फर्जी मुहर व हस्ताक्षर का गोरखधंधा
निर्माण मजदूर पंजीयन व नुतनीकरण के नाम पर रैकेट सक्रिय
* बेरोजगारों सहित सरकार के साथ हो रही जबर्दस्त जालसाजी
अमरावती /दि.29– विगत 2 जून 2024 से ग्रामसेवक संगठन द्वारा निर्माणकार्य मजदूर पंजीयन व नुतनीकरण संबंधित आवेदन पर हस्ताक्षर करना व अपनी मुहर लगाना बंद कर दिया गया है. जिसके चलते कई जरुरतमंद मजदूर अब भी निर्माण कार्य मजदूर योजना के लाभ से वंचित है. इस हेतु मजदूर संगठन द्वारा समय-समय पर मोर्चे निकालकर व आवेदन करते हुए अपना रोष व्यक्त किया गया. परंतु इसका कोई उपयोग नहीं हुआ. इसका फायदा लेकर गरीब कामगारों से पैसा निकालकर उन्हें ग्रामसेवकों के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर वाले प्रमाणपत्र देने वाला रैकेट जिले की कई तहसीलों में सक्रिय हो गया है. इसकी वजह से कामगारों के साथ-साथ राज्य सरकार के साथ भी जालसाजी हो रही है. परंतु हैरत की बात यह है कि, कामगार कल्याण मंडल इन तमाम बातों से पूरी तरह अनभिज्ञ है.
उल्लेखनीय है कि, किसी भी सरकारी अधिकारी की फर्जी मुहर बनाना या उसके नाम पर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करना कानूनन अपराध है. ऐसे में यद्यपि फिलहाल सरकारी अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर का उपयोग निर्माणकार्य कामगारों के पंजीयन हेतु किया जा रहा है. वहीं आगे चलकर उसी मुहर का प्रयोग करते हुए अन्य सरकारी कामकाज में भी गडबडी किये जाने की पूरी संभावना है.
* गांव में उस नाम का ग्रामसेवक ही नहीं है
हैरत की बात यह है कि, एक निर्माण मजदूर के आवेदन पर एक ही गांव में दो अलग-अलग नाम वाले ग्रामसेवक के हस्ताक्षर व मुहर दर्ज है. खास बात यह है कि, हस्ताक्षर रहने वाले नाम का व्यक्ति कही पर भी सरकारी सेवा में शामिल ही नहीं है.
* 600 रुपए में फर्जी प्रमाणपत्र
महज 600 रुपए में सरकार की किट दिलाने की बात करते हुए एक संस्था ने जिले भर में अपनी दुकानदारी फैला रखी है. जो निर्माणकार्य मजदूरों को सरकारी अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर वाले प्रमाणपत्र जारी करती है.
* 90 दिन काम करने का आवेदन करना अनिवार्य
कामगारों को विविध योजनाओं का लाभ हासिल करने हेतु पंजीयन व नुतनीकरण करने के लिए ग्रामपंचायत के ग्रामसेवक व ग्रामविकास अधिकारी के हस्ताक्षर व मुहर रहने वाला 90 दिन काम करने का प्रमाणपत्र पेश करना अनिवार्य होता है.
* कौन है मास्टरमाइंड?
फर्जी हस्ताक्षर व मुहर वाले इस गारेखधंधे का मास्टरमाइंड कौन है, यह खोजना कामगार कल्याण मंडल के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित होगा. फर्जी हस्ताक्षर व मुहर से यदि कामगारों का पंजीयन होता है, तो संदेह की सुई कामगार कल्याण मंडल की ओर भी घूमती दिखाई देती है.
* विविध योजनाओं का मिलता है लाभ
महाराष्ट्र राज्य इमारत व अन्य निर्माणकार्य कामगार कल्याणकारी मंडल अंतर्गत पंजीकृत कामगारों को विविध योजनाओं का लाभ मिलता है. जिसमें सुरक्षा साहित्य, घर उपयोगी वस्तुएं, दुर्घटना बीमा व पाल्यों को छात्रवृत्ति दी जाती है.
* जालसाजी व प्रलोभन में ना फंसे मजदूर
निर्माण कामगारों के पंजीयन को लेकर गडबडी होने की बात सुनाई दी है. परंतु अब तक किसी की भी नियमानुसार शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. किसी भी कामगार ने जालसाजी का शिकार नहीं होना चाहिए, ऐसा आवाहन कामगार कल्याण मंडल की ओर से जारी किया गया है. साथ ही प्रमाणपत्र हेतु किसी दलाल या संस्था से संपर्क करने की बजाय सीधे संबंधित सरकारी अधिकारियों से मिलने की बात भी कही गई है.