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मौसम बदलते ही बढ़ने लगी आंखो की बीमारी

सप्ताह में 8 से 10 मरीज पाए जा रहे

अमरावती/दि.25- अब बारिश के बाद ठंड का मौसम आते आते ही कंजंक्टिवायटिस के मरीज बढ़ने लगे है. आए दिन इन मरीजो की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इसमें युवाओं सहित छोटे बच्चो का भी समावेश रहने की जानकारी नेत्ररोग तज्ञ डॉ. साकेत लड्ढा ने कहा.
वातावरण में हुआ बदलाव इस बीमारी के लिए पोषक रहता है. डॉ. साकेत लड्ढा ने अमरावती मंडल से बात करते हुए कहा कि सर्दी, खांसी, बुखार के साथ हर वर्ष इन दिनों में आंखे आने की बीमारी फैलती है. जिस व्यक्ति की आंखे आई रही उसके संपर्क में आना, साथ ही उस व्यक्ति का रूमाल, उसके इस्तेमाल किए आंखो के ड्राप्स आदि वस्तु का इस्तेमाल करने पर निरोगी व्यक्ति को भी इस बीमारी का संसर्ग होने की संभावना रहती है. डॉ. लड्ढा ने यह भी कहा कि एक दफा व्यक्ति कंजंक्टिवायटिस की चपेट में आने के बाद वह ठीक हो जाता है दोबारा उसे आंखो का संसर्ग नहीं होता, ऐसा कहा जाता है. लेकिन इस बात में कोई तथ्य नहीं रहता. एक दफा यह आंखो की बीमारी आकर गई तब उस बीमारी के विरोध में शरीर में रोग प्रतिकार शक्ति तैयार होती है यह बात सही है. लेकिन फिर से संसर्ग नहीं होगा, ऐसा नहीं है. एक आंख को संसर्ग होने के बाद दूसरी आंख को वह चपेट में लेता ही है. आंखो की बीमारी वैसे चार से पांच दिन की रहती है. लेकिन यह अधिक दिन रही अथवा इसके विषाणु आंखो की गहराई में गए तो दृष्टि पर भी इसके परिणाम होने की संभावना रहती है. अमरावती शहर में अब बारिश के बाद ठंड का मौसम आने और वातावरण में बदलाव आने से इस बीमारी के मरीजो की संख्या बढ़ने लगी है. आए दिन नेत्ररोग तज्ञ के दवाखानो में मरीजो की भीड दिखाई देने लगी है.
बीमारी होने पर यह सावधानी रखें
कंजंक्टिवायरस होने पर दिन में चार से पांच दफा आंखे पानी से धोए. डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई, ड्रॉप अथवा मलम इस्तेमाल करने के पहले और बाद में हाथ स्वच्छ धोए. तकीये के कवर, चादर आंखो के लिए इस्तेमाल कपडे, रूमाल, नैपकिन, टॉवेल गरम पानी से धोए. आंखो की बीमारी से बाधित मरीज का साहित्य इस्तेमाल न करें, सकस आहार व विटामीन अ युक्त पदार्थ का सेवन करें, ऐसा भी डॉ. लड्ढा ने कहा.

यह है इस बीमारी के लक्षण
आंखो की बीमारी में आंखे लाल होना अथवा आंखो में रक्तस्त्राव होना, आंखो से लगातार पानी आना, सुबह निंद से जागने पर आंखे चिकट रहना, आंखो खाज और जलन होना, आंखो से धुंधला दिखाई देना, पलक पर सुजन आना, रोशनी सहन नहीं होना, आंखे दुखना और बुखार, सर्दी होना आदि लक्षण इस बीमारी में दिखाई देते है.

रेटीना के मरीज भी बढ़े
डॉ. साकेत लड्ढा ने बताया कि इन दिनों रेटीना पर सुजन के कारण दृष्टि कम होने के मरीज भी दिखाई देने लगे है. इसे वैद्यकीय भाषा में सीएसआर कहा जाता है. यह बीमारी अधिक तनाव के कारण होती है. युवाओं में रेटीना की बीमारी बढ़ने लगी है.

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