पहले 26 करोड रूपयों के घोटाले पर खुलासा दें फडणवीस
जागरण मंच के दिलीप इंगले की पत्रवार्ता में हुंकार
* सन 94 से 99 के दौरान लघुसिंचन विभाग में हुआ था घोटाला
* 86 आरोपियोें के खिलाफ अदालत में मामला है लंबीत
* अब तक आरोपियों की संपत्ति नहीं हुई है अटैच
अमरावती/दि.6- आगामी 7 अक्तूबर को अमरावती जिले में 350 करोड रूपये के विकास कामों का पुनर्नियोजन करने हेतु राज्य के उपमुख्यमंत्री व जिला पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस अमरावती के जिला दौरे पर आ रहे है, लेकिन नये विकास कामों का नियोजन करने से पहले उन्होंने इस बात का जवाब देना चाहिए कि, उनके मुख्यमंत्री रहते समय उन्हें 30 करोड रूपये के लघुसिंचन घोटाला मामले के संदर्भ में दी गई दो शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है, इस आशय का सवाल जागरण मंच के दिलीप वासुदेवराव इंगले ने यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में उठाया.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में जागरण मंच के दिलीप इंगोले द्वारा बताया गया कि, राज्य में सन 1994 से 1999 के दौरान भाजपा-सेना युती की सत्ता रहते समय लघु सिंचाई विभाग में 30 करोड रूपये का अपहार होने की शिकायत 26 नवंबर 2002 को दर्ज कराई गई थी. जिसे लेकर अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में अपराध क्रमांक 3232/02 दर्ज किया गया और अपराध शोधन रिपोर्ट के आधार पर 26 करोड रूपये वसूल पात्र रहनेवाले 86 आरोपियों की सूची जिला विशेष न्यायालय में दाखिल की गई. लेकिन इन आरोपियों की संपत्ति जप्त करने का पंचनामा व जप्तीनामा इस मामले के साथ दिखाई नहीं दिया. ऐसे में 26 करोड रूपये की इस रकम को राजनीतिक पार्टी से वास्ता रखनेवाले आरोपियों ने चुनाव में इस्तेमाल कर लिया. ऐसी शिकायत 23 फरवरी 2019 को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में पत्र के जरिये दर्ज करायी गई. परंतु इसके बावजूद भी इस मामले में अब तक तत्कालीन मुख्यमंत्री व मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में दिलीप इंगले ने कहा कि, वर्ष 1994 से 1999 के दौरान गबन किया गया पैसा भी विकास कामों पर खर्च होनेवाला सरकारी पैसा था. अत: उस घोटाले की वजह से प्रभावित हुए विकास कामोें की समीक्षा रिपोर्ट भी अमरावती के दौरे पर आ रहे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थानीय जनता के सामने रखनी चाहिए और उसके बाद ही नये विकास कामों का नियोजन करना चाहिए.