अमरावती

फडणवीस की कॉल और चेतन पवार का कंधा

पुतला प्रकरण निपटाने कल सुबह ही तय हो गई थी रणनीति

* अंतिम आमसभा में मामले का किया गया सुखद पटापेक्ष
अमरावती/दि.18– विगत अनेक दिनों से अमरावती शहर में राजापेठ रेलवे उडानपुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने को लेकर राजनीति जबर्दस्त ढंग से गरमायी हुई है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जमकर तेज है. किंतु इस पुरे मामले का सुखद पटापेक्ष कल उस समय हो गया, जब मनपा की आमसभा में राजापेठ रेलवे उडानपुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ ही छत्रपति संभाजी महाराज का पुतला स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही छत्री तालाब परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का अश्वारूढ पुतला स्थापित किये जाने का प्रस्ताव भी मंजुर किया गया. ऐसे में अब हर कोई यह जानना चाह रहा है कि, जब एक दिन पहले तक इसी विषय को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा व मनपा प्रशासन को लेकर युवा स्वाभिमान पार्टी की जबर्दस्त तनातनी चल रही थी. वहीं अकस्मात अब अचानक ऐसा क्या हुआ, की उसी स्थान पर एक छोड दो-दो पुतले स्थापित करने को मंजूरी देने के साथ ही मनपा सदन द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के शहर में दो नये पुतले स्थापित करने को मंजूरी दी गई. जबकि पिछली आमसभा में इस विषय को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा गया था. जबकि उस समय यह मामला बेहद ताजा और गर्म था.
बता दें कि, विगत माह 11 व 12 जनवरी की मध्यरात्री को जीजाऊ जन्मोत्सव का औचित्य साधते हुए विधायक रवि राणा के नेतृत्ववाली युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारी ने राजापेठ रेलवे उडानपुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज का आदमकद पुतला लाकर स्थापित कर दिया था. साथ ही इस पुतले की आरती व पूजन का सिलसिला भी शुरू हो गया था. चूंकि इस पुतले को स्थापित करने से पूर्व किसी तरह की कोई अनुमति हासिल नहीं की गई थी. ऐसे में इसे सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण का मामला मानते हुए मनपा प्रशासन द्वारा पुतले को कडा पुलिस बंदोबस्त लगाते हुए हटा दिया गया था. इसके साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया. साथ ही विधायक रवि राणा ने 19 फरवरी को शिवजयंती के अवसर पर राजापेठ रेलवे उडानपुल पर दुबारा छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने की घोषणा की. जिसके बाद विगत दिनों मनपा प्रशासन ने राजापेठ रेलवे उडानपुल पर बने चबुतरे को भी तोड दिया. जिसकी वजह से मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर पर स्याही फेंकने और कथित रूप से जानलेवा हमला करने की घटना घटित हुई. साथ ही इस दौरान विधायक रवि राणा तथा मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय के बीच जुबानी जंग भी तेज हुई. वही इस बीच मनपा सदस्य रहनेवाले युवा स्वाभिमान पार्टी के तीन नगरसेवकों ने भी अपने पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया था. जिस आनन-फानन में मंजुर भी कर लिया गया था. इसी दौरान आयुक्त पर स्याही फेंकने के साथ ही जानलेवा हमला करने के मामले में पुलिस ने विधायक रवि राणा सहित कुल 11 लोगों को नामजद करते हुए पांच लोगों को अपनी हिरासत में लिया था. जिन्हें पांच दिन के पीसीआर में रखते हुए अब न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया है. इन तमाम घटनाओं को लेकर मनपा की राजनीति सहित पूरे शहर में संभ्रम और तनाववाली स्थिति लगातार बनी हुई थी. वही कल आमसभा की कार्यक्रम पत्रिका में शामिल नहीं रहने के बावजूद सदन की कार्रवाई जारी रहने के दौरान बसपा गुट नेता चेतन पवार द्वारा ऐन समय पर रखे जानेवाले विषयों के तहत राजापेठ रेलवे उडानपुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज व छत्रपति संभाजी महाराज का पुतला स्थापित करने तथा छत्री तालाब परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज का अश्वारूढ पुतला स्थापित करने का प्रस्ताव रखा. जिसका भाजपा पार्षदों द्वारा तुरंत अनुमोदन किया गया. साथ ही पूरे सदन में इस प्रस्ताव को आम सहमति से पारित भी किया. जिसके बाद पीठासीन सभापति के तौर पर महापौर चेतन गावंडे ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव को मंजुरी दी कि, राजापेठ रेलवे उडानपुल सहित छत्री तालाब परिसर में पुतले स्थापित करने हेतु तमाम तरह की अनुमतियां व एनओसी मनपा द्वारा संबंधित महकमों से हासिल की जायेगी और तमाम नियमोें व निर्देशों का पालन करते हुए राजापेठ आरओबी व छत्री तालाब परिसर में पुतलों व स्मारक की स्थापना होगी.
मनपा की आमसभा में इस फैसले को मंजुरी दिये जाने के साथ ही कांग्रेस पार्षद व पूर्व महापौर विलास इंगोले तथा स्वीकृत पार्षद व पूर्व महापौर मिलींद चिमोटे ने बाकायदा इसके लिए मनपा प्रशासन सहित जिले की सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा का अभिनंदन किया और इसे इस पूरे मामले का सुखद पटापेक्ष भी बताया. वही दूसरी ओर आमसभा द्वारा लिये गये निर्णय की जानकारी मिलते ही युवा स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने इसे अपनी जीत बताते हुए जबर्दस्त जल्लोष मनाया. साथ ही पार्टी नेतृत्व यानी राणा दम्पत्ति का अभिनंदन भी किया. उधर दूसरी ओर युवा स्वाभिमान पार्टी के संस्थापक व विधायक रवि राणा ने इस मामले के सुखद पटापेक्ष हेतु राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस सहित महापौर चेतन गावंडे तथा बसपा गुट नेता चेतन पवार के साथ ही इस प्रस्ताव का समर्थन करनेवाले सभी पार्षदों के प्रति आभार ज्ञापित किया है और सोशल मीडिया पर जारी वीडियो संदेश में यह भी कहा है कि, राजापेठ रेलवे उडानपुल पर स्थापित किये जानेवाले छत्रपति शिवाजी व छत्रपति संभाजी महाराज के पुतला परिसर का सौंदर्यीकरण करने हेतु वे अपनी विधायक निधी से 20 लाख रूपये देेंगे.
* यूं बढी तकरार और यूं हुआ पटापेक्ष
ज्ञात रहे कि, जिस दिन राजापेठ रेलवे अंडरपास में मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर पर कुछ महिलाओं द्वारा स्याही फेंकी गई थी. उसी दिन विधायक रवि राणा अमरावती छोडकर दिल्ली चले गये थे और तब से वे लगातार दिल्ली में ही है. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में एक पत्रकार परिषद भी ली, ताकि यह बताया जा सके कि, वे वाकई दिल्ली में ही है. जबकि इस दौरान राजापेठ पुलिस द्वारा उन्हें आयुक्त पर जानलेवा हमला करने व करवाने के मामले में धारा 307 के तहत नामजद करते हुए उनकी तलाश की जा रही थी. उधर दिल्ली में रहने के दौरान विधायक रवि राणा ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से इस मामले को लेकर संपर्क करना जारी रखा. जिनमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस भी शामिल है. देवेेंद्र फडणवीस व रवि राणा के बीच घनिष्ठता जगजाहीर है. साथ ही यह भी सभी जानते है कि, विधायक रवि राणा राज्य स्तर पर तथा उनकी पत्नी व सांसद नवनीत राणा केंद्र स्तर पर भाजपा के पक्ष व समर्थन में है. साथ ही मनपा में भी युवा स्वाभिमान के तीनों नगरसेवकों ने भाजपा को समर्थन देते हुए सत्ता में भागीदारी हासिल की थी. हालांकि भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ विधायक रवि राणा की कभी कोई खास पटरी नहीं बैठी. बल्कि कई बार तो जबर्दस्त विरोधाभास वाली स्थिति भी बनी. चूंकि इस समय मनपा में भाजपा की सत्ता है और विधायक रवि राणा द्वारा राजापेठ आरओबी पर स्थापित किये गये पुतले को मनपा प्रशासन द्वारा हटा दिया गया था. ऐसे में विधायक रवि राणा व भाजपा के स्थानीय नेताओं के बीच खटास और भी अधिक बढ गई. जिसके बाद दोनों ओर से काफी हद तक आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी चले. विधायक रवि राणा की मुख्य नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि, पिछले माह हुई मनपा आमसभा में इस विषय को लेकर कोई प्रस्ताव क्यों नहीं रखा गया. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात की ओर लगी हुई थी कि, गत रोज हुई आमसभा में इस विषय को लेकर कोई प्रस्ताव रखा जाता है अथवा नहीं और बेहद सुखद आश्चर्य का विषय रहा, जब पूरे मामले को लेकर दूर-दूर तक चर्चा में नहीं रहनेवाले बसपा गुट नेता चेतन पवार ने इस विषय को लेकर प्रस्ताव रखा. हालांकि चेतन पवार के साथ ही ऐसा एक प्रस्ताव भाजपा पार्षद सुनील काले की ओर से भी आया था और इन दोनोें प्रस्तावों को सदन द्वारा आम सहमति के साथ मंजूरी दे दी गई.
* कल कुछ ऐसे चली हाई प्रोफाईल राजनीति
राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कल मनपा की आमसभा शुरू होने से पहले राज्य के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस विषय को लेकर मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय से मोबाईल कॉल के जरिये बात की और इस विषय को लेकर आमसभा में प्रस्ताव पेश करने के बारे में जरूरी दिशानिर्देश देने के साथ ही इस मामले को लेकर तनाव व विवाद खत्म करने हेतु कहा. लेकिन सबसे प्रमुख मसला यह था कि, प्रस्ताव किसके द्वारा रखा जाये. क्योंकि इस विषय को लेकर भाजपा और युवा स्वाभिमान के बीच अच्छी-खासी टकरार हो चुकी थी. ऐसे में इस पर्याय पर विचार किया गया कि, विभिन्न मामलों को लेकर भाजपा के समर्थन में रहनेवाले किसी अन्य दल के पार्षद द्वारा यह प्रस्ताव रखवाया जाये, ताकि विपक्षी पार्षद भी इसका विरोध न कर पाये और यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो जाये. जिसके बाद इस काम के लिए बसपा गुट नेता चेतन पवार को चुना गया और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बसपा गुट नेता चेतन पवार कांफ्रेस कॉल के जरिये बातचीत करायी गयी. साथ ही इस बातचीत के बाद बसपा गुट नेता चेतन पवार ने यह प्रस्ताव पेश करने पर हामी भरी. इसके साथ ही इससे ही मिलताजुलता एक प्रस्ताव भाजपा पार्षद सुनील काले के जरिये भी सदन में पेश किया गया. इन दोनों प्रस्तावों का कुल निचोड यह रहा कि, राजापेठ रेलवे उडानपुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित करने के साथ ही छत्री तालाब परिसर में भी अश्वारूढ शिवप्रतिमा स्थापित की जाये. साथ ही चूंकि मनपा द्वारा इससे पहले ही राजापेठ रेलवे उडानपुल को छत्रपति संभाजी महाराज का नाम दिया जा चुका है. ऐसे में राजापेठ रेलवे उडानपुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ-साथ छत्रपति संभाजी महाराज का भी पुतला स्थापित किया जाये. इन दोनों प्रस्तावों को सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष का भी पूरा समर्थन मिला और यह प्रस्ताव आम सहमति के साथ पारित भी हो गया. इसके साथ ही इस पूरे मामले का सुखद पटापेक्ष हो गया है.
छत्रपति शिवाजी महाराज समूचे महाराष्ट्र के आराध्य दैवत है और लाखों-करोडों लोगों की उनके साथ आस्था जुडी हुई है. किंतु विगत कुछ दिनों से उनके पुतले व नाम को लेकर जिस तरह से राजनीति की जा रही है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, उसके चलते इस मसले का जल्द से जल्द हल होना बेहद जरूरी था, ताकि शहर में शांति व सौहार्द की स्थिति बनाये रखने के साथ ही कानून व व्यवस्था की स्थिति को भी बनाये रखा जा सके. इसी बात के मद्देनजर मैने कल की आमसभा में यह प्रस्ताव रखा. जिसका सभी ने समर्थन भी किया. यदि इस

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