अमरावती/दि.21- कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान संक्रमण की चपेट में आये मरीजों को स्टेरॉयड के डोज अच्छे-खासे दिये गये. ऐसे में स्टेरॉयड का समावेश रहनेवाली दवाईया लगातार लेने के चलते अब कमरदर्द और जोडों के दर्द की तकलीफों का सामना कई लोगों को करना पड रहा है. बता दें कि, कोमार्बिडीटी यानी बहुविध बीमारियों से पीडित मरीजों को स्टेरॉयड का समावेश रहनेवाली दवाईया दी जाती है. जिसकी वजह से हड्डियों के कमजोर होने का प्रमाण बढ गया है. 40 वर्ष की आयु के बाद कई मरीजों को दी जानेवाली दवाईयों में स्टेरॉयड की दवाई का समावेश रहता है, लेकिन आगे चलकर इन मरीजों को कमरदर्द व जोडों के दर्द की तकलीफ होना शुरू हो जाती है.
* हड्डिया हुई कमजोर
स्टेरॉयड का अति प्रयोग करने की वजह से मरीजों की हड्डियां कमजोर होने का दुष्परिणाम अब दिखाई देने लगा है. ऐसे मरीजों में थकान, कमर दर्द, जोडों का दर्द व मांसपेशियों में खिंचाव जैसी तकलीफे दिखाई देती है. इन सभी में हड्डियों के दर्द की शिकायत सबसे अधिक है.
* कमरदर्द व जोडों के दर्द को हल्के में न लें
हड्डियों के कमजोर होने के बाह्य लक्षण दिखाई नहीं देते, बल्कि इसकी प्रक्रिया बेहद धीमी रहने के चलते धीरे-धीरे इसकी तकलीफ बढने लगती है. कई व्यक्तियोें द्वारा थोडी भी दौडभाग करने पर उनकी हड्डियों के जोड दर्द करने लगते है. ऐसे में इस बीमारी की ओर अनदेखी न करते हुए अस्थिरोग विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद जरूरी होता है.
* यह जरूर करे
किसी योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में व्यायाम करना बेहद जरूरी है. ताजी साग-सब्जी, पौष्टिक आहार व फलों का सेवन करे. डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही स्टेरॉयड की गोलिया लें और हड्डियों के जोड व कमर में दर्द होने पर तुरंत किसी अस्थिरोग विशेषज्ञ से सलाह लेते हुए अपना इलाज करवाये.