अमरावती

कोरोना के चलते आंखों की शल्यक्रियाएं रूकी

489 मरीज कर रहे इलाज का इंतजार

  • 5782 शल्यक्रियाओं का था टार्गेट

  • केवल 14 प्रतिशत शल्यक्रियाएं ही हुई

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५ – जिला सामान्य अस्पताल के नेत्र चिकित्सा विभाग में प्रतिवर्ष तय लक्ष्य की अपेक्षा कई गुना अधिक शल्य क्रियाएं होती है. किंतु इस बार तय लक्ष्य की तुलना में केवल 14.35 प्रतिशत शल्यक्रियाएं ही हुई है. ऐसी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों द्वारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, जिला स्वास्थ्य विभाग के नेत्र चिकित्सालय में जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से मोतियाबिंदू व कांचबिंदू की नि:शुल्क शल्यक्रिया हेतु मरीज भरती होते है. जिनमें अधिकांशत: वयोवृध्द महिलाओं व पुरूषों का समावेश रहता है. ऐसे में यहां पर बडे पैमाने पर नेत्र शल्यक्रियाएं की जाती है और तय लक्ष्य से अधिक शल्य क्रियाएं करने को लेकर वर्ष 2018 में अमरावती जिले ने समूचे राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया था.
जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले को प्रतिवर्ष औसतन 5 हजार 782 नेत्र शल्यक्रिया करने का लक्ष्य दिया गया है और वर्ष 2018 से पहले इससे कई गुना अधिक नेत्रशल्यक्रियाएं जिला सामान्य अस्पताल के नेत्र चिकित्सा विभाग में की जाती थी. वहीं वर्ष 2019 में 5 हजार 233, वर्ष 2020 में 3 हजार 350 तथा वर्ष 2020 के बाद से अब तक केवल 830 मोतीबिंदू शल्यक्रिया व 41 अन्य शल्यक्रियाएं नेत्र चिकित्सा विभाग में किये जाने की जानकारी सामने आयी है.

फिलहाल स्वास्थ्य विभाग का पूरा ध्यान कोविड संक्रमण की स्थिति से निपटने पर लगा हुआ है. हालांकि जिस तरह हर एक व्यक्ति की जान बचाना जरूरी है. उसी तरह हर एक व्यक्ति की दृष्टि बचाना भी जरूरी है. यदि मोतियाबिंद की शल्यक्रिया समय पर न की गई तो कांच बिंदू होने का खतरा उत्पन्न होता है और इसकी भी अनदेखी करने पर हमेशा के लिए अंधत्व आ सकता है. ऐसे में सरकार द्वारा नेत्र चिकित्सा व शल्यक्रिया के लिए कुछ छूट दी जानी चाहिए.
– डॉ. नम्रता सोनोने
नेत्र चिकित्सक, जिला सामान्य अस्पताल

  • अप्रैल में कांचबिंदू के 9 ऑपरेशन

मार्च 2020 से लगातार कोविड संक्रमण का खतरा रहने की वजह से मोतियाबिंदू व कांचबिंदू के ऑपरेशन करने में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड रहा है और कोविड नियमावली का पूरी तरह से पालन करने के साथ ही सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के बावजूद 489 शल्यक्रियाओं को प्रलंबित रखना पडा है. मोतियाबिंदू के ऑपरेशन समय पर नहीं होने की वजह से कई मरीजों में कांच बिंदू की समस्या उत्पन्न हुई है, उन्हें कायम अंधत्व न आये. इस बात को ध्यान में रखते हुए अप्रैल माह के दौरान 9 लोगों पर कांचबिंदू की शल्यक्रिया किये जाने की जानकारी नेत्र शल्य चिकित्सा विभाग के डॉ. गोयनका द्वारा दी गई है.

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