अमरावती

महंगी हुई राख, ईंटभट्टा व्यवसाय संकट में

हजारों मजदूरों पर बेरोजगारी का साया

अमरावती/दि. 20 – जिले के बिजली प्रकल्प से राख ले जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर 100 प्रतिशत से अधिक बढ जाने के कारण जिले के करीब 200 से अधिक ईंटभट्टी के बंद होने का खतरा मंडराने लगा है. ईंट भट्टों के बंद होने से हजारों मजदूरों पर बेरोजगार होने का साया मंडरा रहा है. जिसके चलते प्रशासन से मांग की जा रही है कि वह राज्य सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करे.

लागत खर्च बढा, महंगी हुई ईंटें

जिले में बडे पैमाने पर बाजारों में बनी ईंटों का इस्तेमाल गृहनिर्माण के लिए किया जाता है. अधिकतर नागरिक इन्हीं ईंटों पर निर्भर है. ईंटों में लगनेवाले राख के दाम बढने से ईंटभट्टे की लागत भी बढ रही है, इससे ईंटों की कीमत में भी उछाल आ रहा है. इसी वजह से कई नागरिक जो अपना आशियाना बनाने का सपना देख रहे हैं, उन पर महंगाई की मार पडेगी. जिले की कुल 14 तहसीलों मेंं 400 से अधिक ईंटभट्टे हैं, लेकिन अब लागत महंगी होने से इनके अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में ईंटभट्टे से निकली लाल ईंटों की मांग काफी अधिक है. इन भट्टों पर काम करनेवाले अधिकतर मजदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ही है. ईंटभट्टों के बंद होने पर करीब 3 हजार मजदूर प्रभावित होंगे.राज्य सरकार द्वारा बिजली प्रकल्पों से निकलनेवाली राख को महंगा करने से केवल ईंटभट्टा संचालक परेशान नहीं है. बल्कि यह काम करनेवाले हजारों मजदूरों पर इसका असर दिखाई देगा. जिले के सभी ईंटभट्टा संचालको द्वारा सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग भी की जा रही है.

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