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व्यापारियों को दिया बडा वादा फडणवीस सरकार ने किया पूर्ण

एलबीटी का बोरिया बिस्तर बंधा

* शासनादेश जारी
* अमरावती में संपत्ति कर में हुआ था बकाया समायोजित
अमरावती/ दि. 25– सरकार ने चुनाव के समय और विविध अवसरों पर राज्य के व्यापारियों का दिया बडा आश्वासन पूर्ण करते हुए स्थानीय निकाय कर अर्थात एलबीटी विभाग बंद करने की आधिकारिक घोषणा आखिर कर दी. इस घोषणा से प्रदेश के व्यापारियों को बडी राहत मिली है. हालांकि तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया कि जिन व्यापारियों पर एलबीटी बकाया है, उन्हें उसका भुगतान करना पडेगा अथवा नहीं. जानकारों ने अमरावती मंडल को बताया कि विभाग ही बंद हो जाने से अब वसूली धरी की धरी रह जायेगी.
* अमरावती को विशेष लाभ नहीं
अमरावती के व्यापारियों का एलबीटी विभाग बंद होने से विशेष लाभ नहीं होने की जानकारी सूत्रों ने दी. उन्होंने बताया कि देवेन्द्र फडणवीस के पहले कार्यकाल के समय जब जीएसटी लागू हुआ था, उसी समय नागपुर जाकर मीटिंग कर अमरावती के व्यापारियों का एलबीटी का बकाया का मसला हल कर लिया गया था. अधिकारियों ने भी स्पष्ट किया कि लोकल बॉडी टैक्स का बकाया व्यापारियों के संपत्ति टैक्स में समायोजित किया गया था.
* नागपुर में 1 हजार करोड !
जानकारों ने बताया कि नागपुर, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, सोलापुर, मुंबई, पुणे, नाशिक आदि जगहों पर एलबीटी के करोडो रूपए 7-8 वर्षो बाद भी बकाया रहे. अकेले नागपुर में 1 हजार करोड की वसूली बाकी रहने का दावा कर व्यापारी प्रतिनिधियों ने बताया कि कई प्रतिष्ठान संचालक रेट आादि को लेकर कोर्ट गये थे. बहरहाल अभी स्पष्ट नहीं हो पाया कि शासन द्बारा पूरा एलबीटी विभाग बंद करने की सोमवार शाम जारी हुई अधिसूचना के बाद पुराने बकाया का भुगतान करना होगा अथवा नहीं.
* लूटो बॉटो टैक्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मार्च 2014 की अमरावती साइंस्कौर सभा में एलबीटी को लूटो बांटो टैक्स करार दिया था. व्यापारी वर्ग को इस टैक्स से मुक्ति दिलाने का वादा उस सभा में किया था. जनसभा में मौजूद व्यापारी वर्ग बडा खुश हुआ था. मोदी सरकार 1 जुलाई 2017 को सेवा व वस्तु कर जीएसटी प्रणाली लेकर आयी. जीएसटी लागू होते ही एलबीटी स्वयमेव खत्म हो गया. राज्य की फडणवीस सरकार ने विभाग के पूर्ण रूप से बंद करने की अधिसूचना कल सोमवार शाम जारी की.

* मनपा का नुकसान नहीं
मनपा अतिरिक्त आयुक्त महेश देशमुख ने कहा कि मनपा का बकाया एलबीटी व्यापारियों की सम्मति से संपत्ति कर बिलों में समाहित किया गया था. अत: मनपा का कोई नुकसान नही हुआ है. उसी प्रकार एलबीटी की इमारत अब राजापेठ झोन कार्यालय के रूप में कार्यरत है.

* सरकार ने वचन पूर्ण किया
महानगर चेंबर के सचिव घनश्याम राठी ने कहा कि जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद एलबीटी खत्म हो गया. जीएसटी से सरकार का कर संकलन बेतहाशा बढा है. उसी प्रकार देवेन्द्र फडणवीस ने व्यापारियों को पिछली नागपुर मीटिंग में भी एलबीटी विभाग रद्द करने का भरोसा दिलाया था. शासन ने वचन पूर्ण किया है. राठी ने बताया कि अमरावती की बजाय अन्य शहरों में एलबीटी के मसलात जटिल रहे.

 

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