अमरावतीमहाराष्ट्र

नकली खाद ने खोली कृषि विभाग के अभियान की पोल

किसान हुए संतप्त, कृषि अधिकारी सवालों के घेरे में

अमरावती/दि.25– खरीफ सीजन के दौरान किसानों को दर्जेदार खाद, बीज व कीटनाशक मिलने हेतु कृषि विभाग द्वारा प्रतिवर्ष ही पथक गठीत किए जाते है और इस पथक में शामिल रहनेवाले अधिकारियों पर कृषि निविष्ठाओं के सैम्पल लेने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. परंतु हकिकत में यह सबकुछ किसी दिखावे से कम नहीं रहता और हर साल ही किसानों के माथे नकली निविष्ठाएं थोप दी जाती है. इस वर्ष भी अमरावती जिले सहित यवतमाल जिले में नकली खाद बेचे जाने के मामले सामने आए है. यद्यपि कृषि सहसंचालक किसन मुले ने कहा है कि, इन मामलो में जवाबदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन किसानों ने इस पूरे मामले को लेकर अपना संताप व्यक्त करते हुए जानना चाहा है कि, क्या खरीफ सीजन के बित जाने और नकली खाद की वजह उनकी फसल बर्बाद हो जाने के बाद कृषि विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी.
विशेष उल्लेखनीय है कि, जि.प. में चल रहे प्रशासक राज के दौरान जि.प. के कृषि विभाग का कोई वाली नहीं है. अमुमन कृषि विकास अधिकारी यहां पर दिखाई ही नहीं देते, वहीं अभियान अधिकारियों को लेकर भी लगभग यही स्थिति है. नकली खाद व बीज विक्री के मामले उजागर होने के बावजूद भी इन अधिकारियों के जरिए कृषि निविष्ठाओं के अप्रमाणित सैम्पल अब तक सामने नहीं लाए गए. ऐसे में लाखो रुपयों का वेतन लेनेवाले इन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा काम के नाम पर क्या किया जाता है, यह अपनेआप में सबसे बडा सवाल है. साथ ही किसानों द्वारा यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि, जि. प. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा वरिष्ठ कृषि अधिकारी द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से कृषि विभाग का काम पूरी तरह से लचर हो चुका है.
उल्लेखनीय है कि, विगत 10 जुलाई को कृषि संचालक द्वारा जारी निर्देशो के अनुसार सैम्पलो की जवाबदारी तंत्र अधिकारी तथा गुणनियंत्रक व अभियान अधिकारी के पास सौंपी गई है. लेकिन इसके बावजूद भी जिले में नकली खाद की बिक्री बिना दिक्कत चलती रही और किसानों को खाद की बजाए 50 लाख रुपए की दाणेदार मिट्टी खरीदनी पडी. ऐसे में अब इस मामले का ठिकरा किसके सिर पर फुटता है, इसे लेकर जमकर चर्चा चल रही है.

* यवतमाल जिले में भी 60 टन स्टॉक की बिक्री
अब धीरे-धीरे यह जानकारी सामने आ रही है कि, रामा फर्टीकेटम नामक कंपनी ने पूरे राज्यभर में नकली रासायनिक खाद की बिक्री की है. जिसके तहत यवतमाल जिले में भी 50 से 60 टन नकली खाद का स्टॉक बेचा जा चुका है. इस आशय की जानकारी देते हुए कृषि सहसंचालक किसन मुले ने बताया कि, कुछ तहसीलों से मिली शिकायतों को क्लब करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक के पास एकत्रित शिकायत दी जाएगी.

* खाद बिक्री करनेवाले कृषि केंद्रो को नोटिस
नकली खाद बेचने के मामले में 8 कृषि केंद्रो को एसएओ राहुल सातपुते द्वारा इससे पहले भी नोटिस जारी की जा चुकी है. मंगरुल चवाल स्थित इस कृषि केंद्र के संचालक का कहना है कि, वह सरकारी परवाना रहनेवाली कंपनी से सीलबंद निविष्ठा खरीदकर उसकी बिक्री किसानों को करता है. अब उस पैकिंग के भीतर क्या है, इसकी उसे जानकारी नहीं होगी. क्योंकि, उसे जांचने व इसकी जांच करने का कोई अधिकार नहीं है.

* इस पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जिम्मेदार व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल अमरावती संभाग में उक्त कंपनी के स्टॉक को बिक्री बंद कर दिया गया है. साथ ही एकत्रित तौर पर पुलिस विभाग को शिकायत की जाएगी.
– किसनराव मुले, विभागीय कृषि सहसंचालक.

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