अमरावती

धामणगांव रेलवे तहसील में नकली डॉक्टरों का बोलबाला

कई लोगों ने गवाई जान, जिम्मेदारी कौन लेगा?

धामणगांव रेलवे/ दि. 13– डॉक्टर व्यवसाय के लिए लगने वाली पदवी न कोई मेडिकल प्रमाणपत्र फिर भी खुद की मोटरसाइकिल या कार में सलाइन, इंजेक्शन, गोलियां लेकर सीधे घर-घर जाकर इलाज करने, इसी तरह शहर में अस्पताल डालकर नकली डॉक्टर जनता की जान के साथ खिलवाड कर रहे है. अब तक इन नकली डॉक्टरों के कारण कई लोगों की मौत हो जाने की चौकाने वाली जानकारियां सामने आयी.
धामणगांव रेलवे तहसील में 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 12 उपकेंद्र हैं. शहर में ग्रामीण अस्पताल व निजी अस्पताल है. इन अस्पतालों में कुछ मरीज सेवा लेते है फिर भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में रोजाना नकली डॉक्टरों व्दारा जनता की जान के साथ खिलवाड शुरु है. चारपहिया वाहन में शान से अस्पताल जाते है. चार पहिया वाहन ही अस्पताल, उनकी दवा, सलाइन, इंजेक्शन आदि सामग्री लेकर यह नकली डॉक्टर ग्रामीण परिसर में घुमते है. ग्रामीण जनता का विभिन्न इंजेक्शन, सलाइन व गोलियों से इलाज किया जाता है. शासन निर्णय के अनुसार अब बोगस डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिए जिला स्तरिय स्वतंत्र कमीटी तेैयार की गई हेै. तहसील स्तरीय समिति भी सहयोग करती है. ग्राम समिति को भी कार्रवाई का अधिकार है. मगर सभी दस्तावेजों पर ही देखने को मिल रहा है.

बोगस डॉक्टरों से इलाज न कराये
गांव में इलाज करानेे की बजाय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र व शहर के ग्रामीण अस्पताल में जाकर इलाज कराये. स्वास्थ्य अधिकारी की सलाह काफी महत्वपूर्ण होती है, यहां उचित इलाज होता है, बोगस डॉक्टरों से भुलकर भी इलाज न कराये.
– डॉ.हर्षल क्षिरसागर, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी,
धामणगांव रेलवे

Related Articles

Back to top button