीएम, एमएचआरडी, डिप्लोमा इन टैक्सेशन.
  3. विज्ञान व अभियांत्रिकी विद्याशाखा : बीई, एमई, बीटेक, एमटेक, बीएससी, एमएससी, बीफार्म, एमफार्म, फार्मडी.
  4. आंतर विद्याशाखा : बीएससी, एमएससी, गृहविज्ञान, बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, बीएसडब्ल्यू, एमएसडब्ल्यू, बीव्होक.

प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं का नया?

इस समय पदवी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के ही बारह बजे हुए है. ऐसे में प्रथम व द्वितीय वर्ष एवं सत्र के विद्यार्थियों की परीक्षाएं कब और कैसे होगी, यह अपने आप में बडा सवाल है. प्रथम व द्वितीय सत्र के करीब १ लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा का नियोजन अब भी अटका पडा है. इन परिक्षार्थियों को आयकार्ड तो वितरित किये जा चुके है, लेकिन परीक्षाओं के बारे में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

परीक्षा मंडल को रखा दूर

महाराष्ट्र सार्वजनिक विद्यापीठ अधिनियम २०१६ की धारा ४७ के तहत गठित परीक्षा व मूल्यांकन मंडल को इस पूरे मामले से अलिप्त रखा गया है. विद्यापीठ में परीक्षा लेने की जिम्मेदारी रहनेवाले इस प्राधिकरण को पूरा निर्णय हो जाने के बाद इसके बारे में सूचित किया गया था. ऑनलाईन परीक्षा के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति नहीं होने के चलते सारा मामला गडबडा गया. जिसके बाद कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर व प्र. कुलगुरू डॉ. राजेश जयपूरकर ने सोमवार को परीक्षा विभाग में भेट देकर परीक्षा के कामकाज के बारे में जानकारी प्राप्त की.

इन कारणों के चलते टली परीक्षा

  1. हॉल टिकट में अनेकों त्रृटियां.
  2. महाविद्यालयों के ई-मेल पर जानकारी समय पर नहीं पहुंची.
  3. मैपिंग में कई तरह की समस्याएं.
  4. एॅप पर गलत विषय भेजे गये.
  5. परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड हुए डुप्लीकेट.
  6. परीक्षा के प्रोग्रॉम में त्रृटी, गलत फाईल अपलोड.
  7. एॅप में अविद्यार्थियों का डेटा बदला.
  •  २२५ कुल परीक्षा
  •  २४५९ कुल पेपर
  •  १.०८ लाख ऑनलाईन परीक्षार्थी
  •  ५३०० ऑफलाईन परीक्षार्थी

हम तकनीकी कारणों की खोज कर रहे है. विद्यापीठ में ऑनलाईन परीक्षा प्रणाली पहली बार ही चलायी जा रही है. तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए दो दिनों का समय लगेगा और जल्द ही परीक्षाओं का नया टाईमटेबल घोषित किया जायेगा.
– डॉ. मुरलीधर चांदेकर कुलगुरू,
संगाबा विद्यापीठ, अमरावती.

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