अमरावती

15 दिन में अपेक्षित बारिश होना जरुरी

औसत से 32 फीसद कम हुई है बारिश

* दर्यापुर व अंजनगांव सहित 8 तहसीलों में कम बरसा पानी
अमरावती/दि.25– इस बार जूून माह में मानसून का आगमन होने में तीन सप्ताह का विलंब हुआ. इसके पश्चात पूरा अगस्त महिना सुखा गया और सितंबर माह के पहले 2 सप्ताह भी सुखे ही बीते. जिससे इस बार अमरावती जिले में औसत से भी कम बारिश हुई है. जिसकी वह से चिंता बढ गई है. इस समय बारिश का मौसम खत्म होने में केवल 6 दिन का समय बचा हुआ है और इस दौरान बारिश का बैकलाग पूरा होने की कोई संभावना नहीं है. जिसके चलते रबी के सीजन को लेकर चिंता काफी अधिक है.
बता दें कि, अमरावती जिले में 1 जून से 23 सितंबर की कालावधि के दौरान 826 मिमी औसत बारिश अपेक्षित होती है. जिसकी एवज में इस बार केवल 68 फीसद यानि 568 मिमी बारिश हुई है. इस समय चांदूर बाजार व वरुड इन दो तहसीलों पर बारिश अपेक्षाकृत रुप से मेहरबान रही. वहीं 14 में से 12 तहसीलों में तुलनात्मक तौर पर कम बारिश हुई. इसमें भी दर्यापुर व अंजनगांव सहित 8 तहसीलों में बारिश को अत्यल्प कहा जा सकता है. हालांकि जिले के बडे, मध्यम व छोटे प्रकल्पों के जलसंग्रहण क्षेत्र में अच्छी बारिश होने तथा मध्यप्रदेश के पहाडी क्षेत्र से बांधों में पानी की आवक बढने के चलते जिले के 4 प्रकल्पों में समाधानकारक जलसंग्रहण है. ऐसे में संभावित जलकिल्लत से थोडी राहत मिलती नजर आ रही है. परंतु भूगर्भ में जल का पुनर्भरण नहीं हो पाने की वजह से कुछ तहसीलों को गर्मी के मौसम में जलकिल्लत से जुझना पड सकता है. इसके अलावा जमीन में आर्द्रता कम रहने के चलते खरीफ की फसलें तो जैसे-तैसे निभ जाएगी. परंतु रबी सीजन के दौरान कुछ मुश्किलों का सामना करना पड सकता है. जिसके साथ ही उंचाई पर रहने वाले गांवों को भी इस कुछ जल्दी ही जलकिल्लत की समस्या का सामना करना पड सकता है.
* अब तक केवल 67 फीसद बारिश
जिले में 1 जून से 23 सितंबर तक 826 मिमी औसत बारिश होने की अपेक्षा रहती है. जिसमें से अब तक केवल 568 मिमी बारिश हुई है. यह कुल अपेक्षित बारिश की तुलना में महज 68 फीसद है. इस बार केवल चांदूर बाजार एवं वरुड तहसील क्षेत्र में ही बारिश ने अपना औसत स्तर पूरा किया है.
* बांधों में पयाप्त जलसंग्रह
– जिले के 4 प्रमुख बांधों में 86 से 99 फीसद जलसंग्रहण है. चंद्रभागा व शहानुर इन दो माध्यम प्रकल्पों में कुछ विलंब से अपेक्षित जलसंग्रहण हुआ है. जो आगामी गर्मी के मौसम के लिहाज से पर्याप्त है.
– अप्पर वर्धा बांध के जलसंग्रहण क्षेत्र में जुलाई माह के दौरान दमदार बारिश होने के चलते प्रकल्प के सभी दरवाजों को खोलकर जलनिकासी करने की नौबत आयी थी. फिलहाल इस प्रकल्प में 99.83 फीसद जलसंग्रह रहने के चलते अमरावती सहित 4 तहसीलों की चिंता मिट गई है.
– शहानुर प्रकल्प में इस समय 92 फीसद जलसंग्रहण है. जिसके चलते दर्यापुर तहसील में अत्यल्प बारिश रहने के बावजूदे गर्मी के मौसम में जलकिल्लत वाली स्थिति नहीं रहने की संभावना है.
* 15 दिन में अपेक्षित बारिश नहीं होने पर
– खेती
यदि आगामी 2 सप्ताह के दौरान पर्याप्त व अपेक्षित बारिश का बैकलॉक पूरा नहीं होता है, तो दर्यापुर व अंजनगांव तहसील क्षेत्र की फसलों के पानी की कमी की वजह से सुखने का खतरा मंडरा सकता है. इसके अलावा वरुड एवं चांदूर बाजार तहसीलों को छोडकर अन्य सभी 12 तहसीलों के असिंचित क्षेत्र में रबी का सीजन काफी मुश्किल वाला रह सकता है.
– पीने का पानी
जिले के प्रमुख प्रकल्प में पर्याप्त जलसंग्रहण रहने के चलते बांधों से सटे तहसील क्षेत्र में जलकिल्लत को लेकर स्थिति भीषण नहीं रहेगी. परंतु कुछ तहसीलों के जलस्त्रोतों में मार्च माह के पश्चात जलसंग्रह खत्म होने की संभावना बन सकती है. जिसके चलते उन तहसीलों में जलकिल्लत वाली स्थिति रह सकती है.
– जानवरों का चारा-पानी
सितंबर माह में हो रही बारिश तथा इसके बाद अक्तूबर माह में होने वाली वापसी की बारिश के चलते चारे की किल्लत ज्यादा तीव्र नहीं रहेगी, परंतु कम बारिश रहने वाले अंजनगांव व दर्यापुर तहसील क्षेत्रों में चारे-पानी की समस्या रह सकती है.
* क्या कहते है विशेषज्ञ?
जिले के 4 तहसीलों में बारिश का औसत अच्छा रहा. वहीं 10 तहसीलों में बारिश कम रहने के चलते वहां पर मार्च माह के अंत में ही जलकिल्लत वाली स्थिति बन सकती है. इन तहसील क्षेत्रों की जमीनों में पर्याप्त आर्द्रता नहीं रहने के चलते रबी का सीजन मुश्किल वाला रह सकता है.
– प्रवीण राउत,
मौसम व कृषि विशेषज्ञ.

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