अमरावती

जानलेवा ना हो जाए व्यायाम

हल्के व्यायाम के साथ पौष्टिक आहार लेना भी जरुरी

* हाईपर जिमिंग को टाला जाना चाहिए
* विशेषज्ञों की सलाह लेना भी आवश्यक
अमरावती/दि.22 – इन दिनों हर कोई कसरती बदन चाहता है. जिसके लिए लोगबाग कई-कई घंटों तक जीम में जाकर पसीना बहाते है, लेकिन क्षमता से अधिक और गलत पद्धति के साथ किया जाने वाला व्यायाम जान पर भी भारी पड सकता है. ऐसे में इस तरह का व्यायाम बिल्कुल नहीं करना चाहिए, जो जानलेवा साबित है.
उल्लेखनीय है कि, अब सर्दी के मौसम की शुुरुआत हो गई है. इसके साथ ही जिम में युवाओं की भीड-भाड बढने लगी है. स्वास्थ्य व तंदुरुस्ती के लिहाज से व्यायाम को बेहद महत्वपूर्ण व जरुरी कहा जाता है. लेकिन कई लोग फटाफट कसरती बदन पाने की चाहत में अपनी क्षमता से अधिक व्यायाम करते है. यह कभी-कभी जान पर भारी पड जाता है. इन दिनों ऐसे कई मामले भी सामने आए है. जब व्यायाम करते-करते गश खाकर गिर जाने और फिर जान चली जाने के मामले घटित हुए है. ऐसे में डॉक्टर व जीम टे्रनर की सलाह से ही व्यायाम करने का आवाहन किया जाता है.
वैसे देखा जाए, तो किसी भी बात की अति हमेशा घातक ही होती है. यद्यपि शुरुआत में इसका परिणाम दिखाई नहीं देता, लेकिन आगे चलकर स्थिति गंभीर भी हो सकती है. क्षमता व जरुरत से अधिक व्यायाम करने के मामले में भी यह बात लागू होती है. कई लोगों को ब्लड प्रेशर व ब्लड शूगर जैसी समस्या रहती है. ऐसी स्थिति में क्षमता से अधिक व्यायाम करने पर हृदयाघात का भी झटका आ सकता है. कई लोग आकर्षक और कसा हुआ बदन बनाने के लिए वेटलिफ्टिंग जैसे घातक प्रयोग भी करते है. इसका अति प्रमाण होने पर इसके घातक परिणाम भी दिखाई देते है. इसके अलावा इन दिनों लोगबाग अपनी मसल्स को उभार देने और अपनी क्षमता को बढाने के लिए स्टेरॉयड जैसे पदार्थों का भी सेवन करते है. यह भी काफी घातक हो सकता है.

* 40 के बाद प्रतिमाह कराए नियमित जांच
वैसे तो 40 वर्ष की आयु के बाद शरीर की नियमित जांच कराना बेहद जरुरी है. वहीं इन दिनों 30 वर्ष से कम आयु वाले युवाओं में भी शुगर व बीपी जैसी बीमारियां तथा हार्ट अटैक जैसी समस्याएं देखी जा रही है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, 40 वर्ष की आयु पार करने के बाद प्रतिमाह और 25 से 30 वर्ष की आयु पार करने के बाद प्रत्येक 6 माह में एक बार अपनी शारीरिक जांच करा ली जाए.

* जीम प्रशिक्षक व हृदयरोग विशेषज्ञों की सलाह आवश्यक
कई बार लोगबाग जीम में अपने मन से ही व्यायाम करते है. ऐसा करना घातक व नुकसानदेह साबित हो सकता है. जीम में प्रशिक्षक उपलब्ध रहता है. जिनके मार्गदर्शन में व्यायाम करना शरीर और स्वास्थ्य के लिहाज से सही होता है.

* अच्छे शरीर के लिए ड्रग्ज जरुरी नहीं
कई बार कसा हुआ शरीर बनाने के लिए अपने मन से क्षमता से अधिक व्यायाम करने के साथ-साथ स्टैमिना बढाने के लिए डॉक्टर की सलाह के बिना कई तरह की दवाईयां व गोलियां ली जाती है, जिनमें स्टेरॉयड का प्रमाण काफी अधिक रहता है, ऐसा करना शरीर के लिए काफी घातक माना जा सकता है.

* यह हार्ट अटैक के लक्षण
हाथों में दर्द, पीटदर्द, सांस लेने में तकलीफ होना, पसीना छूटना, शरीर के सुन्न होना, कंधा दुखना, गर्दन व जबडे में वेदना होना आदि को हार्ट अटैक का लक्षण माना जा सकता है, ऐसे लक्षण दिखाई देते ही तुरंत किसी हृदयरोग विशेषज्ञों को दिखाया जाना चाहिए और हमेशा डॉक्टर की सलाह व जीम ट्रेनर का मार्गदर्शन लेने के बाद ही जीम में जाकर व्यायाम व कसरत करना चाहिए.

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