* चुनाव के बाद उन्मादियों पर कार्रवाई का मामला
अमरावती/दि. 12- लोकसभा चुनाव के परिणाम पश्चात विजयी और पराजित दोनों पक्षों के पदाधिकारियों की जुबानी जंग के साथ ही उन्माद का भी कुछ अंश में प्रदर्शन हुआ था. पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों पर गिरफ्तारी की कार्रवाई कर कानूनन प्रक्रिया पूर्ण की. किंतु इसके बाद शहर और जिले में समाज माध्यमो पर कहीं और का वीडियो अमरावती का बताकर खूब वायरल किया गया. जिससे नाहक गलतफहमी उपजने की आशंका हो गई थी. डीसीपी गणेश शिंदे ने खुलासा किया कि, वह वीडियो अमरावती का नहीं है. फेक वीडियो है. अमरावती में पुलिस ने किसी भी उन्मादी को नहीं पीटा. उसी प्रकार कानून के अनुसार एवं पारदर्शी कार्रवाई यहां करने का स्पष्टीकरण शिंदे ने दिया है.
* क्या है वीडियो में
जो वीडियो वायरल तथा चर्चित हुआ है. उसमें एक पुलिस कर्मी कमरे में बंद दर्जनों युवकों पर डंडे बरसाता दिखा गया है. युवक चोट लगने पर चीखपुकार भी मचाते नजर आते हैं. वीडियो में सीखचे भी दिखाई पडती है. स्पष्ट है कि, यह वीडियो अमरावती अथवा महाराष्ट्र के किसी शहर का नहीं है. वीडियो के नीचे टैग लाइन है कि, यही है अमरावती जिले का माहौल खराब करनेवाले और हाथों से इशारा करनेवाले, अब इनका हाल देखीए. पुलिस ने आज अमरावती मंडल को बताया कि, यह सरासर फेक वीडियो है.
* दोनों ओर व्यग्रता
इस वीडियो ने अमरावती शहर और जिले में चर्चा उफान पर ला दी. उसी प्रकार दोनों ही ओर व्यग्रता देखी गई. वीडियो आपस में शेअर भी किया गया है. कुछ ही घंटो में सैकडों ग्रुप में वीडियो भेजा गया. जिससे व्यग्रता भी बढती दिखाई दी.
* शुरु की जांच, साइबर टीम लगी काम से
पुलिस को भी इस वीडियो को लेकर कई लोगों ने पूछपरख की. जिससे वीडियो किसने सर्वप्रथम वायरल किया, इस बात की खोजबीन साइबर टीम कर रही है. साइबर के कई अधिकारी और कर्मी काम से लगे है. बता दे कि, विवादास्पद संदेश और वीडियो, रील्स फैलाने वाले 30 लोग शहर पुलिस पहले ही नामजद कर चुकी है. उन्हें साइबर थाने बुलाकर कडी ताकीद दी जा चुकी है. ताजा मामला भी गंभीर होने से उसे जारी करने वाले की तलाश हो रही है. वह भी जल्द पुलिस कार्रवाई की जद में होगा, ऐसा विश्वास एक जांच अधिकारी ने अमरावती मंडल से बातचीत में व्यक्त किया.
* क्या कहा डीसीपी ने
डीसीपी गणेश शिंदे ने अमरावती मंडल से उपरोक्त वायरल वीडियो के विषय में बताया कि, पुलिस ऐसे कार्रवाई नहीं करती. खासकर अमरावती में पुलिस का कामकाज पूरी तरह पारदर्शी और कानून सम्मत है. अमरावती में दोनों ही ओर के 7-7 लोगों को डिटेन किया गया था. उनकी कार्रवाई पूर्ण कर कानूनी प्रावधान के हिसाब से जमानत पर रिहा किया गया है. डीसीपी शिंदे बिलकुल स्पष्ट कहा कि, अमरावती में पुलिस ने किसी को नहीं पीटा.