* विधायक बच्चू कडू के निर्वाचन क्षेत्र के 6 कामों को मंजूरी
अमरावती/ दि. 29– सालभर से सत्ता संघर्ष में प्रलंबित जिला परिषद के 22 करोड के काम पर अभी तक स्थगिति कायम है. इसमें से केवल विधायक बच्चू कडू के निर्वाचन क्षेत्र में 2 करोड के 6 कामों को मंत्रालय से मंजूरी दी गई है. अभी तक 20 करोड के काम होल्ड पर ही होने जिले में राजनीतिक वातावरण गरमा गया है.
राज्य में सत्ता बदलते ही शिंदे-फडणवीस सरकार ने राज्य में मार्च 2021 से निविदा प्रक्रिया में रहनेवाली सभी कामों को स्थगिति दी थी. जिसके कारण इस काम को ब्रेक लगने से जिला परिषद में 22 करोड के काम प्रलंबित थे. लगभग 4 माह बाद जिले में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के रूप में नए पालकमंत्री मिले. अक्तूबर के पहले सप्ताह में उन्होंने जिले का दौरा कर नियोजन की समीक्षा ली व 2021 से ठप्प रखे गए सभी काम पर स्थगिति हटाने के आदेश दिए. परंतु इसमें शर्त लादते हुए शुरूआत में इस काम की जांच होगी. उचित काम हो तभी इस काम पर अगली कार्रवाई की जाएगी ऐसे निर्देश दिए थे. जिसके कारण जिला परिषद में स्थगिति के कारण ठप्प हुए 22 करोड रूपए के काम की सूची प्रशासन की ओर से मंत्रालय में प्रस्तुत की गई है. परंतु इसको ढाई माह बीत गए परंतु अभी तक इस काम को मंत्रालय से मंजूरी नहीं दी गई. इस संबंध में अधिकारियों की ओर से प्रयास शुरू होने पर इस काम संबंध में संभ्रम निर्माण होने पर फिलहाल सत्ताधारियों के साथ विधायक बच्चू कडू के निर्वाचन क्षेत्र में 2 करोड के 6 काम पर स्थगिती हटाई. 22 में से 2 करोड रूपए को ही मंजूरी दिए जाने से अब जिले में राजनीतिक वातावरण गरमा गया है.
* 20 करोड के काम की मुदत अप्रैल 2023 को खत्म होगी
जिला परिषद ने सन 2020-21 के नियोजन में 22 करोड के काम मंजूर किए थे. इस काम को मार्च 2023 में दो साल हो जायेंगे परंतु सत्ता संघर्ष के कारण 2021 से निविदा प्रक्रिया में सभी काम रोकने से स काम को अब समयावृध्दि की प्रतीक्षा लगी है. कारण अब निधि खर्च करने के लिए जिला परिषद के पास केवल तीन माह ही बाकी है. इसके अलावा इस काम की स्थगिती उठाई नहीं है. जिसके कारण इस नियोजन में बदलाव कर नये से काम लिए जाऐंगे. इस निर्णय की ओर सभी का ध्यान लगा है.
शासन के पास मंजूर काम पर स्थगिती उठाने के संबंध में हम प्रयास कर रहे है. इसके लिए शासन को तथा जिलाधिकारी को पत्र दिया है. यह काम शासन स्तर पर ही प्रलंबित है.
अविश्यांत पंडा, सीईओ