अमरावती

खबरों में तथ्य और आंकड़ों की हो जांच – डॉ. निमिष कपूर

आईआईएमसी में फैक्ट चेक और डेटा वेरिफिकेशन पर दो दिवसीय हुई कार्यशाला

अमरावती/दि.20– पत्रकारों के लिए किसी भी खबर को प्रकाशित करने या दिखाने से पहले यह जरूरी है कि तथ्य और आंकड़ों की जांच-पड़ताल कर लें. इसी पर किसी भी अखबार या मीडिया समूह का भविष्य निर्भर होता है. पत्रकार की विश्वसनीयता टिकी होती है. इसके लिए जरूरी है कि पत्रकारों को तथ्यों की जांच और आंकड़ों की पुष्टि करने की तकनीकों का ज्ञान हो. इस तरह के विचार विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. निमिष कपूर ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती में ‘फैक्ट चेकिंग एंड डेटा वेरिफिकेशन इन न्यूज मीडिया’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के आयोजन के समय कहे. कार्यशाला में डॉ. निमिष कपूर ने हिंदी, मराठी और अंग्रेजी पत्रकारिता के विद्यार्थियों को फैक्ट चेकिंग और डेटा वेरिफिकेशन की विविध तकनीकों से अवगत कराया.

इनमें किसी भी फोटो, वीडियो या ऑडियो की पड़ताल कैसे किया जाए. फैक्ट चैक करने के लिए कौन-कौन से माध्यम है. किसी भी खबर को और अधिक प्रभावी बनाने में डेटा की क्या भूमिका होती है. डेटा को कहां से हासिल किया जा सकता है. डेटा का विश्लेषण कैसे किया जाए. डेटा विश्वसनीय है या नहीं आदि की जानकारी दी.

भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती में ‘फैक्ट चेकिंग एंड डेटा वेरिफिकेशन इन न्यूज मीडिया’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन के अवसर पर डॉ. कपूर ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि वर्तमान में पाठक और दर्शक दोनों की सूचना प्राप्ति के विविध स्रोत से लैस है. अखबार में छपी या टीवी पर दिखाई गई खबर की सत्यता की जांच करने के लिए उनके पास कई माध्यम है. ऐसे में उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता. पत्रकारिता का पहला दायित्व है पाठक और दर्शकों तक सच और तथ्यात्मक खबरों को पहुंचाना. यह तभी संभव हो पाएगा जब पत्रकार स्वयं इन सारी तकनीकों से अवगत हो. कार्यशाला में अतिथि का स्वागत क्षेत्रीय निदेशक डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने किया. कार्यक्रम की प्रस्तावना चैतन्य कायंदेपाटिल ने रखी. संचालन डॉ. आशीष दुबे ने किया व आभार डॉ. विनोद निताले ने माना. हिंदी, मराठी और अंग्रेजी पत्रकारिता के विद्यार्थियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.

Related Articles

Back to top button