नकली खाद शहर में ही होता था तैयार; 50 में से 49 किलो मिट्टी ही
मुख्य सूत्रधार सहित चार गिरफ्तार
अमरावती/दि.6– कृषि विभाग द्वारा 15 दिनों पूर्व चांदूर बाजार व भातकुली तहसील के दो गांवों से नकली डीएपी जप्त किया गया. दरमियान इस मामले की जांच एलसीबी को सौंपी गई थी. जिसके चलते यह मिट्टी मिश्रित बनावटी खाद शहर के एमआइडीसी परिसर में तैयार हो रहा था. इस बनावटी खाद में 50 में से 49 किलो सिर्फ मिट्टी ही होने की जानकारी रासायनिक खाद जांच प्रयोगशाला द्वारा दी गई रिपोर्ट में सामने आयी, यह जानकारी कृषि विभाग के सूत्रों ने दी है.
बंडू शालीकराम सगणे (52, जनता कॉलोनी), रामप्रसाद जयकृष्ण इंगले (39,आष्टी),मिलिंद दादाराव चौधरी (वडुरा,चां.बा., फिलहाल अमरावती) एवं मिलिंद बाबाराव वानखडे (34, ढंगारखेडा) यह गिरफ्तार किए गए तीनों के नाम है. मिलिंद वानखडे को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया.
मिली जानकारी के अनुसार कृषि विभाग ने 17 जून को चांदूर बाजार तहसील के माधान व 21 जून को भातकुली तहसील के खार तलेगांव से किसानों के पास से नकली खाद ताबे में लिया था. दरमियान किसानों को शक होने पर उन्होंने कृषि विभाग से इस बारे में शिकायत की थी. जिस पर कृषि विभाग ने दो स्थानों से करीबन 70 बैग जप्त किये वहीं चांदूर बाजार एवं वलगांव पुलिस में अपराध दर्ज किया गया. जांच के दौरान एलसीबी ने तीनों को गिरफ्तार किया. इनमें से मिलिंद चौधरी ने उसके एक साथी के साथ शहर के एमआइडीसी परिसर में किराये से गोदाम लिया था. इसी गोदाम में एक पैकिंग मशीन रखी गई थी व वहीं पर बनावटी खाद की बैग की पैकिंग की जाती थी. बनावटी जीएपी के रुप में प्रत्येक बैग में 50 किलो ह्युमन्स ग्रेन्युअर डाला जा रहा था. ह्युमन्स ग्रेन्युअल यह फल बागों में डालने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी ही है. चौधरी गुजरात से ह्युमन्स ग्रेन्युअल मंगवाता था. गुजरात से आने पर उसकी पैकिंग की जाती थी. बाद में किसानों को डीएपी होने की बात कहकर बिक्री की जाती थी. एक बैग तैयार करने के लिए 700 से 800 रुपए खर्च होते थे. यह बैग 1150 रुपए में किसानों को बेची जा रही थी. ऐसी 700 बैग तैयार कर जिलेभर में बिक्री करने की बात आरोपी ने पुलिस जांच के दौरान कही.