राज्य में नकली दवा आपूर्ति का भंडाफोड
स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगा सवालिया निशान
मुंबई/दि.7 – नागपुर, वर्धा, भिवंडी व अंबाजोगाई सहित राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में नकली दवाईयों के आपूर्ति के मामले सामने आ रहे है और दवा आपूर्ति में होने वाले बोगसगिरी का भंडाफोड हुआ है. जिसके पीछे कोई बडा अंतरराज्यिय रैकेट रहने की संभावना है. जिसके चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, विगत 15 माह से किसी न किसी सरकारी अस्पताल में नकली दवाईयों का स्टॉक मिल रहा है और मामले की जांच भी चल रही है. लेकिन इसके बावजूद अब तक प्रशासन के हाथ पूरी तरह से खाली है.
बता दें कि, नागपुर, वर्धा व भिवंडी सहित अब अंबाजोगाई के स्वामी रामानंदा तीर्थ वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में नकली दवाईयों की आपूर्ति होने का मामला सामने आया है. अंबाजोगाई के अस्पताला में एक मरीज का नकली दवा की वजह से रिएक्शन हुई. जिसे लेकर अस्पताल प्रशासन ने अन्न व औषधी प्रशासन के पास शिकायत दर्ज कराई. जांच के दौरान पता चला कि, नागपुर में भी एजीथ्रोमायसिन की नकली गोलियों की आपूर्ति हुई है. ऐसे में अन्न व औधषी प्रशासन ने इस दवाई के प्रयोग को रुकवाते हुए हॉस्पिटल के स्टॉक की जांच की, तो पता चला कि, अंबाजोगाई के अस्पताल में 25 हजार गोलियों का स्टॉक मिला. साथ ही पता चला कि, एजीथ्रोमायसिन टैबलेट की आपूर्ति का ठेका कोल्हापुर की विशाल इंटरप्राइजेस नामक कंपनी को मिला था और इसी कंपनी ने अंबाजोगाई के स्वामी रामानंदा तीर्थ अस्पताल को दवाईयों की आपूर्ति की थी. साथ ही साथ इसी कंपनी ने नागपुर के सरकारी अस्पताल में भी इस दवा की आपूर्ति की थी और इस कंपनी के खिलाफ नागपुर के अजनी पुलिस थाने में अपराध भी दर्ज है. ऐसे में अब पूरे मामले की सघन जांच की जा रही है. लेकिन आश्चर्य इस बात को लेकर जताया जा रहा है कि, विगत 15 माह से राज्य के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में उजागर हो रहे इन मामलों के बावजूद अब तक पुलिस तथा अन्न व औषधि प्रशासन विभाग के हाथ पूरी तरह से खाली है.