फर्जी दिव्यांग ग्रामसेविका गोवारे को करे निलंबीत
जि.प मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अपंग जनता दल का निवेदन
अमरावती/दि.09– जिला परिषद में अपंग अनुशेष पर दिव्यांग न रहते हुए भी डॉक्टर के साथ मिल कर अपंगत्व कर्णबधिर प्रवर्म का प्रमाण पत्र बना कर व ग्रामसेवक के पद पर नियुक्ती प्राप्त करने वाली सुवर्णमाला रमेशराव गोवारे को अपंगत्व की दोबारा जांच की जाए. व दोषी पाये जाने पर निलंबन की कार्रवाई करने की मांग अपंग जनता दल सामाजिक संगठन की ओर से जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी से की गई है.
सौंपे गए निवेदन में कहा गया कि इस विषय में संगठन की ओर से विगत 1 वर्ष के ज्यादा समय से पत्रव्यवहार किया जा रहा है. इस शिकायत के आधार पर तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ग्रामसेविका को अपंगत्व की दोबारा जांच के लिए आदेशित किया था. जिसके चलते ग्रामसेविका ने जिला सामान्य अस्पताल में अपंग प्रमाण पत्र के लिए अर्ज कर जांच कराई. जिसमें उसे 20 प्रतिशत अपंगत्व रहने का प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ. मगर उसे मिले प्रमाण 20 प्रतिशत का प्रमाण पत्र मान्य न होने के चलते स्वास्थ उपसंचालक अकोला के पास अपील प्रस्तुत कर सराहना मांगने पर स्वास्थ उपसंचालक अकोला ने एक समिती गठित कर अकोला मंडल को पत्र भेजकर अपंग निर्देशित मंडल ने उसके अपंगत्व की दोबारा जांच की व कान से कर्णबधिर इस प्रवर्ग में 8 प्रतिशत अपंगत्व रहने का सिध्द कर लेखी रिपोर्ट दी. उस रिपोर्ट के आधार पर ग्रामसेविका यह फर्जी अपंग रहने की बात सामने आ रही है. जिसके कारण ग्रामसेविका गोवारे को निलंबीत करने की मांग अपंग जनता दल के राजिक शहा, मयूर मेश्राम, राहुल वानखडे, टीचकुले ताई, कांचन कुकड़े, सरोज पुनसे, निकिता कावरे, धनश्री पाटोकार, इत्यादि कार्यकर्ता ने की है.